सुप्रीम कोर्ट ने अमेज़न -फ्यूचर मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय में आगे की कार्यवाही पर रोक लगाई

LiveLaw News Network

19 April 2021 1:30 PM IST

  • सुप्रीम कोर्ट ने अमेज़न -फ्यूचर मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय में आगे की कार्यवाही पर रोक लगाई

    सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अमेज़न -फ्यूचर-रिलायंस मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय के एकल न्यायाधीश और डिवीजन बेंच के समक्ष आगे की कार्यवाही पर रोक लगा दी।

    जस्टिस आरएफ नरीमन, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस हृषिकेश रॉय की एक बेंच ने अमेज़न डॉट कॉम, एनवी इन्वेस्टमेंट होल्डिंग्स एलएलसी द्वारा दायर एक विशेष अनुमति याचिका में आदेश पारित किया।

    अमेज़न ने दिल्ली उच्च न्यायालय की एकपीठ द्वारा पारित 22 मार्च के उस आदेश को चुनौती देते हुए सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी जिसने रिलायंस-फ्यूचर डील को लेकर सिंगापुर-ट्रिब्यूनल द्वारा पारित किए गए आपातकाल अवार्ड को मंज़ूरी दिए जाने के एकल पीठ के फैसले पर रोक लगा दी थी।

    न्यायमूर्ति नरीमन ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा,

    "मामला वैसे भी यहां खत्म हो जाएगा। क्यों नहीं हम सुनवाई खत्म करें।"

    पीठ ने कहा कि वह उच्च न्यायालय में कार्यवाही पर रोक लगाएगी और मामले की सुनवाई करेगी। इस मामले को 4 मई को सूचीबद्ध किया जाएगा। तब तक पक्षकारों को अपनी दलीलों को पूरा करने के लिए निर्देशित किया गया है।

    दिल्ली उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति मिड्ढा की एकल न्यायाधीश पीठ ने पहले अमेज़न द्वारा आवेदन क्षेत्र को फ्यूचर-रिलायंस सौदे के खिलाफ आपातकालीन अवार्ड को लागू करने की अनुमति दी थी।

    एकल पीठ ने कहा था कि आपातकालीन मध्यस्थ मध्यस्थता और सुलह अधिनियम की धारा के 17 (1) के तहत सभी उद्देश्यों के लिए मध्यस्थ हैं और इस तरह के आपातकालीन मध्यस्थ द्वारा पारित आदेश अधिनियम की धारा 17 (2) के लिए लागू करने योग्य है।

    सिंगल बेंच ने यह भी कहा कि प्रतिवादीफ्यूचर ग्रुप ने तथ्यों की पुष्टि किए बिना ही शून्यता की एक अस्पष्ट दलील दी है। इसके अलावा, अदालत ने यह माना कि याचिकाकर्ता (अमेज़न डॉट कॉम) का निवेश किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं करता है। इसे देखते हुए, न्यायालय ने फ्यूजर ग्रुप पर गरीबी रेखा से नीचे के समूह से संबंधित वरिष्ठ नागरिकों के कोविड 19 टीकाकरण के लिए पीएम फंड में 20 लाख रुपये जमा करने के जुर्माने के साथ याचिका खारिज कर दी।

    न्यायालय ने उसे 2 सप्ताह के भीतर ये राशि जमा करने का आदेश दिया और कहा कि उसके बाद 1 सप्ताह के भीतर रिकॉर्ड में डाल दिया जाएगा।

    22 मार्च को मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की खंडपीठ ने फ्यूचर ग्रुप की अपील पर एकल पीठ के आदेश पर रोक लगा दी।

    अमेज़न ने पहले सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली उच्च न्यायालय डिवीजन बेंच के एक अंतरिम आदेश के खिलाफ याचिका दाखिल की थी , जिसने फ्यूचर-रिलायंस सौदे पर पिछले साल दिसंबर में एकल पीठ द्वारा आदेशित यथास्थिति पर रोक लगा दी थी।

    उस मामले में, सर्वोच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने एनसीएलटी को ट्रिब्यूनल के समक्ष कार्यवाही जारी रखने की अनुमति देते हुए रिलायंस-फ्यूचर कंपनियों के विलय की योजना को मंज़ूरी देने से रोक दिया था।

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