संपादकीय

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
संसद की नई इमारत के ऊपर लगी शेर की मूर्ति राज्य प्रतीक अधिनियम का उल्लंघन नहीं: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को माना कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत निर्माणाधीन नए संसद भवन के ऊपर स्थापित शेर की मूर्ति भारत के राज्य प्रतीक (अनुचित उपयोग का निषेध) अधिनियम, 2005 का उल्लंघन नहीं करती है। जस्टिस एमआर शाह और कृष्ण मुरारी की पीठ ने ऐसा मानते हुए दो वकीलों द्वारा दायर एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया, जिन्होंने दावा किया था कि नई मूर्ति भारत के राज्य प्रतीक (अनुचित उपयोग का निषेध) अधिनियम, 2005 के तहत अनुमोदित राष्ट्रीय प्रतीक के डिजाइन के विपरीत है। याचिकाकर्ता के इस तर्क पर कि...

क्या सुप्रीम कोर्ट विवाह को भंग करने के लिए अनुच्छेद 142 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग कर सकता है, फैसला सुरक्षित
क्या सुप्रीम कोर्ट विवाह को भंग करने के लिए अनुच्छेद 142 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग कर सकता है, फैसला सुरक्षित

सुप्रीम कोर्ट की एक संविधान पीठ ने गुरुवार को कानून के सामान्य प्रश्न उठाने वाली याचिकाओं के एक बैच की सुनवाई शुरू की, अर्थात्, क्या वह विवाह को भंग करने के लिए अनुच्छेद 142 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग कर सकता है, इस तरह की शक्ति का प्रयोग करने के लिए व्यापक मानदंड क्या हैं , और क्या पक्षकारों की आपसी सहमति के अभाव में ऐसी असाधारण शक्तियों के आह्वान की अनुमति दी गई है।कई ट्रांसफर याचिकाओं की सुनवाई के दौरान पहले दो प्रश्न मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और जस्टिस एन वी रमना की बेंच ( तत्कालीन) ने...

बॉम्बे हाईकोर्ट, मुंबई
'डांडिया, गरबा के लिए लाउडस्पीकर, डीजे बजाने की जरूरत नहीं': बॉम्बे हाईकोर्ट ने शांति पूर्ण ढंग से नवरात्र उत्सव मनाने की अनुमति दी

बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) की नागपुर बेंच ने रामदासपेठ प्लॉट ओनर्स एंड रेजिडेंस एसोसिएशन (एसोसिएशन) को शांति पूर्ण ढंग से नवरात्र उत्सव मनाने की अनुमति दी।कोर्ट ने कहा कि डांडिया, गरबा के लिए लाउडस्पीकर, डीजे बजाने की जरूरत नहीं है।अदालत ने कहा,"डांडिया और गरबा, धार्मिक उत्सव का आंतरिक हिस्सा होने के कारण अभी भी पूरी तरह से पारंपरिक और धार्मिक तरीके से किया जा सकता है, जिसमें लाउडस्पीकर, डीजे बजाने की जरूरत नहीं है।"जस्टिस सुनील शुक्रे और जस्टिस गोविंद सनप की खंडपीठ ने नवरात्र महोत्सव...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
व्यभिचार परिवार को अलग कर देता है; इस तरह के मामलों को हल्के में नहीं लेना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि व्यभिचार (Adultery) गहरा दर्द पैदा करता है और परिवारों को अलग कर देता है। इसलिए, इससे संबंधित मामलों को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए।जस्टिस केएम जोसेफ की अध्यक्षता वाली एक संविधान पीठ ने मौखिक रूप से कहा,"आप सभी वकील उस दर्द, गहरे दर्द से अवगत हैं जो व्यभिचार एक परिवार में पैदा करता है। हमने उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों के रूप में कई सत्र आयोजित किए हैं, बंदी प्रत्यक्षीकरण क्षेत्राधिकार, हमने देखा है कि व्यभिचार के कारण परिवार कैसे टूटते हैं। हमने...

केरल हाईकोर्ट
केरल हाईकोर्ट ने पीएफआई को हड़ताल के कारण हुए नुकसान के लिए 5 करोड़ रुपये जमा करने का निर्देश दिया, कोर्ट ने कहा- नागरिकों की जान जोखिम में नहीं डाली जा सकती

केरल हाईकोर्ट (Kerala High Court) ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के नेताओं के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य में फ्लैश हड़ताल के अवैध आह्वान को देखते हुए पीएफआई को दो सप्ताह के भीतर अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह विभाग के पास 5.20 करोड़ रुपये की राशि जमा करने का निर्देश दिया है। जैसा कि राज्य सरकार के साथ-साथ केएसआरटीसी ने राज्य में सार्वजनिक / निजी संपत्ति को हुए नुकसान / क्षति के लिए पीएफआई को 5 करोड़ रुपए का भुगतान करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।22 सितंबर को एनआईए द्वारा अपने नेताओं की...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
सभी महिलाओं को गर्भपात का अधिकार, विवाहित और अविवाहित महिलाओं के बीच भेदभाव असंवैधानिक: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि विवाहित और अविवाहित महिलाओं के बीच भेदभाव नहीं कर सकते हैं। अविवाहित महिलाओं को भी 20-24 सप्ताह के गर्भ को गर्भपात कराने की अधिकार है।कोर्ट ने फैसला सुनाया कि मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी रूल्स से अविवाहित महिलाओं को लिव-इन रिलेशनशिप से बाहर करना असंवैधानिक है।कोर्ट ने कहा, "सभी महिलाएं सुरक्षित और कानूनी गर्भपात की हकदार हैं।"कोर्ट ने कहा कि मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट में 2021 का संशोधन विवाहित और अविवाहित महिलाओं के...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
स्पीकर 10वीं अनुसूची के तहत अयोग्य ठहराए गए विधायकों को पेंशन और अन्य लाभों से वंचित नहीं कर सकते: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत, एक विधान सभा के अध्यक्ष के पास एक पूर्व विधायक के खिलाफ अयोग्यता याचिका पर फैसला करते समय पेंशन और अन्य लाभों से इनकार करने की शक्ति नहीं है।भारत के चीफ जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस रवींद्र भट और जस्टिस जेबी पारदीवाला जद (यू) के तत्कालीन चार विधायकों - ज्ञानेंद्र कुमार सिंह, रवींद्र राय, नीरज कुमार सिंह और राहुल कुमार की अपीलों पर विचार कर रहे थे, जिन्हें न केवल अयोग्य ठहराया गया था, बल्कि यह भी कहा गया था कि उन्हें 15वें बिहार...

सक्षम पति को वैध तरीके से कमाकर अपनी पत्नी और नाबालिग बच्चे का भरण पोषण करना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट
सक्षम पति को वैध तरीके से कमाकर अपनी पत्नी और नाबालिग बच्चे का भरण पोषण करना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक सक्षम पति वैध तरीकों से कमाने और अपनी पत्नी और नाबालिग बच्चे का भरण पोषण करने के लिए बाध्य है। जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने कहा," पति को शारीरिक श्रम से भी पैसा कमाने की आवश्यकता होती है, अगर वह सक्षम है तो क़ानून में उल्लिखित कानूनी रूप से अनुमेय आधारों को छोड़कर अपने दायित्व से बच नहीं सकता।"इस मामले में फैमिली कोर्ट ने सीआरपीसी की धारा 125 के तहत एक पत्नी द्वारा दायर भरण-पोषण याचिका को खारिज कर दिया। हालांकि, नाबालिग बेटे के लिए भरण...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
'कोर्ट किसी के साथ हुई नाइंसाफी की भरपाई किसी बेगुनाह को सज़ा देकर नहीं कर सकता': सुप्रीम कोर्ट ने कथित रेप और मर्डर के दोषी को बरी किया

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने छह साल की बच्ची से कथित बलात्कार और हत्या के मामले में मौत की सजा पाए व्यक्ति को बरी कर दिया।कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष के गवाहों द्वारा दिए गए बयानों में गंभीर अंतर्विरोध हैं और ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट दोनों ने इसे पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया है।जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम की बेंच ने मामले की सुनवाई की।पीठ ने कहा,"कोर्ट किसी के साथ हुई नाइंसाफी की भरपाई किसी बेगुनाह को सज़ा देकर नहीं कर सकता।" पीठ ने यह भी कहा कि...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर आरक्षण अधिनियम 2005 के प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिका को वापस लेने की अनुमति दी

सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू और कश्मीर आरक्षण अधिनियम, 2005 के कुछ प्रावधानों और संबंधित नियमों को अवैध और असंवैधानिक घोषित करने की मांग वाली एक याचिका को वापस लेने की अनुमति दी।भारत के चीफ जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस रवींद्र भट और जस्टिस जेबी पारदीवाला की खंडपीठ को ऐसा करने के लिए प्रेरित किया गया क्योंकि अदालत को याचिका दायर करने के बाद हुई घटनाओं के बारे में बताया गया था।कोर्ट ने कहा,"रिट याचिका दायर करने के बाद से जो घटनाक्रम हुआ है, उसे देखते हुए, हम याचिकाकर्ताओं को कानून के लिए ज्ञात तरीके से उचित...

क्या मंत्रियों के लिए बोलने की स्वतंत्रता पर ज्यादा प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं ? सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ 15 नवंबर को करेगी सुनवाई
क्या मंत्रियों के लिए बोलने की स्वतंत्रता पर ज्यादा प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं ? सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ 15 नवंबर को करेगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजनिक पदाधिकारियों के लिए बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार की सीमा से संबंधित याचिकाओं की सुनवाई 15 नवंबर, 2022 को शुरू करने का फैसला किया है।मामले के आधार पर संक्षेप में सुनवाई करते हुए जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर, जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस ए एस बोपन्ना, जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम और जस्टिस बी वी नागरत्ना ने संकेत दिया कि भारत के संविधान, 1950 के अनुच्छेद 19 (1) (ए) के तहत बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार पर प्रतिबंध, मामले से मामले के आधार पर निर्धारित किया...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने समय सीमा के भीतर मौत की सजा के दोषी बलवंत सिंह राजोआना की दया याचिका पर फैसला नहीं करने पर केंद्र की खिंचाई की

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड में मौत की सजा के दोषी बलवंत सिंह राजोआना की दया याचिका पर समय सीमा के भीतर फैसला नहीं करने पर केंद्र सरकार की खिंचाई की।2 मई को, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि वह मौत की सजा पाने वाले बलवंत सिंह राजोआना की दया याचिका पर 2 महीने के भीतर इस तथ्य से प्रभावित हुए बिना फैसला करें कि मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड में अन्य दोषियों द्वारा दायर अपीलें लंबित हैं।भारत के चीफ जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस रवींद्र भट और जस्टिस...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
2016 में हुई नोटबंदी की वैधता पर सुनवाई की अब जरूरत है या नहीं? सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ 12 अक्टूबर को तय करेगी

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की संविधान पीठ 12 अक्टूबर को ये तय करेगी कि क्या 2016 में हुई नोटबंदी की वैधता पर सुनवाई की अब जरूरत है या नहीं।जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस एएस बोपन्ना, जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम और जस्टिस बीवी नागरत्ना की संविधान पीठ 58 याचिकाओं पर विचार कर रही थी, जो केंद्र सरकार द्वारा 500 और 100 रुपये के नोटों को बंद करने के फैसले को चुनौती देती हैं।जस्टिस नज़ीर ने शुरू में पूछा,"क्या यह मुद्दा अब भी जीवित है?"वकील ने जवाब दिया कि 2016 में सुप्रीम कोर्ट...

सुप्रीम कोर्ट ने एकनाथ शिंदे ग्रुप के असली शिवसेना के दावे पर चुनाव आयोग को फैसला करने से रोकने की उद्धव ग्रुप की मांग खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने एकनाथ शिंदे ग्रुप के असली शिवसेना के दावे पर चुनाव आयोग को फैसला करने से रोकने की उद्धव ग्रुप की मांग खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को भारत के चुनाव आयोग को एकनाथ शिंदे ग्रुप के असली शिवसेना के दावे पर फैसला करने से रोकने से इनकार कर दिया। कोर्ट की एक संविधान पीठ ने एक दिन की लंबी सुनवाई के बाद उद्धव ठाकरे समूह द्वारा दायर स्टे की अर्जी खारिज कर दी।बेंच ने आदेश दिया,"हम निर्देश देते हैं कि भारत के चुनाव आयोग के समक्ष कार्यवाही पर कोई रोक नहीं होगी। तदनुसार, इंटरलोक्यूटरी एप्लिकेशन को खारिज कर दिया जाता है।"जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस एम.आर. शाह, जस्टिस कृष्णा मुरारी, जस्टिस हिमा कोहली और...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
EWS Quota: सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने 103वें संवैधानिक संशोधन को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रखा

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की संविधान पीठ ने 103 वें संवैधानिक संशोधन को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रखा। इस संशोधन से शिक्षा और सार्वजनिक रोजगार में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के लिए 10% आरक्षण प्रदान किया गया।भारत के चीफ जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, जस्टिस एस रवींद्र भट, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस जेबी पारदीवाला की 5 जजों की बेंच ने सात दिनों तक सुनवाई की।अंतिम दिन याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने केंद्र सरकार की दलीलों का जवाब दिया।रिज्वाइंडर तर्क...

जस्टिस दीपांकर दत्ता, बॉम्बे हाईकोर्ट चीफ जस्टिस
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने बॉम्बे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में पदोन्नत करने की सिफारिश की

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने बॉम्बे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता (Justice Dipankar Datta) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के जज के रूप में पदोन्नत करने की सिफारिश की।सुप्रीम कोर्ट में जजों के लिए स्वीकृत 34 पदों में से 5 पद खाली हैं। जस्टिस दत्ता की नियुक्ति से जजों की कुल संख्या 30 हो जाएगी।जस्टिस दत्ता कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश, दिवंगत (जस्टिस) सलिल कुमार दत्ता के पुत्र हैं।जस्टिस दत्ता का जन्म फरवरी 1965 में हुआ और उन्होंने अपनी एलएलबी की डिग्री 1989 में कलकत्ता यूनिवर्सिटी...

शाहरुख खान
सुप्रीम कोर्ट ने 2017 के भगदड़ के संबंध में एक्टर शाहरुख खान के खिलाफ दर्ज केस रद्द करने के हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) के खिलाफ दर्ज आपराधिक केस को रद्द करने के गुजरात हाईकोर्ट के आदेश और फैसले की आलोचना करने वाली याचिका खारिज की।अभिनेता के खिलाफ जनवरी 2017 में वडोदरा रेलवे स्टेशन पर भगदड़ के संबंध में केस दर्ज किया गया था।जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस सी टी रविकुमार की शीर्ष अदालत की खंडपीठ ने जितेंद्र मधुबाई सोलंकी द्वारा दायर शिकायत को खारिज करने के उच्च न्यायालय के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए आदेश पारित...

उपयुक्तता के संबंध में गलत जानकारी या छिपाने पर कर्मचारी को सेवा से बर्खास्त किया जा सकता है : सुप्रीम कोर्ट
उपयुक्तता के संबंध में गलत जानकारी या छिपाने पर कर्मचारी को सेवा से बर्खास्त किया जा सकता है : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसी कर्मचारी को सेवा से बर्खास्त किया जा सकता है यदि यह पाया जाता है कि उसने अपनी फिटनेस या पद के लिए उपयुक्तता को प्रभावित करने वाले मामलों के संबंध में गलत जानकारी दी थी।जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि सामग्री जानकारी को छिपाने और गिरफ्तारी, अभियोजन, दोषसिद्धि आदि से संबंधित सत्यापन फॉर्म में गलत बयान देने से कर्मचारी के चरित्र, आचरण और इतिहास पर स्पष्ट प्रभाव पड़ता है।अदालत ने यह भी कहा कि एक आपराधिक मामले में बरी होने से उम्मीदवार को पद...

ताज महल, आगरा
सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल के 500 मीटर के दायरे में आने वाली सभी व्यावसायिक गतिविधियां को तुरंत रोकने का आदेश दिया

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आगरा विकास प्राधिकरण को ताजमहल की परिधि की दीवार से 500 मीटर के दायरे में आने वाली सभी व्यावसायिक गतिविधियों को तुरंत रोकने का निर्देश जारी किया।जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस अभय एस. ओका की पीठ ने प्रतिष्ठित ऐतिहासिक स्थल की सुरक्षा के लिए निम्नलिखित निर्देश जारी किए,"हम आगरा विकास प्राधिकरण को ताजमहल की दीवार से 500 मीटर के दायरे में आने वाली सभी व्यावसायिक गतिविधियों को रोकने का आदेश देते हैं जो भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 के अनुरूप होगा।"यह निर्देश दुकान...