संपादकीय
दिल्ली हिंसा : सुप्रीम कोर्ट ने BJP नेताओं के खिलाफ FIR की याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट भेजा, 6 मार्च को सुनवाई करने को कहा
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से अनुरोध किया कि वह शुक्रवार (6 मार्च) को उन याचिकाओं पर सुनवाई करे जिसमें पिछले हफ्ते उत्तर पूर्वी दिल्ली के कुछ हिस्सों में हुए दंगों के मद्देनजर कथित हेट स्पीच के लिए बीजेपी नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है। पीठ ने हाईकोर्ट से मामले को तेजी से सुनने का अनुरोध किया है। मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने टिप्पणी की कि उच्च न्यायालय द्वारा मामले की सुनवाई को लंबे वक्त तक टाला जाना उचित नहीं है। मुख्य...
दस्तावेजी सबूतों के अभाव में मात्र मौखिक गवाही नागरिकता का सबूत नहींः गुवाहाटी हाईकोर्ट
गुवाहाटी हाईकोर्ट ने दोहराया है कि फॉरेनर्स एक्ट, 1946 के तहत की गई कार्यवाही में दस्तावेजी साक्ष्य के अभाव में दी गई मौखिक गवाही नागरिकता का प्रमाण नहीं है। जस्टिस मनोजीत भुयन और जस्टिस पार्थिवज्योति सैकिया की खंडपीठ ने 25 अक्टूबर, 2018 को फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल, मोरीगांव के फैसले को बरकरार रखा, जिसमें नूरुल अमीन नामक एक व्यक्ति को 1971 असम समझौते के अनुसार विदेशी घोषित किया गया था। अपनी नागरिकता साबित करने के लिए याचिकाकर्ता ने 10 दस्तावेज पेश किए थे, अपने अनुमानित पिता के नाम के सबूत के रूप...
ब्रेकिंग : सुप्रीम कोर्ट ने RBI द्वारा क्रिप्टोकरेंसी पर लगाया प्रतिबंध हटाया
एक महत्वपूर्ण फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को RBI द्वारा जुलाई 2018 से बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा क्रिप्टोकरेंसी के संबंध में सेवाएं प्रदान करने या क्रिप्टोकरेंसी व्यापार से निपटने के संबंध में लगाए गए प्रतिबंध को हटा दिया। जस्टिस रोहिंटन नरीमन, जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम की तीन जजों की बेंच ने फैसला ये फैसला सुनाते हुए 2018 के परिपत्र / अधिसूचना को रद्द कर दिया है। इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IMAI) की याचिका पर ये फैसला आया है। दरअसल इंटरनेट...
सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिब्यूनलों के निष्क्रिय रहने और रिक्तियों पर केंद्र की खिंचाई की
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार दोपहर 2 बजे देश भर में ट्रिब्यूनलों के कामकाज की अक्षमता के मुद्दे पर बेंच को अवगत कराने के लिए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और ASG आत्माराम नाडकर्णी को लंच से पहले बुलाया। SG तुषार मेहता और ASG नाडकर्णी ने जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस डी माहेश्वरी की पीठ ने ऋण वसूली न्यायाधिकरण (DRT ) सहित विभिन्न न्यायाधिकरणों में रिक्तियों के मुद्दे और उनके बचाव की स्थिति के बारे में जानकारी देने के लिए 16 मार्च 2020 तक के लिए समय मांगा।"यह केवल DRT के बारे में नहीं है, कई...
आदेश 33, सीपीसी: जानिए कौन है 'निर्धन व्यक्ति' जिसे प्रथमतः कोर्ट-फीस देने से मिल सकती है छूट?
जैसा कि हम जानते हैं, किसी व्यक्ति को न्याय तक उसकी पहुंच से केवल इसीलिए दूर नहीं किया जा सकता है क्योंकि उसके पास अदालत के लिए निर्धारित शुल्क (जिसे हम 'कोर्ट-फीस' कहते हैं) का भुगतान करने के लिए पर्याप्त साधन मौजूद नहीं है [ए. ए. हजा मुनिउद्दीन बनाम भारतीय रेलवे, (1992) 4 एससीसी 736]। सुप्रीम कोर्ट ने शीला बरसे बनाम महाराष्ट्र राज्य AIR (1983) SC 378, सुनील बत्रा बनाम दिल्ली प्रशासन AIR 1978 SC 1675, एम. एच. होसकोट बनाम महाराष्ट्र राज्य AIR 1978 SC 1548, हुसैनारा खातून बनाम बिहार राज्य AIR...
LLM छात्रा से बलात्कार: चिन्मयानंद की जमानत रद्द करने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार किया, ट्रायल को दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग पर नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बलात्कार के आरोपी भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद को जमानत देने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली LLM की छात्रा द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा की पीठ ने कहा कि आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं है। पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट ने यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त शर्तें लगाई थीं कि आरोपी सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेंगे या धमकी नहीं देंगे।साथ ही पीठ ने मामले के...
ब्रेकिंग : संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयुक्त ने CAA के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में हस्तक्षेप आवेदन दायर
एक महत्वपूर्ण घटना में, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयुक्त ने विवादास्पद नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक हस्तक्षेप आवेदन दायर किया है।विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र के इस कदम की आलोचना की है। MEA के प्रवक्ता ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि भारत के जिनेवा में स्थायी मिशन को संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त ने मानवाधिकार से सोमवार शाम को सूचित किया कि उनके कार्यालय ने भारत के सर्वोच्च न्यायालय में एक हस्तक्षेप आवेदन दायर किया है।MEA ने कहा कि नागरिकता...
58½ वर्ष की आयु सीमा पार करने वाले न्यायिक अधिकारी HC में पदोन्नत नहीं हो सकते : केरल हाईकोर्ट
केरल उच्च न्यायालय ने माना है कि उच्चतर न्यायपालिका में पदोन्नति के लिए, एक न्यायिक अधिकारी की आयु रिक्ति की तारीख पर 58½ वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। यह अवलोकन न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति वी जी अरुण की पीठ ने राज्य के उच्च न्यायिक सेवा के सबसे वरिष्ठ जिला जजों में से एक जॉन के इलिक्कदन द्वारा दाखिल रिट अपील में किया। माना गया है कि इलिक्कदन के सामने जब एक रिक्ति आई तो वो 58 वर्ष की आयु पार कर चुके थे और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में उन पर विचार ना करने पर...
यूपी की जेलों में कस्टडी में मौत आम बात : डॉक्टर कफील खान की पत्नी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश को पत्र लिखकर अपने पति के लिए सुरक्षा मांगी
अपने पति डॉ.कफील खान के जीवन के लिए खतरे को समझते हुए डॉक्टर शबिस्ता खान ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गोविंद माथुर को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने अपने पति की सुरक्षा सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है। इस समय कफील खान राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत मथुरा जेल में बंद हैं। उन्हें इसी साल जनवरी में मुंबई से गिरफ्तार किया गया था। डॉक्टर खान पर आरोप है कि उन्होंने कथित रूप से सीएए के विरोध के बीच अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में 13 दिसंबर, 2019 को एक भड़काऊ भाषण...
निर्भया गैंगरेप : पटियाला हाउस कोर्ट ने दोषियों को मंगलवार को होने वाली फांसी टाली, डेथ वारंट पर अगले आदेश तक रोक
दिल्ली गैंगरेप- हत्या मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने मंगलवार को होने वाली फांसी को टाल दिया है। अदालत ने सोमवार को अगले आदेश तक फांसी को टाल दिया है। एक दोषी पवन गुप्ता की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित होने के चलते ये आदेश जारी किया। ये तीसरी बार है जब डेथ वारंट पर रोक लगाई गई है।सोमवार सुबह दोषी अक्षय और पवन की याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया था और डेथ वारंट पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। लेकिन इसके बाद वकील ए पी सिंह ने पवन गुप्ता की ओर से राष्ट्रपति के पास दया याचिका दाखिल की...
दिल्ली हिंसा : अदालत की निगरानी में SIT जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका दाखिल
दिल्ली हिंसा को लेकर अदालत की निगरानी में SIT जांच को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका दायर की गई है। इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या, दिल्ली के अशोक नगर और अन्य जगहों पर धार्मिक स्थलों में तोड़फोड़ / बर्बरता, CRPF के जवानों पर तेजाब फेंकने और BSF जवान के घर को नष्ट करने के साथ- साथ दंगे / हिंसा को रोकने में पुलिस अधिकारियों की विफलता की जांच की मांग भी की गई है।याचिका दिल्ली निवासी और सामाजिक कार्यकर्ता योगिता भयाना ने वकील उत्सव सिंह बैंस के माध्यम से की...
उमर अब्दुल्ला की PSA के तहत हिरासत : सारा अब्दुल्ला की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 5 मार्च को करेगा सुनवाई
जम्मू-कश्मीर पब्लिक सेफ्टी एक्ट ( PSA) के तहत जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की हिरासत के खिलाफ सारा अब्दुल्ला पायलट की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 5 मार्च गुरुवार को सुनवाई करेगा। जम्मू और कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की नजरबंदी के मामले के साथ वर्तमान मामले की समानता को देखते हुए जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस इंदिरा बनर्जी की पीठ ने अवलोकन किया। "इस तरह के मामलों में भी, उच्च न्यायालय पहला उपाय है। उन्होंने (पायलट) ने हाईकोर्ट में पहले नहीं...
निर्भया के दोषियों को अंगदान का विकल्प मिले, रिटायर्ड जज की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के सेवानिवृत न्यायाधीश माइकल एफ सलदाना की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें निर्भया दोषियों को अंग दान के लिए विकल्प देने के निर्देश देने का अनुरोध किया गया था। जस्टिस आर बानुमति की पीठ ने कहा, "किसी व्यक्ति को मौत करना परिवार के लिए सबसे दुखद हिस्सा है। आप (याचिकाकर्ता) चाहते हैं कि उनका शरीर टुकड़ों में कट जाए.. कुछ मानवीय दृष्टिकोण दिखाइए। अंग दान को स्वैच्छिक होना चाहिए।" दरअसल सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल कर कहा गया था कि निर्भया कांड...
निर्भया गैंगरेप : हत्या : दोषी पवन गुप्ता की क्यूरेटिव याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की, फांसी पर रोक लगाने की मांग भी ठुकराई
दिल्ली गैंगरेप- हत्या मामले में चौथे दोषी पवन गुप्ता की क्यूरेटिव याचिका भी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है ।पांच जजों के पीठ ने मंगलवार को होने वाली फांसी पर भी रोक लगाने से इनकार कर दिया है। इसके साथ ही कानूनी उपचार के तौर पर चारों दोषियों के उपाय पूरे हो गए हैं । हालांकि उसके पास राष्ट्रपति के पास दया याचिका का उपाय बाकी है। जस्टिस एम वी रमना, जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस आर एफ नरीमन, जस्टिस आर बानुमति और जस्टिस अशोक भूषण के पीठ ने सोमवार को चेंबर में इस याचिका पर विचार करते हुए मामले की...
अनुच्छेद 370 : सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों का पीठ ही करेगी सुनवाई, बड़ी पीठ को संदर्भित करने से इनकार
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि जम्मू और कश्मीर की विशेष स्थिति को निरस्त करने के लिए 5 और 6 अगस्त को अनुच्छेद 370 के तहत जारी किए गए राष्ट्रपति के आदेशों को चुनौती देने वाली याचिकाओं को बड़ी पीठ को संदर्भित करने की आवश्यकता नहीं है। पीठ ने कहा कि संविधान पीठ के दो पुराने फैसलों में कोेई विरोधाभासी टिप्पणी नहीं है और वर्तमान पीठ इस मामले की सुनवाई के लिए सक्षम है। हालांकि पीठ ने कोई तारीख सुनवाई के लिए तय नहीं की है। जस्टिस एन वी रमना, जस्टिस एस के कौल, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी, जस्टिस बी...
वादी को वाद दायर करने का कारण हासिल हो जाता है जब उसका कोई अधिकार स्पष्ट और जाहिर तौर पर खतरे में हो : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वादी को वाद दायर करने का कारण तब मिल जाता है जब उसके अधिकार के स्पष्ट और जाहिर तौर पर हनन का खतरा होता है। न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा की खंडपीठ ने यह टिप्पणी हाईकोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखते हुए की, जिसमें कहा गया था कि ज़ी टेलीफिल्म्स लिमिटेड एवं अन्य के खिलाफ वादियों के वाद निश्चित समय सीमा से प्रतिबंधित नहीं थे। इस मामले में फिल्म निर्माण, वितरण और सिनेकला प्रदर्शन के व्यवसाय से जुड़े वादियों ने बचाव पक्ष द्वारा नामित चार व्यक्तियों को...
शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का मौलिक अधिकार लोकतंत्र की बुनियादी विशेषताः कर्नाटक हाईकोर्ट
कर्नाटक हाईकोर्ट ने दिसंबर 2019 में सीएए विरोधी प्रदर्शनों के मद्देनजर बेंगलुरु में लगाई गई धारा 144 को अवैध मानते हुए कहा है कि शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का मौलिक अधिकार लोकतंत्र की बुनियादी विशेषता है। चीफ जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस हेमंत चंदनगौदर की खंडपीठ ने कहा, "शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने के मौलिक अधिकार के उल्लंघन को, जो लोकतंत्र की एक बुनियादी विशेषता है, रिट कोर्ट हल्के में नहीं ले सकती है।" कोर्ट ने कहा कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत दिए गए निषेधात्मक आदेश की वैधता...
क्या एक जज का प्रधानमंत्री की सराहना करना नैतिक है?
अनुराग भास्करसुप्रीम कोर्ट की मेजबानी में 22-23 फरवरी को एक अंतरराष्ट्रीय न्यायिक कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया, जिसका विषय था- 'न्यायपालिका व बदलती दुनिया'। भारतीय और विदेशी जजों के बीच विचारों का संवाद सहज बनाना कान्फ्रेंस का उद्देश्य था। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा में की गई जस्टिस अरुण मिश्रा की एक टिप्पणी ने बीस से अधिक देशों (यूनाइटेड किंगडम और ऑस्ट्रेलिया सहित) के जजों को न्यायिक नैतिकता और औचित्य के विषयों पर विचार करने को मजबूर किया होगा, जबकि यह सम्मेलन का एजेंडा नहीं...
दिल्ली हिंसा : राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने उत्तर-पूर्व दिल्ली में हुई हिंसा की जांच के लिए टीमें गठित की
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने अपने महानिदेशक (जांच) को दिल्ली के उत्तर पूर्वी भागों में दंगों के दौरान मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों की जांच करने के लिए दो टीमों को नियुक्त करने का निर्देश दिया है। ये टीमें तथ्यों की खोज करेंगी।24 फरवरी को राष्ट्रीय राजधानी के उत्तर-पूर्वी जिलों में सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी। कथित तौर पर, कुछ राजनीतिकों द्वारा दिए गए भड़काऊ बयानों के कारण, एक उन्मादी भीड़ ने सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे निहत्थे व्यक्तियों पर क्रूर हमले किए थे। जबकि दिल्ली हाईकोर्ट के...
डीआरटी की डिक्री को चुनौती देने वाले वाद सुनवाई योग्य नहीं : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ऋण वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) द्वारा जारी डिक्री को चुनौती देने की बुनियादी राहत वाले मुकदमे सुनवाई योग्य नहीं होते हैं।इस मामले में डीआरटी की ओर से जारी डिक्री को चुनौती देते हुए मुकदमे दायर किये गये थे। बैंक ने नागरिक प्रक्रिया संहिता (सीपीसी) के आदेश-7 नियम 11(डी) के प्रावधानों के तहत इस आधार पर वाद खारिज करने के लिए अर्जी दी थी कि बैंक एवं वित्तीय संस्थान अधिनियम, 1993, खासकर धारा 18,19 और 20, के तहत ऋण की वसूली के प्रावधानों पर विचार करते हुए ये वाद सुनवाई योग्य...