निर्भया गैंगरेप : हत्या : दोषी पवन गुप्ता की क्यूरेटिव याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की, फांसी पर रोक लगाने की मांग भी ठुकराई
LiveLaw News Network
2 March 2020 11:39 AM IST
दिल्ली गैंगरेप- हत्या मामले में चौथे दोषी पवन गुप्ता की क्यूरेटिव याचिका भी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है ।पांच जजों के पीठ ने मंगलवार को होने वाली फांसी पर भी रोक लगाने से इनकार कर दिया है। इसके साथ ही कानूनी उपचार के तौर पर चारों दोषियों के उपाय पूरे हो गए हैं । हालांकि उसके पास राष्ट्रपति के पास दया याचिका का उपाय बाकी है।
जस्टिस एम वी रमना, जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस आर एफ नरीमन, जस्टिस आर बानुमति और जस्टिस अशोक भूषण के पीठ ने सोमवार को चेंबर में इस याचिका पर विचार करते हुए मामले की खुली अदालत में सुनवाई की मांग भी ठुकरा दी है। पीठ ने कहा कि याचिका के लिए कोई आधार नहीं है।
वकील ए पी सिंह के माध्यम से दाखिल इस याचिका में अपराध के समय नाबालिग होने को आधार बनाया था और कहा है कि इस मामले में नए तथ्य सामने आए हैं जिससे साफ है कि वो घटना के समय नाबालिग था। इस मामले में दोषी पवन के पास अभी राष्ट्रपति के पास दया याचिका लगाने का संवैधानिक आधार भी बचा है।
हालांकि इस मामले में तीन दोषियों मुकेश, अक्षय सिंह और विनय शर्मा के सारे उपचार पूरे हो चुके हैं। पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों की मौत की सजा के लिए नया डेथ वारंट जारी किया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने कहा था कि दोषियों को तीन मार्च की सुबह 6 बजे फांसी पर लटकाया जाए। ये फैसला दिया गया जब अदालत को बताया गया कि फिलहाल कोई याचिका लंबित नहीं है ।
17 जनवरी को पटियाला हाउस अदालत द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार, दोषियों को 1 फरवरी को सुबह 6 बजे फांसी दी जानी थी लेकिन इस आदेश को ट्रायल कोर्ट ने 31 जनवरी को इस आधार पर रोक दिया था कि सभी दोषियों ने अपने हर कानूनी उपाय को समाप्त नहीं किया है। दो दोषियों की दया याचिका तब लंबित थी। ट्रायल कोर्ट ने माना था कि इन दोषियों को अलग-अलग फांसी नहीं दी जा सकती है क्योंकि उन्हें ही एक सामान्य आदेश द्वारा सजा सुनाई गई थी।
हालांकि केंद्र ने इस आदेश को दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष चुनौती दी, लेकिन हाईकोर्ट ने इसमें हस्तक्षेप नहीं किया। कोर्ट ने, हालांकि, दोषियों द्वारा अपनाई गई "देरी की रणनीति" को देखते हुए निर्देश दिया था कि उन्हें 5 फरवरी से शुरू होने वाले सात दिनों के भीतर अपने उपचार को समाप्त करना चाहिए।