दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश: पत्रकार रजत शर्मा के डीपफेक वीडियो होस्ट करने वाले यूट्यूब चैनल बंद करें
दिल्ली हाईकोर्ट ने वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा के डीपफेक और मनगढ़ंत वीडियो को होस्ट और प्रसारित करने वाले दो यूट्यूब चैनलों को तत्काल हटाने का आदेश दिया। न्यायालय ने यह फैसला रजत शर्मा के व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा की मांग वाली एक याचिका पर सुनाया।जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने यूट्यूब प्लेटफॉर्म की मेजबानी करने वाली गूगल एलएलसी को 36 घंटे के भीतर इन दोनों चैनलों को हटाने का निर्देश दिया।इसके साथ ही कोर्ट ने गूगल को एक सप्ताह के भीतर शर्मा को इन चैनलों के BSI विवरण संपर्क जानकारी और...
रेप मामलों में पीड़िता का चरित्र हथियार नहीं बन सकता, सहमति का मतलब नहीं : दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा कि बलात्कार के मामलों में पीड़िता का चरित्र, चाहे वह कितना भी दागदार क्यों न हो उसे सहमति का अर्थ देने के लिए उसके खिलाफ हथियार नहीं बनाया जा सकता।"जस्टिस अमित महाजन ने इस बात पर जोर दिया कि यहां तक कि एक इच्छुक साथी जो कुछ पैसे के बदले किसी क्लाइंट के साथ जाती है वह भी बलात्कार की शिकार हो सकती है।कोर्ट ने यह टिप्पणी एक बलात्कार के आरोपी की याचिका पर सुनवाई करते हुए की, जिसने अपने खिलाफ दर्ज FIR रद्द करने की मांग की। आरोपी, एक विवाहित व्यक्ति...
दिल्ली हाईकोर्ट ने अर्धसैनिक बलों के कर्मियों द्वारा तबादलों को चुनौती देने वाली याचिकाओं में वृद्धि की ओर इशारा किया, कहा- इसमें तुरंत हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि अर्धसैनिक बलों के कर्मियों द्वारा अपने तबादलों को चुनौती देने वाली याचिकाओं की उसके पास प्रतिदिन बाढ़ आ रही है।जस्टिस सी. हरिशंकर और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने कहा कि न्यायालय को ऐसे मंच के रूप में नहीं देखा जा सकता, जहां स्थानांतरण आदेशों के कार्यान्वयन की गारंटी हो, भले ही स्थानांतरण दिशानिर्देशों का उल्लंघन न करता हो।कोर्ट ने कहा कि उसने यह सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश की कि कर्मियों को अनावश्यक असुविधा न हो और दिशानिर्देशों का पूरी ईमानदारी से पालन किया...
जबरदस्ती वसूली धमकी के बाद पूर्व डूसू अध्यक्ष रौनक खत्री को दी जाए पुलिस सुरक्षा: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि वह रोहित गोदारा गिरोह द्वारा जबरन वसूली की धमकी के आरोपों पर दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) के पूर्व अध्यक्ष रौनक खत्री द्वारा पुलिस सुरक्षा के लिए किए गए अनुरोध पर शीघ्र कार्रवाई करे।जस्टिस रविंदर डुडेजा ने अंतरिम आदेश देते हुए कहा कि एक बीट कांस्टेबल अगले दो हफ़्तों तक हर दिन कम से कम एक बार खत्री से मिलकर उनकी कुशलक्षेम सुनिश्चित करेगा।खत्री का कहना था कि 29 सितंबर को उन्हें यूक्रेन में रजिस्टर्ड एक फ़ोन नंबर से धमकी भरे...
"क्या 'धोखा' शब्द का इस्तेमाल कर सकते हैं?" — डाबर की याचिका पर पतंजलि के च्यवनप्राश विज्ञापन पर दिल्ली हाईकोर्ट का सवाल
दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को पतंजलि आयुर्वेद से उसके उस टीवी विज्ञापन पर सवाल किया जिसमें उसने अपने अलावा बाकी सभी च्यवनप्राश उत्पादों को “धोखा” कहा है।जस्टिस तेजस कारिया ने टिप्पणी की कि जहां अन्य च्यवनप्राश उत्पादों को “साधारण” या “कमतर” कहना विज्ञापन की छूट के दायरे में आ सकता है, वहीं उन्हें “धोखा” कहना अपमानजनक (disparaging) नहीं माना जाएगा क्या? अदालत ने इस मामले में डाबर इंडिया लिमिटेड द्वारा दाखिल अंतरिम निषेधाज्ञा (interim injunction) याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया। डाबर इंडिया ने...
ब्रीफिंग वकीलों और लॉ फर्मों को उद्धृत केस कानूनों का सत्यापन करना होगा: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि ब्रीफिंग वकीलों और लॉ फर्मों को उद्धृत केस कानूनों का सत्यापन करना होगा। न्यायालय ने इस बात पर ज़ोर दिया कि समीक्षाधीन निर्णयों पर भरोसा करने से न्यायिक प्रक्रिया गुमराह हो सकती है।जस्टिस पुरुषेंद्र कुमार कौरव ने कहा,"निर्देश देने वाले और ब्रीफिंग वकीलों/लॉ फर्मों से अपेक्षा की जाती है कि वे न्यायालय में उद्धृत करने से पहले प्राधिकारियों का पूरी लगन और ईमानदारी से सत्यापन करें। ऐसे लंबित मामलों का खुलासा किए बिना समीक्षाधीन या अपीलाधीन निर्णय पर भरोसा करना कोर्ट के...
अधिकार क्षेत्र न रखने वाली अदालतों को भेजे गए मामले प्रिंसिपल जिला जज को वापस किए जाएंगे: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के लिए महत्वपूर्ण प्रशासनिक आदेश जारी किया। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि यदि कोई भी मामला गलती से ऐसी अदालत को आवंटित हो जाता है, जिसके पास उसे सुनने का अधिकार क्षेत्र नहीं है तो फाइल को तत्काल संबंधित प्रिंसिपल जिला एंड सेशन जज को वापस करना होगा ताकि उसे सही अधिकार क्षेत्र वाली सक्षम अदालत को नए सिरे से आवंटित किया जा सके।जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने राष्ट्रीय राजधानी के सभी जिलों के प्रिंसिपल जिला एंड सेशन जजों को इस संबंध में प्रशासनिक परिपत्र (Administrative...
विवाह अमान्य होने पर भी लागू रहेगी IPC की धारा 498A: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने कल यह निर्णय दिया कि भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 498A — जो किसी विवाहित महिला के प्रति उसके पति या ससुराल वालों द्वारा की गई क्रूरता को अपराध घोषित करती है — तब भी लागू होगी जब पति-पत्नी के बीच विवाह बाद में अवैध घोषित कर दिया जाए।जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने कहा, “पति की परिभाषा की उद्देश्यमूलक व्याख्या करते हुए यह कहा जा सकता है कि ऐसे व्यक्ति भी इसके दायरे में आते हैं जो विवाहिक संबंध में प्रवेश करते हैं, भले ही वह विवाह बाद में तकनीकी रूप से अमान्य घोषित हो जाए। इसलिए...
सामान्य वैवाहिक जीवन में महज ताने दिए जाना और पारिवारिक कलह क्रूरता नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि वैवाहिक जीवन में सामान्य उतार-चढ़ाव के दौरान केवल ताने आकस्मिक संदर्भ और सामान्य पारिवारिक कलह क्रूरता का अपराध नहीं माना जा सकता।जस्टिस अमित महाजन ने कहा कि सबूतों के अभाव में भी पति के दूर के रिश्तेदारों को भी जो वैवाहिक घर में रहते भी नहीं हैं, घसीटने की प्रवृत्ति बढ़ रही है।कोर्ट ने तर्क दिया कि ऐसा केवल क्रूरता के कथित कृत्यों में उनकी सक्रिय भागीदारी को उजागर करने के लिए किया जाता है, क्योंकि ऐसे रिश्तेदार पक्षकारों के वैवाहिक कटुता से अवगत हो सकते हैं।जज ने...
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग नियम के तहत PMLA के आरोपियों को ED जांच में प्रत्यक्ष उपस्थिति से बचने का कोई विकल्प नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को फैसला सुनाया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग नियम, प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच में प्रत्यक्ष और अनिवार्य उपस्थिति से बचने के लिए धन शोधन के आरोपियों के लिए एक आश्रय के रूप में काम नहीं करते हैं।जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने कहा कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा साक्ष्य रिकॉर्डिंग की सुविधा के लिए है, न कि किसी फरार आरोपी को अनिवार्य जांच का सामना करने से बचाने के लिए।यह देखते हुए कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की शुरुआत मुकदमे की प्रगति को सुगम बनाने और उन गवाहों को कम से कम असुविधा...
सुनवाई के दौरान 'निष्पक्ष टिप्पणियों' पर मीडिया की सनसनी फैलाने वाली रिपोर्टिंग चिंताजनक: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान की गई 'केवल सनसनी फैलाने' के लिए की गई 'निष्पक्ष टिप्पणियों' की मीडिया रिपोर्टिंग के 'चिंताजनक चलन' की ओर इशारा किया।जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने कहा,"हाल के दिनों में यह एक चिंताजनक चलन बन गया है कि किसी मामले की सुनवाई के दौरान अदालत द्वारा की गई कुछ सबसे निष्पक्ष टिप्पणियों, जो कार्यवाही से जुड़ी भी हो सकती हैं या नहीं भी, की रिपोर्टिंग केवल सनसनी फैलाने के लिए की जाती है।"जज ने आगे कहा,"अदालती कार्यवाही की ऐसी रिपोर्टिंग, जो जनता में अधिक रुचि के...
शेयर बाज़ार में निवेश के बाद रिश्वत से अर्जित लाभ भी अपराध की आय का हिस्सा, PMLA के तहत ज़ब्त किया जा सकता है: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को फैसला सुनाया कि शेयर बाज़ार में निवेश के बाद रिश्वत के पैसे से अर्जित लाभ अपराध की आय है और PMLA के तहत ज़ब्त किया जा सकता है।जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की खंडपीठ ने कहा कि मूल्य में वृद्धि दूषित स्रोत को शुद्ध या शुद्ध नहीं करती है, क्योंकि बढ़ा हुआ मूल्य रिश्वत के मूल अवैध स्रोत से अभिन्न और अप्रत्यक्ष रूप से प्राप्त होता है।न्यायालय ने कहा,'यदि कोई लोक सेवक रिश्वत लेता है, जो भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के अंतर्गत अपराध है और उस राशि...
UAE में हिरासत में लिए गए सेलीना जेटली के भाई के लिए प्रभावी कानूनी सहायता सुनिश्चित की जाए: दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश
दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को अभिनेत्री सेलीना जेटली की याचिका पर नोटिस जारी किया है, जिसमें उन्होंने अपने भाई — सेवानिवृत्त मेजर विक्रांत कुमार जेटली — के लिए यूएई में गिरफ्तारी और हिरासत के दौरान प्रभावी कानूनी प्रतिनिधित्व की मांग की है।जस्टिस सचिन दत्ता ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा और सुनवाई की अगली तारीख 4 दिसंबर तय की। सेलीना जेटली सुनवाई के दौरान स्वयं कोर्ट में मौजूद रहीं। कोर्ट ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे उनके भाई को कानूनी सहायता और परिवार से संपर्क सुनिश्चित करें, और इसके लिए...
Maintenance Case | जहां प्रत्यक्ष प्रमाण उपलब्ध न हो वहां पक्षकारों की आय का न्यायिक आकलन आवश्यक: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि वैवाहिक मामलों में भरण-पोषण प्रदान करने के उद्देश्य से जहां पक्षकारों की आय का कोई प्रत्यक्ष प्रमाण उपलब्ध न हो, वहां न्यायिक आकलन आवश्यक है।जस्टिस संजीव नरूला ने कहा,"जहां आय का पूर्ण विवरण नहीं दिया गया या दस्तावेज़ी प्रमाण अपूर्ण हैं, वहां कोर्ट से विशुद्ध रूप से अंकगणितीय पद्धति अपनाने की अपेक्षा नहीं की जाती है, बल्कि वे पक्षकारों के समग्र जीवन स्तर, जीवनशैली और आसपास की परिस्थितियों के आधार पर उचित अनुमान लगा सकते हैं। अंतर्निहित तर्क यह है कि जहां आय का प्रत्यक्ष...
शादी के वादे का उल्लंघन झूठा वादा नहीं: रेप मामलों पर दिल्ली हाईकोर्ट का स्पष्टीकरण
दिल्ली हाईकोर्ट ने रेप के एक मामले में 20 वर्षीय आरोपी को जमानत देते हुए शादी के झूठे वादे और उस वादे के उल्लंघन के बीच के महत्वपूर्ण अंतर को समझाया।जस्टिस रविंदर दूडेजा ने स्पष्ट किया कि रेप के आरोपों से निपटते समय हर बार वादे के उल्लंघन को शादी के झूठे वादे के रूप में देखना उचित नहीं है। साथ ही कोर्ट ने जोर देते हुए कहा कि प्रत्येक मामला अपने तथ्यों पर निर्भर करेगा।कोर्ट ने दोनों के बीच के अंतर को विस्तार से समझाया:झूठा वादा : झूठे वादे के मामले में आरोपी का शुरू से ही पीड़िता से शादी करने का...
अटेंडेंस कम होने पर स्टूडेंट्स को परीक्षा से नहीं रोका जा सकता: दिल्ली हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए यह आदेश दिया कि भारत में किसी भी मान्यता प्राप्त लॉ कॉलेज, विश्वविद्यालय या संस्थान में नामांकित किसी भी छात्र को न्यूनतम उपस्थिति (मिनिमम अटेंडेंस) की कमी के आधार पर परीक्षा देने या आगे की शैक्षणिक पढ़ाई से नहीं रोका जाएगा।जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह और जस्टिस अमित शर्मा की खंडपीठ ने स्पष्ट किया,"किसी भी लॉ कॉलेज, विश्वविद्यालय या संस्थान को बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) द्वारा निर्धारित न्यूनतम प्रतिशत से अधिक उपस्थिति मानदंड अनिवार्य करने की...
मामला सौंपे जाने पर आगे की जांच का आदेश केवल सेशन कोर्ट ही दे सकता है, इलाका मजिस्ट्रेट नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि किसी मामले के सौंपे जाने पर, केवल सत्र न्यायालय ही आगे की जाँच का आदेश दे सकता है, इलाका मजिस्ट्रेट नहीं।जस्टिस प्रतिभा एम सिंह और जस्टिस रजनीश कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने कहा,"मजिस्ट्रेट द्वारा मामला सौंपे जाने के बाद सेशन कोर्ट ही मामले की सुनवाई करता है। BNSS की धारा 193(9) के प्रावधान में कोई संदेह नहीं है कि मामले को सौंपे जाने के बाद आगे की जांच का आदेश देने का अधिकार सेशन कोर्ट के पास है।"कोर्ट ने कहा कि सेशन कोर्ट, जिसे एक बार मूल अधिकार क्षेत्र प्राप्त...
मेडिकल सेंटर चलाने से रोकने वाली ज़मानत शर्त आजीविका के अधिकार का उल्लंघन नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि किसी डॉक्टर को ज़मानत की शर्तों के तहत अपने मेडिकल सेंटर चलाने से रोकना उसके आजीविका के अधिकार (अनुच्छेद 19(1)(g)) का उल्लंघन नहीं है।जस्टिस सुब्रमोनियम प्रसाद ने कहा कि, “आवेदक, जो एक डॉक्टर हैं, वे किसी अन्य मेडिकल सेंटर से जुड़कर अपना पेशा जारी रख सकते हैं। ट्रायल पूरा होने तक अपने सेंटर को चलाने से रोकना उनकी रोज़ी-रोटी नहीं छीनता।”यह मामला उस आवेदन से जुड़ा था जिसमें डॉक्टर ने ज़मानत की दो शर्तों को हटाने की मांग की थी — (1) मेडिकल सेंटर चलाने के...
दिल्ली हाईकोर्ट ने पति की वैधानिक आयु सीमा पार करने के बावजूद दंपत्ति को सरोगेसी प्रक्रिया अपनाने की अनुमति दी
दिल्ली हाईकोर्ट ने इच्छुक दंपत्ति को सरोगेसी (विनियमन) अधिनियम, 2021 के तहत निर्धारित अधिकतम आयु सीमा से अधिक होने के बावजूद सरोगेसी प्रक्रिया अपनाने की अनुमति दी।जस्टिस सचिन दत्ता ने कहा कि चूंकि दंपत्ति ने अधिनियम के लागू होने से पहले सरोगेसी प्रक्रिया शुरू की थी, इसलिए धारा 4(iii)(v)(c)(I) के तहत आयु सीमा उन पर लागू नहीं होगी।यह प्रावधान सरोगेसी चाहने वाले इच्छुक दंपत्तियों के लिए आयु सीमा निर्धारित करता है। इसमें कहा गया कि महिला की आयु 23 से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए, जबकि पुरुष की आयु 26...
ओपन जेल के कैदियों के मोबाइल इस्तेमाल पर जल्द बनाएं SOP: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने महानिदेशक (जेल) को निर्देश दिया है कि वे खुली जेल (ओपन प्रिजन) के कैदियों के लिए मोबाइल फोन के उपयोग पर एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार कर आठ हफ्तों में लागू करें।जस्टिस संजीव नारूला ने कहा कि यह SOP या तो कैदियों को नियमानुसार मोबाइल रखने की अनुमति दे या फिर एक सुरक्षित प्रणाली बनाए, जिसमें वे जेल परिसर में प्रवेश के समय मोबाइल जमा कर सकें और बाहर निकलते समय वापस ले सकें। यह आदेश एक आजीवन कारावास भुगत रहे कैदी की याचिका पर आया, जिसने अपने खिलाफ 2020 में दी गई सजा और...



















