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हापुड घटना: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य को वकीलों के खिलाफ पुलिस हिंसा की जांच करने वाली एसआईटी में रिटायर्ड जज को शामिल करने और वकीलों की शिकायतें दर्ज करने का निर्देश दिया
हापुड घटना: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य को वकीलों के खिलाफ 'पुलिस हिंसा' की जांच करने वाली एसआईटी में रिटायर्ड जज को शामिल करने और वकीलों की शिकायतें दर्ज करने का निर्देश दिया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को हापुड़ में वकीलों पर कुछ पुलिसकर्मियों द्वारा किए गए लाठीचार्ज को लेकर यूपी में चल रही वकीलों की हड़ताल के बीच यूपी सरकार को घटना की जांच कर रही एसआईटी में एक सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारी को शामिल करने का निर्देश दिया। वकीलों ने दावा किया कि एसआईटी में किसी भी न्यायिक अधिकारी को शामिल न किया जाना इसे "पूरी तरह से एकतरफा" बनाता है।मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर और जस्टिस महेश चंद्र त्रिपाठी की खंडपीठ ने आदेश दिया,"राज्य सरकार श्री हरि नाथ पांडे, सेवानिवृत्त...

पंजाब और हरियाणा ‌हाईकोर्ट ने झूठी एफआईआर के कारण सेवा से बर्खास्त किए गए पुलिस कांस्टेबल की मृत्यु के सात साल बाद मानित बहाली का आदेश दिया
पंजाब और हरियाणा ‌हाईकोर्ट ने झूठी एफआईआर के कारण सेवा से बर्खास्त किए गए पुलिस कांस्टेबल की मृत्यु के सात साल बाद 'मानित बहाली' का आदेश दिया

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एक पुलिस कांस्टेबल को उसकी मृत्यु के सात साल बाद पूरा बकाया वेतन और अन्य परिणामी लाभों के साथ 'मानित बहाली' का आदेश दिया है। कोर्ट ने माना है कि उन्हें 'झूठा फंसाया गया' था। जस्टिस गुरविंदर सिंह गिल की पीठ ने कहा, याचिकाकर्ता के पिता को संदिग्ध और प्रेरित कारणों से झूठा फंसाया गया था। उत्तरदाताओं को याचिकाकर्ता के पिता को पूरे बकाया वेतन के साथ बहाल करने और अन्य परिणामी लाभ देने का निर्देश दिया जाता है। आज से 4 महीने की अवधि के भीतर ऐसी बहाली से परिवार को दी...

बलात्कार के आरोपी पर पीड़िता से शादी करने या जमानत लेने का दबाव बनाने के लिए अदालतों का इस्तेमाल ‘‘वैवाहिक सुविधा प्रदाता’’ के रूप में नहीं किया जा सकताः दिल्ली हाईकोर्ट
बलात्कार के आरोपी पर पीड़िता से शादी करने या जमानत लेने का दबाव बनाने के लिए अदालतों का इस्तेमाल ‘‘वैवाहिक सुविधा प्रदाता’’ के रूप में नहीं किया जा सकताः दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि अदालतों का यौन उत्पीड़न के मामलों में आरोपी पर पीड़िता से शादी करने का दबाव बनाने या जमानत देने से इनकार करने के लिए ‘‘वैवाहिक सुविधा प्रदाता’’ के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने यह भी कहा कि आरोपी द्वारा (शिकायतकर्ता को अदालत में पेश होने के लिए कहना और यह बयान दिलवाना कि वह उससे शादी करने के लिए तैयार है) जमानत प्राप्त करने के लिए भी अदालतों का उपयोग नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा,“कानून की अदालतों को विवाह को सुविधाजनक बनाने...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हापुड में वकीलों के खिलाफ पुलिस हिंसा का स्वत: संज्ञान लिया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हापुड में वकीलों के खिलाफ 'पुलिस हिंसा' का स्वत: संज्ञान लिया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के हापुड में वकीलों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज की घटना पर स्वत: संज्ञान लिया। चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच आज इस मामले पर सुनवाई कर सकती है। उल्लेखनीय है कि 29 अगस्त को हापुड़ में वकील प्रियंका त्यागी के खिलाफ कथित झूठा मामला दर्ज करने के खिलाफ वकील शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। हालांकि, पुलिस ने कथित तौर पर एक सीओ के निर्देश पर वकीलों पर लाठीचार्ज किया, जिसके कारण कई वकीलों को मामूली से लेकर गंभीर चोटें आईं।बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश ने...

नशीली दवाओं से संबंधित गुप्त लेनदेन के लिए तकनीकी का उपयोग, एनडीपीएस एक्ट की धारा 37 के तहत जमानत याचिका पर निर्णय लेने के लिए एक प्रासंगिक विचार: केरल हाईकोर्ट
नशीली दवाओं से संबंधित 'गुप्त' लेनदेन के लिए तकनीकी का उपयोग, एनडीपीएस एक्ट की धारा 37 के तहत जमानत याचिका पर निर्णय लेने के लिए एक प्रासंगिक विचार: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने प्रतिबंधित सामग्री की खरीद के लिए आधुनिक तकनीक के उपयोग की आलोचना की है। कोर्ट ने माना है कि एनडीपीएस एक्ट की धारा 37 के तहत जमानत के लिए आवेदनों पर निर्णय लेते समय ऐसे कृत्यों विचार किया जाना चा‌हिए। मौजूदा मामले में याचिकाकर्ता-अभियुक्त ने प्रतिबंध‌ित पदार्थ प्राप्त करने के लिए विकर ऐप और बिनेंस जैसे ऐप्स का इस्तेमाल किया था और यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया था कि उसकी ओर से किए गए लेनदेन का पता न चले।जस्टिस जियाद रहमान एए की एकल पीठ ने जमानत से इनकार करते हुए कहा,"इस स्तर...

आईपीसी की धारा 354ए के तहत गंभीर अपराध का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज करने में अस्पष्ट देरी प्रोसीक्यूशन के लिए घातक: कर्नाटक हाईकोर्ट
आईपीसी की धारा 354ए के तहत गंभीर अपराध का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज करने में अस्पष्ट देरी प्रोसीक्यूशन के लिए घातक: कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने भातीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354ए के तहत अपराध का आरोप लगाने वाली महिला द्वारा कथित घटना होने के तीन साल बाद शिकायत दर्ज कराने के लिए शुरू किया गया प्रोसीक्यूशन रद्द कर दिया।जस्टिस एम नागप्रसन्ना ने याचिका स्वीकार कर ली और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354ए, 354बी और 504 के तहत दायर प्रोसीक्यूशन यह कहते हुए रद्द कर दिया कि इस मामले के विशिष्ट तथ्यों में अपराध दर्ज करने में देरी घातक है।कोर्ट ने कहा,“शिकायत पर गौर करने से शिकायत दर्ज करने में देरी के लिए कोई...

दिल्ली हाईकोर्ट ने स्मारक मालचा महल सहित सेंट्रल रिज पर सभी निर्माण गतिविधियों पर रोक लगाई
दिल्ली हाईकोर्ट ने स्मारक 'मालचा महल' सहित सेंट्रल रिज पर सभी निर्माण गतिविधियों पर रोक लगाई

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को एक अंतरिम आदेश में कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में सेंट्रल रिज पर कोई निर्माण नहीं होगा, जिसमें स्मारक मालचा महल में आगंतुकों के लिए 25 मीटर की सीमा दीवार, ग्रिल और शौचालय का निर्माण शामिल है। जस्टिस जसमीत सिंह ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि स्मारक का निर्माण महत्वपूर्ण है, हालांकि, आज की स्थिति के अनुसार, सेंट्रल रिज में चारदीवारी या शौचालय के निर्माण के माध्यम से ऐसा नहीं किया जाना है।अदालत ने मामले को 09 अक्टूबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करते हुए कहा," फिलहाल...

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने गलत तरीके से सामान्य श्रेणी में मानी गई एससी महिला को मौजूदा/भविष्य की वैकेंसी पर नियुक्त करने का निर्देश दिया
गुवाहाटी हाईकोर्ट ने गलत तरीके से 'सामान्य श्रेणी' में मानी गई एससी महिला को मौजूदा/भविष्य की वैकेंसी पर नियुक्त करने का निर्देश दिया

असम की अनुसूचित जाति समुदाय की एक महिला को वर्ष 2012 में सामान्य श्रेणी की उम्मीदवार बताकर वार्ड गर्ल के रूप में नियुक्ति से वंचित कर दिया गया था। गुवाहाटी हाईकोर्ट ने असम सरकार को उक्त पोस्ट के लिए मौजूदा या भविष्य किसी भी वैकेंसी में नियुक्त करने के निर्देश दिया है।जस्टिस संजय कुमार मेधी की एकल पीठ ने कहा,“जब याचिकाकर्ता एससी कैटेगरी से संबंधित थी, जिसे कई छूट और लाभ दिए गए हैं तो यह मानने का कोई कारण नहीं है कि उसने सामान्य श्रेणी के उम्मीदवार के रूप में आवेदन किया था। इस तथ्य का भी कोई खंडन...

यदि प्राधिकारी हिरासत में लिए गए व्यक्ति की भाषा में विश्वसनीय दस्तावेज़ उपलब्ध कराने में विफल रहता है तो निवारक हिरासत रद्द की जा सकती है: कर्नाटक हाईकोर्ट
यदि प्राधिकारी हिरासत में लिए गए व्यक्ति की भाषा में विश्वसनीय दस्तावेज़ उपलब्ध कराने में विफल रहता है तो निवारक हिरासत रद्द की जा सकती है: कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने कर्नाटक खतरनाक गतिविधियों की रोकथाम अधिनियम 1985 (गुंडा एक्ट) के तहत पारित नजरबंदी आदेश इस आधार पर रद्द कर दिया कि अधिकारी हिरासत में लिए गए लोगों को उनके द्वारा पढ़ी जाने वाली भाषा में उनके द्वारा भरोसा किए गए दस्तावेज प्रदान करने में विफल रहे।जस्टिस मोहम्मद नवाज और जस्टिस राजेश राय के की खंडपीठ ने हुचप्पा उर्फ धनराज कालेबाग को तत्काल रिहा करने का आदेश दिया।खंडपीठ ने यह कहा,“यह स्वीकृत तथ्य है कि बंदी ने तीसरी कक्षा तक पढ़ाई की है और वह अंग्रेजी भाषा नहीं जानता। इसलिए उन...

ज्ञानवापी - सर्वेक्षण के दौरान मलबा हटाने के लिए एएसआई अधिकृत नहीं, गिर सकती है मस्जिद, समिति ने सर्वेक्षण का समय बढ़ाने का विरोध किया
ज्ञानवापी - 'सर्वेक्षण के दौरान मलबा हटाने के लिए एएसआई अधिकृत नहीं, गिर सकती है मस्जिद', समिति ने सर्वेक्षण का समय बढ़ाने का विरोध किया

अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी (वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली समिति) ने वाराणसी कोर्ट के समक्ष एक आवेदन दायर किया है, जिसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की उस याचिका का विरोध किया गया है, जिसमें मस्जिद परिसर से संबंधित अपनी सर्वेक्षण रिपोर्ट जमा करने के लिए एएसआई ने आठ सप्ताह का समय मांगा है। मस्जिद समिति ने अपने आवेदन में कहा है कि एएसआई मस्जिद परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने के सुप्रीम कोर्ट और इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेशों की अवहेलना कर रहा है क्योंकि एएसआई को मस्जिद...

पीआईएल वास्तविक नहीं: कलकत्ता हाईकोर्ट ने बांग्लादेश के अवैध अप्रवासियों को भारतीय मतदाता सूची में शामिल करने का दावा करने वाली याचिका खारिज की
पीआईएल वास्तविक नहीं: कलकत्ता हाईकोर्ट ने बांग्लादेश के अवैध अप्रवासियों को भारतीय मतदाता सूची में शामिल करने का दावा करने वाली याचिका खारिज की

कलकत्ता हाईकोर्ट ने भारतीय चुनाव आयोग द्वारा प्रकाशित भारतीय मतदाता सूची में उत्तर 24 परगना के बागदाह में रहने वाले बांग्लादेश के कुछ कथित 'अवैध अप्रवासियों' को शामिल करने को चुनौती देने वाली जनहित याचिका खारिज कर दी।चीफ जस्टिस टीएस शिवगणनम और जस्टिस हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने जनहित याचिका खारिज करते हुए कहा:“यह वास्तविक जनहित याचिका नहीं है, क्योंकि याचिकाकर्ता के पास अचल संपत्ति के संबंध में प्राइवेट उत्तरदाताओं के खिलाफ कुछ निजी शिकायतें हैं, जो आपराधिक मामले का विषय है और जो लंबित है।...

कारावास के दौरान दोषी की सामाजिक जड़ें ख़त्म होने नहीं दे सकते: कर्नाटक हाईकोर्ट ने बेटी के निकाह में शामिल होने के लिए दोषी को फर्लो पर रिहा किया
कारावास के दौरान दोषी की सामाजिक जड़ें ख़त्म होने नहीं दे सकते: कर्नाटक हाईकोर्ट ने बेटी के निकाह में शामिल होने के लिए दोषी को फर्लो पर रिहा किया

कर्नाटक हाईकोर्ट ने यह देखते हुए कि "आम तौर पर हर मुस्लिम विवाह में कुछ अनुष्ठान शामिल होते हैं, जो माता-पिता की भागीदारी के साथ किए जाते हैं," दोषी अब्दुल रहमान को अपनी बेटी के निकाह में शामिल होने के लिए फर्लो दे दी। रहमान की यह फर्लो कल यानी 2 सितंबर से निर्धारित थी।जस्टिस कृष्ण एस दीक्षित की पीठ ने टिप्पणी की कि छिटपुट रूप से ही सही दोषी को नागरिक समाज के संपर्क में रहना पड़ता है, ताकि जब वह जेल में बंद हो तो उसकी सामाजिक जड़ें सूख न जाएं।जस्टिस कृष्ण एस दीक्षित की पीठ ने आगे कहा,"अन्यथा, जब...

पहली पत्नी की मृत्यु के बाद पति की दूसरी शादी, उसे पहली पत्नी से हुए बच्चे का स्वाभाविक अभिभावक होने से अयोग्य नहीं ठहराती: दिल्ली हाईकोर्ट
पहली पत्नी की मृत्यु के बाद पति की दूसरी शादी, उसे पहली पत्नी से हुए बच्चे का स्वाभाविक अभिभावक होने से अयोग्य नहीं ठहराती: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि पहली पत्नी की मृत्यु के बाद पिता की दूसरी शादी, उसे पहली पत्नी से हुए बच्चे का प्राकृतिक अभिभावक बने रहने से वंचित नहीं करती है।जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की खंडपीठ ने कहा कि वित्तीय स्थित में असमानता भी किसी बच्चे की कस्टडी प्राकृतिक माता-पिता को देने से इनकार करने के लिए एक प्रासंगिक कारक नहीं हो सकती है।मामले में एक नाबालिक लड़के के नाना-नानी ने पहले फैमिली कोर्ट में यह अपील की थी कि उन्हें लड़के का स्थायी अभिभावक नियुक्त करने के साथ-साथ...

आधार कार्ड न होने पर किसी भी नागरिक के वैधानिक अधिकारों से इनकार नहीं किया जा सकता: तेलंगाना हाईकोर्ट
आधार कार्ड न होने पर किसी भी नागरिक के वैधानिक अधिकारों से इनकार नहीं किया जा सकता: तेलंगाना हाईकोर्ट

तेलंगाना हाईकोर्ट ने दोहराया कि आधार कार्ड न होने पर किसी भी भारतीय नागरिक को उसके वैधानिक अधिकारों से वंचित नहीं किया जा सकता।जस्टिस सुरेपल्ली नंदा ने अमीना बेगम द्वारा दायर याचिका पर पारित आदेश में यह टिप्पणी की। इस याचिका में राजस्व अधिकारियों को उनके पक्ष में पट्टा पासबुक कम-टाइटल डीड (patta passbook-cum-title Deed) जारी करने का निर्देश देने की प्रार्थना की गई थी।कोर्ट ने कहा,"इस न्यायालय का मानना है कि याचिकाकर्ता को वर्तमान रिट याचिका में मांगी गई राहत से इस आधार पर इनकार नहीं किया जा सकता...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रविवार की रात की सुनवाई में सरयू एक्सप्रेस में ऑन-ड्यूटी महिला पुलिसकर्मी पर क्रूर हमले का स्वत: संज्ञान लिया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रविवार की रात की सुनवाई में सरयू एक्सप्रेस में ऑन-ड्यूटी महिला पुलिसकर्मी पर क्रूर हमले का स्वत: संज्ञान लिया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 30-31 अगस्त की मध्यरात्रि को सरयू एक्सप्रेस में ड्यूटी के दौरान एक महिला पुलिसकर्मी ('एक्स') पर हुए क्रूर हमले का स्वत: संज्ञान लिया है। मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर के रविवार के एक व्हाट्सएप संदेश के आधार पर मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर और जस्टिस आशुतोष श्रीवास्तव की पीठ रविवार, 3 सितंबर को रात 8:00 बजे मुख्य न्यायाधीश के आवास पर सुनवाई के लिए बैठी।पीठ को सूचित किया गया कि पुलिसकर्मी को लहूलुहान अवस्था में पाया गया था, वह खून से लथपथ थी, उसके चेहरे पर गहरा घाव था...

भर्ती घोटाला: कलकत्ता हाईकोर्ट ने सांसद अभिषेक बनर्जी की आपराधिक मामले खारिज करने की मांग वाली याचिका पर फैसला टाला
भर्ती घोटाला: कलकत्ता हाईकोर्ट ने सांसद अभिषेक बनर्जी की आपराधिक मामले खारिज करने की मांग वाली याचिका पर फैसला टाला

कलकत्ता हाईकोर्ट ने नगरपालिका और शिक्षक-भर्ती घोटाले में तृणमूल कांग्रेस सांसद अभिषेक बनर्जी द्वारा उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले खारिज करने की मांग को लेकर सीआरपीसी की धारा 482 के तहत दायर याचिका पर अपना फैसला टाल दिया। प्रस्तुत मामले में संभावित उम्मीदवारों को पैसों के बदले सरकारी नौकरी की पेशकश की गई थी।जस्टिस तीर्थंकर घोष की एकल पीठ के समक्ष बनर्जी ने दलील दी थी कि वर्तमान मामले में निष्कर्ष पर पहुँचने के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने 'लीप्स एंड बाउंड्स' कंपनी पर अनिधिकृत रूप से छापा मारा...

जब मृतक अति-संवेदनशील हो तो आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपी पर मुकदमा चलाना सुरक्षित नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट
जब मृतक अति-संवेदनशील हो तो आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपी पर मुकदमा चलाना सुरक्षित नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि जब मृतक अति-संवेदनशील हो तो आत्महत्या के लिए उकसाने के अपराध के लिए किसी आरोपी पर मुकदमा चलाना सुरक्षित नहीं होगा।जस्टिस सुधीर कुमार जैन ने कहा कि भारतीय दंड संहिता, 1860 (आईपीसी) की धारा 306 के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने का अपराध गठित करने के लिए मृतक को आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए आरोपी का उकसाना और इरादा होना चाहिए।अदालत ने कहा,“यह सुझाव देने के लिए ठोस सबूत होने चाहिए कि आरोपी ने मृतक के प्रति अपने कृत्य से उकसाने, उसे आत्महत्या के लिए मजबूर करने का इरादा किया।...

ज्ञानवापी मस्जिद सर्वेक्षण | एएसआई ने सर्वे रिपोर्ट जमा करने के लिए 8 सप्ताह का और समय मांगा
ज्ञानवापी मस्जिद सर्वेक्षण | एएसआई ने सर्वे रिपोर्ट जमा करने के लिए 8 सप्ताह का और समय मांगा

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने ज्ञानवापी सर्वेक्षण संबंधित रिपोर्ट दाखिल करने के लिए 8 सप्ताह का अतिरिक्त समय मांगा है। उन्हें 2 सितंबर तक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश करना था, हालांकि एएसआई ने वाराणसी कोर्ट के समक्ष आवेदन दायर कर अतिरिक्त समय की मांग की।आवेदन में एएसआई की ओर से पेश वकील ने कहा है कि सर्वेक्षण में कुछ और समय लगने की उम्मीद है, क्योंकि तहखाने में फर्श समेत संरचना के चारों ओर कचरा, मिट्टी और बहुत सारा मलबा पड़ा हुआ है, जिनसे संरचना की मूल विशेषताएं ढंकी हुई हैं। एएसआई को उन्हें साफ...