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सरकारी अस्पतालों में मरीजों की भरमार; कोर्ट एक्सपर्ट के मेडिकल फैसले में दखल नहीं दे सकता: मद्रास हाईकोर्ट
सरकारी अस्पतालों में मरीजों की भरमार; कोर्ट एक्सपर्ट के मेडिकल फैसले में दखल नहीं दे सकता: मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट ने मेडिकल लापरवाही का आरोप लगाते हुए एक मां को राहत देने से इनकार करते हुए कहा कि देश के सरकारी अस्पतालों में पहले से ही रोगियों की बाढ़ आई हुई है और अदालतों से यह उम्मीद नहीं की जा सकती कि वे एक्सपर्ट डॉक्टरों के निर्णयों में दखल देंगी।अदालत ने कहा,"इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ एंड हॉस्पिटल फॉर चिल्ड्रन में सैकड़ों बच्चों का इलाज किया जाता है। हमारे महान राष्ट्र की आबादी बहुत अधिक है और सरकारी अस्पताल इलाज के लिए मरीजों से भरे पड़े हैं। सरकारी अस्पताल आने वाले सभी मरीजों को इलाज...

समीर वानखेड़े के खिलाफ सीबीआई के रिश्वतखोरी और जबरन वसूली मामले में शाहरुख खान, बेटे आर्यन को आरोपी बनाने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में जनहित याचिका
समीर वानखेड़े के खिलाफ सीबीआई के रिश्वतखोरी और जबरन वसूली मामले में शाहरुख खान, बेटे आर्यन को आरोपी बनाने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में जनहित याचिका

बॉलीवुड एक्टर शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान की मई 2021 में गिरफ्तारी के संबंध में एनसीबी के पूर्व जोनल निदेशक समीर वानखेड़े और पांच अन्य के खिलाफ सीबीआई द्वारा दायर एफआईआर में आरोपी के रूप में अभिनेता शाहरुख खान को अभियुक्त बनाने की मांग को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। जनहित याचिका पर सुनवाई 20 जून, 2023 को की जाएगी। याचिका के अनुसार वानखेड़े पर सीबीआई ने खान के बेटे आर्यन का पक्ष लेने के लिए 50 लाख रुपये की रिश्वत लेने के लिए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7, 7ए और...

उत्तराखंड साम्प्रदायिक तनाव - सीजेआई, हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से पुरोला में प्रस्तावित महापंचायत रोकने का आग्रह
उत्तराखंड साम्प्रदायिक तनाव - सीजेआई, हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से पुरोला में प्रस्तावित 'महापंचायत' रोकने का आग्रह

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में बढ़ते सांप्रदायिक तनाव के बीच हिंदी कवि अशोक वाजपेयी और दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अपूर्वानंद ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) और उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर प्रस्तावित 'महापंचायत' को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया है। उक्त महापंचायत पुरोला कस्बे में 15 जून को होगी।26 मई को दो पुरुषों एक मुस्लिम और एक हिंदू द्वारा 14 वर्षीय लड़की के कथित अपहरण को लेकर पहाड़ी शहर पुरोला सांप्रदायिक उन्माद में हुआ, जिसे स्थानीय निवासियों...

दिल्ली की अदालत ने यूएपीए मामले में एक्टिविस्ट खुर्रम परवेज और पत्रकार इरफान मेहराज की न्यायिक हिरासत 45 दिनों के लिए और बढ़ाई
दिल्ली की अदालत ने यूएपीए मामले में एक्टिविस्ट खुर्रम परवेज और पत्रकार इरफान मेहराज की न्यायिक हिरासत 45 दिनों के लिए और बढ़ाई

दिल्ली की एक अदालत ने एनआईए द्वारा जांच पूरी करने के लिए और समय मांगने पर 2020 के यूएपीए मामले में मानवाधिकार एक्टिविस्ट खुर्रम परवेज और कश्मीरी पत्रकार इरफान महराज की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी है। मेहराज और परवेज एनआईए द्वारा अक्टूबर 2020 में दर्ज कथित एनजीओ टेरर फंडिंग मामले में आरोपी हैं।पटियाला हाउस कोर्ट के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजय गर्ग ने 09 जून को मेहराज और परवेज दोनों की न्यायिक हिरासत और जांच की अवधि बढ़ाने की मांग वाली एनआईए की याचिका को स्वीकार कर लिया। हालांकि एनआईए ने 90...

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने खुले ट्यूबवेल में बच्चों की मौत के मामले में स्वत: संज्ञान लिया
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने खुले ट्यूबवेल में बच्चों की मौत के मामले में स्वत: संज्ञान लिया

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने खुले नलकूप (Tube-Well) में बच्चों की मौत के मामले में सोमवार को स्वत: संज्ञान लिया। मुख्य न्यायाधीश रवि मालिमथ और जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने इस मुद्दे पर मामला दर्ज करते हुए कहा कि यह मामला पूरे मध्य प्रदेश में खुले नलकूपों में बच्चों की दुर्भाग्यपूर्ण मौत से संबंधित है।अदालत ने कहा, "इसलिए, याचिका को दैनिक समाचार पत्रों में किए गए विभिन्न प्रकाशनों के आधार पर एक स्वत: संज्ञान कार्यवाही के रूप में दर्ज किया गया है।"मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में 6 जून को तीन साल की...

बैंक द्वारा नोटिस का प्रेषण धारा 13(2) सरफेसी एक्ट के तहत आधिकारिक कार्य, साक्ष्य अधिनियम के तहत अनुमान कि यह नियमित रूप से किया गया था: जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट
बैंक द्वारा नोटिस का प्रेषण धारा 13(2) सरफेसी एक्ट के तहत आधिकारिक कार्य, साक्ष्य अधिनियम के तहत अनुमान कि यह नियमित रूप से किया गया था: जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने माना कि बैंक द्वारा SARFAESI एक्ट की धारा 13 (2) के तहत उधारकर्ता को अपनी देनदारियों को पूरा करने के लिए नोटिस भेजना, एक आधिकारिक कार्य है, इस धारणा के साथ कि यह नियमित रूप से किया गया था। साक्ष्य अधिनियम की धारा 114 (ई) एक धारणा स्थापित करती है कि न्यायिक और आधिकारिक कार्य नियमित रूप से किए जाते हैं और SARFAESI एक्ट के संदर्भ में, एक बैंक द्वारा एक उधारकर्ता को नोटिस भेजना आधिकारिक कृत्यों की इस श्रेणी के अंतर्गत आता है। मामले की सुनवाई कर रही खंडपीठ में...

बॉम्बे हाईकोर्ट में पति ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की, पत्नी को उसके माता-पिता की कस्टडी से रिहा कराने की मांग की, पुलिस की मिलीभगत का आरोप लगाया
बॉम्बे हाईकोर्ट में पति ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की, पत्नी को उसके माता-पिता की कस्टडी से रिहा कराने की मांग की, पुलिस की मिलीभगत का आरोप लगाया

बॉम्ब हाईकोर्ट के समक्ष एक व्यक्ति ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर अपनी पत्नी की कस्टडी की मांग की है, जिसे कथित तौर पर उसके परिवार द्वारा हिरासत में लिया गया और राजस्थान ले जाया गया।जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे और जस्टिस गौरी गोडसे की खंडपीठ ने सोमवार को मीरा रोड स्थित नया नगर पुलिस थाने को अपनी पत्नी को 20 जून को अदालत में पेश करने का निर्देश दिया।याचिका में कहा गया कि दंपति 2017 से एक-दूसरे को जानते हैं। याचिकाकर्ता ने उससे शादी करने के लिए इस्लाम से हिंदू धर्म अपना लिया।याचिका के अनुसार, इस...

कानून लिव-इन रिलेशनशिप को विवाह के रूप में मान्यता नहीं देता, समझौते के आधार पर साथ रहने वाले जोड़े तलाक नहीं मांग सकते: केरल हाईकोर्ट
कानून लिव-इन रिलेशनशिप को विवाह के रूप में मान्यता नहीं देता, समझौते के आधार पर साथ रहने वाले जोड़े तलाक नहीं मांग सकते: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि कानून लिव इन रिलेशनशिप को शादी के रूप में मान्यता नहीं देता। इसलिए इस तरह के रिश्ते को तलाक के उद्देश्य से भी मान्यता नहीं दी जा सकती।कोर्ट ने कहा कि कानून केवल पक्षकारों को तलाक देने की अनुमति देता है यदि वे व्यक्तिगत कानून या धर्मनिरपेक्ष कानून के अनुसार विवाह के मान्यता प्राप्त रूप में विवाहित हैं। अदालत ने कहा कि अब तक अनुबंध के माध्यम से पक्षों के बीच किए गए विवाह को तलाक के उद्देश्य से कानून के तहत कोई मान्यता नहीं है।जस्टिस मुहम्मद मुश्ताक और जस्टिस सोफी...

कथित अपराध से संबंध स्थापित करने के लिए प्रथम दृष्टया सामग्री के अभाव में आपराधिक मामला दर्ज करना अनुच्छेद 21 का उल्लंघन : कर्नाटक हाईकोर्ट
कथित अपराध से संबंध स्थापित करने के लिए प्रथम दृष्टया सामग्री के अभाव में आपराधिक मामला दर्ज करना अनुच्छेद 21 का उल्लंघन : कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा कि किसी व्यक्ति के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई के लिए आगे बढ़ने के लिए शिकायतकर्ता या अभियोजन एजेंसी को प्रथम दृष्टया ऐसी सामग्री दिखानी होगी, जिससे किसी व्यक्ति के साथ कथित अपराध के लिए कुछ सांठगांठ स्थापित की जा सके। यदि ऐसी सामग्री उपलब्ध नहीं है तो ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज करना निश्चित रूप से भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 में निहित नागरिक के अधिकार को प्रभावित करने वाली कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा।जस्टिस वी श्रीशानंद की एकल न्यायाधीश की पीठ ने विपुल...

बिना सबूत के चरित्र हनन: सांसद संजय राउत ने भाजपा के किरीट सोमैया के खिलाफ मानहानि की शिकायत दर्ज की
"बिना सबूत के चरित्र हनन": सांसद संजय राउत ने भाजपा के किरीट सोमैया के खिलाफ मानहानि की शिकायत दर्ज की

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) सांसद संजय राउत ने 2022 से कथित मानहानि वाले ट्वीट को लेकर सोमवार को पूर्व सांसद और बीजेपी सदस्य किरीट सोमैया के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया है। शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' के संपादक राउत का दावा है कि सोमैया के ट्वीट "विनाशकारी" हैं और "बिना किसी सबूत के उनका चरित्र हनन" करते हैं।आईपीसी के तहत मानहानि से संबंधित धारा 499 और धारा 500 के तहत सोमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग करते हुए सीआरपीसी की धारा 190 के तहत मुलुंड में मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की...

ट्रायल कोर्ट मूक दर्शक नहीं, न्यायिक संयम उन्हें वकील के चरम आचरण पर अपवाद के रूप में कार्रवाई से वंचित नहीं करता : कलकत्ता हाईकोर्ट
ट्रायल कोर्ट मूक दर्शक नहीं, न्यायिक संयम उन्हें वकील के चरम आचरण पर अपवाद के रूप में कार्रवाई से वंचित नहीं करता : कलकत्ता हाईकोर्ट

कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा कि "न्यायिक संयम और अनुशासन" का मतलब यह नहीं है कि चरम मामलों में भी न्यायिक अधिकारी किसी पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील के गैर-अनुरूप कार्यों के खिलाफ अपवाद के रूप में कदम उठाने का हकदार नहीं है।जस्टिस बिबेक चौधरी की एकल-न्यायाधीश की पीठ ने कहा कि जहां किसी भी पक्ष के वकील न्यायालय के न्यायिक कार्य में बाधा डालते हैं, जज के पास संबंधित वकील को सावधानी से आदेश पारित करने का पूरा अधिकार है।अदालत ने टिप्पणी की,"यह उम्मीद नहीं की जाती है कि न्यायाधीश मूक दर्शक बना रहे।...

अवैध कोक प्लांट: मेघालय हाईकोर्ट ने डीजीपी को कार्रवाई की रिपोर्ट दर्ज करने का निर्देश दिया
अवैध कोक प्लांट: मेघालय हाईकोर्ट ने डीजीपी को कार्रवाई की रिपोर्ट दर्ज करने का निर्देश दिया

मेघालय हाईकोर्ट ने राज्य पुलिस को क्षेत्र में चल रहे अवैध कोक संयंत्रों के खिलाफ तत्काल और निर्णायक कार्रवाई करने के लिए नए निर्देश जारी किए। अदालत का आदेश पुलिस डायरेक्टर जनरल द्वारा दायर हलफनामे के जवाब में आया, जिसमें मेघालय में अवैध कोक संयंत्रों और बेनामी लेनदेन की व्यापक उपस्थिति को उजागर किया गया था, जिनके वास्तविक मालिक मुख्य रूप से असम में स्थित हैं।अदालत ने याचिकाकर्ताओं के इस दावे पर ध्यान देते हुए कि इन अवैध गतिविधियों के सरगना गुवाहाटी में खुलेआम घूम रहे हैं, कानून प्रवर्तन...

दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश अत्यावश्यक मामलों की सुनवाई के लिए रात 9:47 बजे तक कोर्ट में बैठे
दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश अत्यावश्यक मामलों की सुनवाई के लिए रात 9:47 बजे तक कोर्ट में बैठे

दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस जसमीत सिंह और जस्टिस विकास महाजन सोमवार को गर्मी की छुट्टियों के दौरान अपने सामने सूचीबद्ध मामलों की सुनवाई के लिए सोमवार देर शाम तक बैठे रहे। जहां जस्टिस सिंह ने रात 9:47 बजे तक कोर्ट का संचालन किया, वहीं जस्टिस महाजन ने रात 9:25 बजे तक कोर्ट का संचालन किया। उठते समय जस्टिस महाजन ने कुछ जरूरी मामलों की सुनवाई अगली सुबह करने पर सहमति जताई, जिन पर सुनवाई नहीं हो सकी।दोनों जजों ने डिवीजन बेंच में एक साथ कुल 20 मामलों की सुनवाई की। उनके समक्ष एकल पीठ में 40 से...

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय में प्रतिनियुक्ति के लिए आईपीएस अधिकारी की याचिका खारिज की
गुवाहाटी हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय में प्रतिनियुक्ति के लिए आईपीएस अधिकारी की याचिका खारिज की

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) में अतिरिक्त निदेशक के रूप में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए उनके नाम की सिफारिश नहीं करने के चयन समिति के फैसले के खिलाफ असम-मेघालय कैडर के 2005 बैच के आईपीएस अधिकारी द्वारा दायर याचिका खारिज कर दी।वर्तमान में किदवई नगर (पूर्व) में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के अतिरिक्त महानिदेशक डॉ. जीवी शिव प्रसाद ने आरोप लगाया कि चयन समिति ने भारत सरकार के 2009 के नीतिगत निर्णय को ध्यान में नहीं रखा, जिसमें कुछ विशेष प्रावधान अधिसूचित किए गए। पूर्वोत्तर...

ज़मीन को स्लम के रूप में घोषित करने से मालिकों और कब्जाधारियों के अधिकारों पर व्यापक प्रभाव पड़ता है, व्यक्तिगत नोटिस दिया जाना चाहिए : बॉम्बे हाईकोर्ट
ज़मीन को 'स्लम' के रूप में घोषित करने से मालिकों और कब्जाधारियों के अधिकारों पर व्यापक प्रभाव पड़ता है, व्यक्तिगत नोटिस दिया जाना चाहिए : बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह देखते हुए कि झुग्गी के रूप में भूमि की घोषणा से भूस्वामी के अधिकारों पर व्यापक प्रभाव पड़ता है, हाल ही में कहा कि इस तरह की घोषणा के लिए नोटिस अनिवार्य रूप से भूमि के प्रत्येक मालिक और कब्जा करने वाले को दिया जाना चाहिए।जस्टिस आरिफ एस डॉक्टर ने कहा कि यदि महाराष्ट्र स्लम क्षेत्र (सुधार, निकासी और पुनर्विकास) नियम, 1971 के नियम 3 के तहत प्रत्येक मालिक और रहने वाले को नोटिस देना अव्यावहारिक है तो सक्षम प्राधिकारी द्वारा सम्मोहक कारणों को दर्ज करने के बाद ही इसे दूर किया जा...

JEE रिजल्ट को लेकर क्रेडिट वॉर: दिल्ली हाईकोर्ट ने एलन कोचिंग सेंटर के खिलाफ मुकदमे में FIITJEE को अंतरिम राहत देने से इनकार किया
JEE रिजल्ट को लेकर क्रेडिट वॉर: दिल्ली हाईकोर्ट ने एलन कोचिंग सेंटर के खिलाफ मुकदमे में FIITJEE को अंतरिम राहत देने से इनकार किया

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को एलन करियर इंस्टीट्यूट के खिलाफ अपने मुकदमे में कोचिंग संस्थान FIITJEE को अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया, जिसमें आरोप लगाया गया कि बाद वाले ने अपने स्टूडेंट के परिणाम के लिए क्रेडिट का दावा किया, जिसने JEE (Mains) 2023 परीक्षा सफलतापूर्वक उत्तीर्ण की।FIITJEE का मामला यह था कि स्टूडेंट मलय केडिया ने "IIT-JEE (एडवांस्ड)-वीकेंड कॉन्टैक्ट क्लासेस के लिए चार साल के क्लासरूम प्रोग्राम" को चुना और 2018 में इसके कोचिंग सेंटर में खुद को नामांकित किया। मामले में कहा गया कि...

अभियुक्त की मनोवैज्ञानिक स्थिति, सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि पर विचार करें: कर्नाटक हाईकोर्ट ने मृत्युदंड की मांग के लिए अभियोजन के लिए दिशानिर्देश जारी किए
अभियुक्त की मनोवैज्ञानिक स्थिति, सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि पर विचार करें: कर्नाटक हाईकोर्ट ने मृत्युदंड की मांग के लिए अभियोजन के लिए दिशानिर्देश जारी किए

कर्नाटक हाईकोर्ट ने निचली अदालत के समक्ष मौत की सजा की मांग करते समय और अपीलीय अदालत में सजा की पुष्टि के दौरान अभियोजन पक्ष के लिए दिशानिर्देश जारी किए।जस्टिस सूरज गोविंदराज और जस्टिस जी बसवराज की खंडपीठ ने अपनी पत्नी, भाभी और 10 साल से कम उम्र के तीन बच्चों की हत्या के आरोपी बाइलुरु थिप्पैया (43) की दोषसिद्धि और मौत की सजा को बरकरार रखते हुए दिशा-निर्देश जारी किए।अपील की सुनवाई के दौरान कमजोर करने वाले कारकों का विश्लेषण करने के लिए सजा के मुद्दे पर विचार करते हुए आरोपी को दोषी ठहराने पर पीठ...

आबकारी नीति मामला : दिल्ली हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कारोबारी समीर महेंद्रू को अंतरिम जमानत दी
आबकारी नीति मामला : दिल्ली हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कारोबारी समीर महेंद्रू को अंतरिम जमानत दी

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में पिछली आबकारी नीति को लागू करने से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में व्यवसायी समीर महेंद्रू को चिकित्सा आधार पर छह सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत दे दी। जस्टिस चंद्र धारी सिंह की अवकाशकालीन पीठ 07 जून को फैसला सुरक्षित रख लिया था। पीठ ने निर्देश दिया कि महेंद्रू को तुरंत जेल से रिहा किया जाए और अंतरिम जमानत की अवधि समाप्त होने पर वह 25 जुलाई को संबंधित ट्रायल कोर्ट के समक्ष आत्मसमर्पण करेगा।अदालत ने कहा कि यह दिखाने के लिए रिकॉर्ड में कुछ भी नहीं है...

एनडीपीएस एक्ट की धारा 36A(4) - 180 दिनों की वैधानिक अवधि के बाद अभियुक्त की हिरासत के लिए लोक अभियोजक की रिपोर्ट अनिवार्य : पी एंड एच हाईकोर्ट
एनडीपीएस एक्ट की धारा 36A(4) - 180 दिनों की वैधानिक अवधि के बाद अभियुक्त की हिरासत के लिए लोक अभियोजक की रिपोर्ट अनिवार्य : पी एंड एच हाईकोर्ट

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हाल ही में माना कि नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सबस्टेंस एक्ट, 1985 की धारा 36-ए (4) के अनुसार जांच की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए 180 दिनों की वैधानिक अवधि बढ़ाने के लिए इस संबंध में लोक अभियोजक की रिपोर्ट द्वारा अनिवार्य रूप से दायर की जानी चाहिए। जस्टिस मंजरी नेहरू कौल की बेंच ने यह टिप्पणी की" ...यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि एनडीपीएस अधिनियम की धारा 36-ए के तहत जांच की समय अवधि को यांत्रिक रूप से नहीं बढ़ाया जा सकता। जहां तक ​​जांच एजेंसी के लिए समय...