मुंबई की अदालत ने 2002 के बेस्ट बेकरी मामले में दो आरोपियों को बरी किया

Sharafat

13 Jun 2023 9:30 AM GMT

  • मुंबई की अदालत ने 2002 के बेस्ट बेकरी मामले में दो आरोपियों को बरी किया

    मुंबई की एक सत्र अदालत ने मंगलवार को गुजरात में 2002 के बेस्ट बेकरी मामले के दूसरे भाग में दो आरोपियों को बरी कर दिया। दो आरोपी हर्षद सोलंकी और मफत गोहिल उस समय फरार थे, जब सांप्रदायिक दंगों के मामले के अन्य आरोपियों के खिलाफ मुंबई में मुकदमे चला, जिसके कारण उनके लिए एक अलग ट्रायल चलाया गया।

    दोनों 2013 में गिरफ्तार किया गया था और 2019 में उनके खिलाफ ट्रायल शुरू हुआ।

    गोधरा दंगों के दौरान 1,000 से अधिक लोगों की भीड़ द्वारा किए गए हमले के बाद 1 मार्च, 2002 को वडोदरा में प्रसिद्ध बेस्ट बेकरी में चौदह लोग मारे गए थे।

    गुजरात पुलिस ने हत्या के आरोप में 21 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था, लेकिन 2003 में वड़ोदरा की एक अदालत ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया। 2004 में सुप्रीम कोर्ट ने निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए गुजरात के बाहर फिर से सुनवाई का निर्देश दिया।

    मुंबई मुकदमे में सेवानिवृत्त जस्टिस अभय थिप्से (तत्कालीन सत्र न्यायालय के न्यायाधीश) ने नौ लोगों को दोषी पाया और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई और 12 को बरी कर दिया गया।

    बॉम्बे हाईकोर्ट ने 2012 में नौ अभियुक्तों में से पांच को बरी कर दिया और उनमें से चार को दी गई सजा की पुष्टि की। सुनवाई के दौरान अदालत ने चार चश्मदीद गवाहों की गवाही पर बहुत भरोसा किया।

    सोलंकी और गोहिल दोनों ने वड़ोदरा की अदालत में ट्रायल का सामना किया, लेकिन मुंबई में फिर से सुनवाई के दौरान दोनों फरार हो गए थे। 2018 में उनकी जमानत याचिकाओं को अदालत ने यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि उन पर ट्रायल चलाने के लिए काफी कुछ है। दोनों आरोपियों ने दावा किया था कि उन्हें रि ट्रायल की जानकारी नहीं थी।

    पहले के मुंबई ट्रायल में सबूतों का इस्तेमाल उनके खिलाफ किया गया था, हालांकि उन्हें अपनी पहचान से संबंधित गवाहों का क्रॉस एक्ज़ामिनेशन करने की अनुमति दी गई थी। विशेष लोक अभियोजक मंजुला राव ने 10 गवाहों का परीक्षण किया।

    अभियुक्तों का प्रतिनिधित्व एडवोकेट प्रकाश सालसिंगीकर ने किया।

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