कलकत्ता हाईकोर्ट
न्यायालय द्वारा जांच किए बिना वापस लिए गए बयान को अनैच्छिक नहीं कहा जा सकता: कलकत्ता हाइकोर्ट
कलकत्ता हाइकोर्ट ने माना कि न्यायालय का यह कर्तव्य है कि वह वापसी की वैधता की सत्यता, वापसी के समय की स्थिति, वापसी सुसंगत थी या नहीं और क्या यह महज एक छलावा था इसकी जांच करे।चीफ न्यायाधीश टी.एस. शिवगनम और जस्टिस हिरणमय भट्टाचार्य की पीठ ने कहा कि यदि न्यायाधिकरण का यह विचार है कि अधिनियम की धारा 108 के तहत दर्ज किया गया बयान वापसी के कारण स्वीकार्य नहीं है तो यह अपने आप में बयान को अनैच्छिक नहीं ठहरा सकता।विभाग ने सीमा शुल्क उत्पाद शुल्क और सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण कोलकाता द्वारा पारित आदेश...
सुप्रीम कोर्ट के केजरीवाल आदेश पर भरोसा: हाईकोर्ट ने पूर्व जज और BJP उम्मीदवार अभिजीत गंगोपाध्याय के खिलाफ एफआईआर पर रोक लगाई
कलकत्ता हाईकोर्ट ने पूर्व जज और BJP के लोकसभा उम्मीदवार अभिजीत गंगोपाध्याय को BJP की रैली में भाग लेने के दौरान पश्चिम बंगाल के तमलुक में हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार अपनी नौकरी खोने वाले प्रदर्शनकारी शिक्षकों पर कथित रूप से हमला करने के आरोप में दर्ज एफआईआर में अंतरिम राहत दी।इससे पहले, गंगोपाध्याय की याचिका जस्टिस जय सेनगुप्ता के समक्ष रखी गई थी, जिन्होंने पूर्व जज के साथ अपने व्यक्तिगत संबंधों के कारण इस पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था। चीफ जस्टिस द्वारा पुन: नियुक्ति के बाद याचिका जस्टिस...
कलकत्ता हाइकोर्ट ने सरस्वती पूजा पर कथित सांप्रदायिक टिप्पणियों को लेकर BJP IT Cell प्रमुख अमित मालवीय के खिलाफ़ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई करने पर रोक लगाई
कलकत्ता हाइकोर्ट ने राज्य पुलिस को BJP IT Cell प्रमुख अमित मालवीय के खिलाफ़ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई करने से अस्थायी रूप से रोक दिया। मालवीय को कथित तौर पर सांप्रदायिक तनाव भड़काने के लिए आपराधिक मामले में आरोपी बनाया गया है।जस्टिस जय सेनगुप्ता की सिंगल बेंच ने मालवीय द्वारा 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किए गए ट्वीट पर ध्यान दिया, जिसमें पश्चिम बंगाल भर के स्कूलों में सरस्वती पूजा को कथित रूप से रोकने के खिलाफ़ अनुचित टिप्पणी करके सांप्रदायिक घृणा भड़काने का आरोप लगाया गया।पीठ ने राज्य से...
अभियोजन पक्ष के गवाह के साक्ष्य का मेडिकल साक्ष्य से मेल न खाना अभियोजन पक्ष के मामले में सबसे बुनियादी दोष: कलकत्ता हाइकोर्ट
कलकत्ता हाइकोर्ट ने हाल ही में माना कि यदि अभियोजन पक्ष के गवाह के साक्ष्य और मेडिकल साक्ष्य के बीच कोई असंगति है तो यह अभियोजन पक्ष के मामले में बुनियादी दोष को दर्शाता है, जिसे जब तक उचित रूप से स्पष्ट नहीं किया जाता है तब तक यह पूरे अभियोजन पक्ष के मामले को बदनाम करेगा।जस्टिस शम्पा (दत्त) पॉल की सिंगल बेंच ने शारीरिक हमले में शामिल अभियुक्तों पर लगाई गई सजा को संशोधित करते हुए उन्हें 323 आईपीसी के बजाय धारा 324 आईपीसी के तहत दोषी ठहराया।कोर्ट ने कहा,"यदि अभियोजन पक्ष के गवाह का साक्ष्य मेडिकल...
कलकत्ता हाईकोर्ट जज ने BJP के लोकसभा उम्मीदवार और पूर्व जज अभिजीत गंगोपाध्याय की FIR रद्द करने की याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग किया
कलकत्ता हाईकोर्ट के जज जस्टिस जय सेनगुप्ता ने पूर्व जज और BJP के लोकसभा उम्मीदवार अभिजीत गंगोपाध्याय की याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। उक्त मामले में उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने की मांग की, जिसमें उन पर हत्या के प्रयास का आरोप लगाया गया था। तमलुक में बीजेपी की रैली में भाग लेने के दौरान प्रदर्शनकारी शिक्षकों पर कथित रूप से हमला किया गया था।जस्टिस सेनगुप्ता ने यह कहते हुए याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया कि उनके बार और बेंच में रहने के दौरान पूर्व जज गंगोपाध्याय के...
[1993 Bow Bazar Blast] कलकत्ता हाईकोर्ट ने TADA के दोषी की जल्द रिहाई पर रोक लगाई, राज्य की अपील स्वीकार की
कलकत्ता हाईकोर्ट ने हाल ही में सिंगल जज बेंच के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें 1990 के दशक में कोलकाता शहर को तबाह करने वाले कुख्यात बउबाजार विस्फोट में शामिल होने के लिए आजीवन कारावास की सजा काट रहे एक दोषी को समय से पहले रिहा करने की अनुमति दी गई थी।चीफ़ जस्टिस टीएस शिवागनानम और जस्टिस हिरणमय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने राज्य की इस दलील पर गौर करने के बाद रिहाई के आदेश पर रोक लगा दी कि दोषी सामान्य आपराधिक संविधियों के तहत नहीं बल्कि आतंकवादी और विघटनकारी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (TADA) के तहत...
हम अधिनायकवादी राज्य में काम नहीं करते, सरकार हर संस्था पर एकतरफा अधिकार नहीं चला सकती: कलकत्ता हाइकोर्ट
कलकत्ता हाइकोर्ट ने हाल ही में मालदा जिला केंद्रीय सहकारी बैंक और मुगबेरिया केंद्रीय सहकारी बैंक (याचिकाकर्ता) के लिए काम करने वाले संघों की याचिका स्वीकार करते हुए निर्देश दिया कि भारत का चुनाव आयोग (ECI) किसी भी संसदीय चुनाव के उद्देश्य से उनकी आवश्यकता नहीं रखेगा, क्योंकि वे जिन संगठनों में काम करते हैं वे किसी भी क़ानून या किसी कानून के तहत नहीं बनाए गए।जस्टिस सब्यसाची भट्टाचार्य की एकल पीठ ने कहा,"हम अधिनायकवादी राज्य में काम नहीं करते। इसलिए यह नहीं माना जा सकता कि सरकार के पास भारत के...
AO निदेशकों द्वारा नोटिसों पर प्रतिक्रिया न देने मात्र के लिए प्रतिकूल निष्कर्ष नहीं निकाल सकता: कलकत्ता हाइकोर्ट
कलकत्ता हाइकोर्ट ने यह निर्णय लेते हुए कि आयकर अधिनियम 1961 (Income Tax Act, 1961) की धारा 68 के अंतर्गत किया गया जोड़ उचित है या नहीं, यह माना कि केवल इसलिए कि निदेशक जारी किए गए नोटिसों का जवाब देने में विफल रहे मूल्यांकन अधिकारी (AO) प्रतिकूल निष्कर्ष निकाल सकता है।चीफ न्यायाधीश टी.एस. शिवगनम और जस्टिस हिरणमय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने पाया कि मूल्यांकन अधिकारी पहचान शेयर ग्राहकों की साख और लेनदेन की वास्तविकता को साबित करने के लिए मूल्यांकनकर्ता द्वारा प्रस्तुत किए गए किसी भी विवरण या दस्तावेज़...
कोलकाता पुलिस द्वारा कथित रूप से राज्यपाल कार्यालय को कलंकित करने वाले बयानों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई नहीं
कलकत्ता हाइकोर्ट ने याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया। उक्त याचिका में कोलकाता पुलिस द्वारा मीडिया स्रोतों को दिए गए बयानों पर अदालत के हस्तक्षेप की मांग की गई थी, जिसमें कथित रूप से राज्यपाल सीवी आनंद बोस के कार्यालय को कलंकित किया गया।वकील ने प्रस्तुत किया कि पुलिस ने मीडिया में ऐसी टिप्पणियां की थीं, जिनसे कथित रूप से राज्यपाल की प्रतिष्ठा धूमिल हुई, जिन्हें अनुच्छेद 361 के तहत संवैधानिक छूट प्राप्त है।प्रस्तुति पर सुनवाई करने के बाद चीफ जस्टिस टीएस शिवगनम और जस्टिस हिरणमय भट्टाचार्य...
घरेलू जांच की वैधता पर न्यायाधिकरण के आदेश को अंतिम आदेश की प्रतीक्षा किए बिना चुनौती दी जा सकती है: कलकत्ता हाईकोर्ट
कलकत्ता हाईकोर्ट की सिंगल जज बेंच के जस्टिस अरिंदम मुखर्जी शामिल ने CSB बैंक लिमिटेड बनाम भारत संघ और अन्य के मामले में एक रिट याचिका का फैसला करते हुए कहा है कि ट्रिब्यूनल के आदेश को अधिकार क्षेत्र से अधिक होने के आधार पर अंतिम आदेश की प्रतीक्षा किए बिना एक रिट याचिका में चुनौती दी जा सकती है।मामले की पृष्ठभूमि: कोलकाता स्थित केन्द्रीय सरकार औद्योगिक अधिकरण (अधिकरण) के समक्ष कैथोलिक सीरियन बैंक लि बनाम भारत संघ और अन्य के मामले में एक संदर्भ में। उनके कामगार श्री सीतांग्शु भूषण मजूमदार के...
नियोक्ता का दायित्व है कि वह अनुशासनात्मक कार्यवाही में कर्मचारी के प्रति कोई पूर्वाग्रह न पैदा करे: कलकत्ता हाइकोर्ट
कलकत्ता हाइकोर्ट की जस्टिस पार्थ सारथी चटर्जी और जस्टिस तपब्रत चक्रवर्ती की खंडपीठ ने सौरव कृष्ण बसु बनाम पश्चिम बंगाल राज्य के मामले में एक रिट याचिका पर निर्णय लेते हुए कहा कि नियोक्ता का दायित्व है कि वह अनुशासनात्मक कार्यवाही में यह सुनिश्चित करे कि कर्मचारी के प्रति कोई पूर्वाग्रह न पैदा हो। इस दायित्व में निष्पक्ष रूप से कार्य करने का कर्तव्य शामिल है।मामले की पृष्ठभूमि27.08.2022 को सौरव कृष्ण बसु (याचिकाकर्ता) के खिलाफ आरोप पत्र जारी किया गया। 06.09.2022 को याचिकाकर्ता ने आरोपों से इनकार...
यदि कर्मचारी औपचारिक रिटायरमेंट की घोषणा के बाद भी निरंतर सेवा साबित करता है तो उसे ग्रेच्युटी का भुगतान पाने का अधिकार: कलकत्ता हाइकोर्ट
कलकत्ता हाइकोर्ट के जस्टिस अरिंदम मुखर्जी की सिंगल बेंच ने माना कि औपचारिक रिटायरमेंट की घोषणा के बाद भी वह अपनी निरंतर सेवा के लिए ग्रेच्युटी का हकदार है। पीठ ने कहा कि ग्रेच्युटी के भुगतान के लिए निरंतर सेवा की अवधि की स्थापना शर्त है और सबूत का भार कर्मचारी पर है।संक्षिप्त तथ्यकर्मचारी को 18 अक्टूबर 1968 को बज बज कंपनी द्वारा नियोजित किया गया और 25 जून, 1978 को भुगतान की स्थिति प्राप्त हुई। कर्मचारी को 7 जुलाई, 2006 को रिटायरमेंट की आयु प्राप्त करने पर रिटायर किया गया। वहीं वह 15 जुलाई 2012...
भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के बाद आवश्यक योग्यता में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता: कलकत्ता हाइकोर्ट
कलकत्ता हाइकोर्ट की जस्टिस पार्थ सारथी चटर्जी की सिंगल जज बेंच ने अनिमेष सिंह महापात्रा एवं अन्य बनाम पश्चिम बंगाल राज्य एवं अन्य के मामले में रिट याचिका पर निर्णय लेते हुए कहा कि एक बार भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाने के बाद भर्ती प्रक्रिया के दौरान आवश्यक योग्यता में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता। विशेष रूप से जब तक कि विज्ञापन में या भर्ती को नियंत्रित करने वाले किसी नियम के तहत ऐसी शक्ति आरक्षित न हो।मामले की पृष्ठभूमिपश्चिम बंगाल में सहायक शिक्षकों के विभिन्न पदों को भरने के लिए पश्चिम बंगाल...
BREAKING | Cash-For-Jobs Scam में पार्थ चटर्जी को राहत नहीं, हाईकोर्ट ने जमानत देने से किया इनकार
कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के तहत सहायक शिक्षकों की अवैध भर्ती से जुड़े कैश-फॉर-नौकरी भर्ती घोटाले (Cash-For-Jobs Scam) में पूर्व शिक्षा मंत्री और विधानसभा सदस्य पार्थ चटर्जी की जमानत याचिका खारिज कर दी।एकल पीठ ने चटर्जी और सह-अभियुक्त अर्पिता मुखर्जी से जब्त किए गए धन और संपत्ति, आभूषणों की मात्रा सहित सबूतों का अध्ययन करने के बाद जमानत याचिका खारिज कर दी।पीठ ने कहा:मैंने वर्तमान मामले में उपलब्ध सामग्रियों को ध्यान में रखा है, विशेष रूप से चल और अचल संपत्तियों के...
संदेशखाली | कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीबीआई से कहा, यौन पीड़ित महिलाओं से शिकायतें प्राप्त करने के लिए उनमें भरोसा जगाने का तरीका विकसित करें
कलकत्ता हाईकोर्ट ने गुरुवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो को यौन उत्पीड़न की शिकार संदेशखाली की स्थानीय महिलाओं के बीच विश्वास बहाली के तरीके विकसित करने का निर्देश दिया, ताकि वे अपनी शिकायतें दर्ज करा सकें, इन आरोपों के बीच कि इन महिलाओं को अपनी आवाज उठाने के खिलाफ धमकी दी जा रही थी। चीफ जस्टिस टीएस शिवगणनम और जस्टिस हिरण्मने भट्टाचार्य की खंडपीठ ने पहले जमीन पर कब्जा करने और यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच सीबीआई को सौंपी थी और वर्तमान अवसर पर एजेंसी की एक रिपोर्ट पर विचार कर रही थी। रिपोर्ट पर गौर...
कलकत्ता हाइकोर्ट में मेट्रो सर्विस को लेकर याचिका, लास्ट ट्रेन के समय विस्तार की मांग
कलकत्ता हाइकोर्ट ने गुरुवार को कोलकाता में मेट्रो के समय में विस्तार की मांग करने वाली जनहित याचिका का निपटारा करते हुए रेलवे अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे याचिकाकर्ता की अंतिम मेट्रो के समय में प्रतिदिन 45 मिनट की वृद्धि के लिए प्रार्थना पर विचार करें।चीफ जस्टिस टीएस शिवगनम और जस्टिस हिरणमय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने कहा,"मेट्रो सेवाएं चलाने का क्षेत्र रेलवे का विशेषज्ञता क्षेत्र है और न्यायालय इस पर टिप्पणी नहीं कर सकता, लेकिन हम अधिकारियों को निर्देश देते हैं कि वे यात्रियों के लाभ के लिए...
कानून आईवीएफ की इच्छुक विवाहित या अविवाहित महिला के बीच अंतर नहीं करता; शुक्राणु/अंडाणु दंपति का ही हो, यह आवश्यक नहीं: कलकत्ता हाईकोर्ट
कलकत्ता हाईकोर्ट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण फैसले में माना कि इन-विट्रियो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) के मामलों में यह अनिवार्य नहीं कि शुक्राणु या अंडाणु आईवीएफ की इच्छुक दंपति का ही हो। जस्टिस सब्यसाची भट्टाचार्य की सिंगल जज बेंच ने सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (विनियमन) अधिनियम, 2021 [Assisted Reproductive Technology (Regulation) Act, 2021] के तहत मौजूद नियमों का अवलोकन किया और एक पति की याचिका को स्वीकार कर लिया, जिसने किशोर उम्र की अपनी बेटी को खोने के बाद आईवीएफ के माध्यम से संतनोत्पत्ति की मांग...
लोकतंत्र को बाहुबल से नहीं लूटा जा सकता, देश जनादेश से चलता है: कलकत्ता हाईकोर्ट ने मतपत्र छीनने पर 2023 के ग्राम पंचायत के चुनाव परिणाम को रद्द किया
कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल के संकरैल के ग्राम पंचायत चुनाव के चुनाव परिणाम को रद्द कर दिया है। 2023 में हुए चुनावों में सत्ता व्यवस्था से संबंधित गुंडों द्वारा 'बेरहम पिटाई', 'हिंसा' और मतपत्र छीनने के आरोप लगे थे। जस्टिस अमृता सिन्हा की एकल पीठ ने निर्वाचित उम्मीदवार का चुनाव प्रमाणपत्र भी रद्द कर दिया, सीट को रिक्त मानने का निर्देश दिया और चुनाव आयोग से नए सिरे से चुनाव कराने के लिए कदम उठाने को कहा।कोर्ट ने कहा,"आयोग को लोकतंत्र के लक्ष्य और मूल्य को बनाए रखने के लिए साहसिक कदम उठाने...
कलकत्ता हाईकोर्ट में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ याचिका, हाईकोर्ट को 'खरीदा' गया और 'जज को पक्षपाती' कहने पर कार्रवाई की मांग
सीनियर वकील विकास रंजन भट्टाचार्य ने कलकत्ता हाईकोर्ट के समक्ष याचिका दायर की। उक्त याचिका में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा कथित तौर पर की गई टिप्पणियों पर स्वत: संज्ञान लेने की प्रार्थना की गई, जिसमें हाईकोर्ट के जजों को पक्षपाती बताया गया और कहा गया कि 'एचसी को खरीदा गया है।'ये टिप्पणियां उस फैसले के बाद आईं, जिसने लगभग 24,000 शिक्षण और गैर-शिक्षण नौकरियों को अमान्य कर दिया, जो नौकरी के बदले नकद घोटाले का हिस्सा थीं।चीफ जस्टिस टीएस शिवगणम और जस्टिस हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ के समक्ष...
रामनवमी हिंसा । हम ECI से कहेंगे कि वह बहरामपुर में लोकसभा चुनाव न कराए: कलकत्ता हाईकोर्ट
कलकत्ता हाईकोर्ट ने टिप्पणी की कि वह भारत के चुनाव आयोग (ECI) को राम नवमी के त्योहार के दौरान क्षेत्र में हुई हिंसा पर याचिका पर पश्चिम बंगाल के बेहरामपुर में होने वाले लोकसभा चुनाव को स्थगित करने की सिफारिश करेगा।चीफ जस्टिस टीएस शिवगणनम और जस्टिस हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने मौखिक रूप से टिप्पणी की:"हम ECI को सिफारिश करेंगे कि जब लोग शांति से कुछ घंटों के लिए त्योहार का आनंद नहीं ले सकते तो वे संसद में अपने प्रतिनिधियों को चुनने के हकदार नहीं होंगे, इसलिए चुनाव स्थगित कर दिए जाएंगे। आइए...