'सर्विस एक्ट समस्याएं पैदा कर रहा है': दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से केंद्रीय कानून को चुनौती देने वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई करने का अनुरोध किया

Update: 2024-07-09 07:48 GMT

दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के नियंत्रण से "सेवाओं" को हटाने वाले कानून को चुनौती देने वाली अपनी याचिका पर शीघ्र सुनवाई करने का अनुरोध किया।

दिल्ली सरकार की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट डॉ. एएम सिंघवी ने तत्काल सुनवाई की आवश्यकता पर बल दिया, क्योंकि यह कानून जमीनी स्तर पर राज्य के प्रशासन में बाधा उत्पन्न कर रहा है।

कहा गया,

"यह गंभीर मामला है, यह जमीनी स्तर पर समस्याएं पैदा कर रहा है।"

सिंघवी ने न्यायालय के पुराने निर्णय का उल्लेख किया, जिसमें कहा गया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के पास सार्वजनिक व्यवस्था, पुलिस और भूमि से संबंधित मामलों को छोड़कर राष्ट्रीय राजधानी में प्रशासनिक सेवाओं पर विधायी और कार्यकारी शक्ति है।

उन्होंने आग्रह किया कि वर्तमान मामले पर निर्णय लेने से 'समस्याओं को दूर करने' में सहायता मिलेगी।

आगे कहा गया,

"एनसीटी का मामला अब एक साल से ज़्यादा समय से लंबित है। माननीय जज जमीनी हकीकत जानते हैं, बहुत-सी चीज़ें हल हो जाएंगी, दो फ़ैसले हैं, तीसरे फ़ैसले की ज़रूरत है, जिससे कमियों को दूर किया जा सके। मैं हाथ जोड़कर बस यही प्रार्थना कर सकता हूं कि माननीय जज इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दें।"

जुलाई 2023 में न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार (संशोधन) अध्यादेश 2023 को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार की याचिका को 5 जजों की संविधान पीठ को भेज दिया। अध्यादेश को अगस्त 2023 में संसद द्वारा पारित दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार (संशोधन) अधिनियम 2023 द्वारा प्रतिस्थापित किया गया।

केस टाइटल: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार बनाम भारत संघ रिट याचिका (सी) नंबर 678/2023

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