सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप : सुप्रीम कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र
सुप्रीम कोर्ट में पिछले सप्ताह (10 जून, 2024 से 14 जून, 2024 तक) तक क्या कुछ हुआ, जानने के लिए देखते हैं सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप। पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र।
सुप्रीम कोर्ट ने यमुना किनारे शिव मंदिर को गिराने पर रोक लगाने से किया इनकार, कहा- सीमेंट से बना मंदिर प्राचीन नहीं हो सकता
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) द्वारा प्राचीन शिव मंदिर को गिराने के खिलाफ अंतरिम राहत खारिज की। मंदिर शहर की गीता कॉलोनी और यमुना बाढ़ के मैदानों के पास स्थित है।
जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की वेकेशन बेंच के समक्ष मामला रखा गया। हाल ही में 29 मई को दिल्ली हाईकोर्ट ने DDA की विध्वंस कार्रवाई के खिलाफ प्राचीन शिव मंदिर अवाम अखाड़ा समिति द्वारा दायर याचिका खारिज की थी।
केस टाइटल: प्राचीन शिव मंदिर अवाम अखाड़ा समिति बनाम दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA)
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SC/ST Act | प्रशासनिक जांच रिपोर्ट के बिना लोक सेवक के विरुद्ध कर्तव्य की उपेक्षा के अपराध का संज्ञान नहीं लिया जा सकता: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोक सेवक के विरुद्ध मामला शुरू करने के लिए प्रशासनिक जांच की संस्तुति न होने पर अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 (SC/ST Act) के तहत लोक सेवक के विरुद्ध कर्तव्य की उपेक्षा के अपराध का संज्ञान लेने पर रोक लगेगी।
हाईकोर्ट के निष्कर्षों को पलटते हुए जस्टिस एम.एम. सुंदरेश और जस्टिस एस.वी.एन. भट्टी की खंडपीठ ने कहा कि प्रशासनिक जांच की सिफारिश, 1989 के अधिनियम की धारा 4(2) के तहत लोक सेवक द्वारा जानबूझकर की गई उपेक्षा/कर्तव्य की अवहेलना के अपराध के लिए संज्ञान लेने सहित दंडात्मक कार्यवाही शुरू करने के लिए अनिवार्य शर्त है।
केस टाइटल: दिल्ली सरकार और अन्य बनाम प्रवीण कुमार @ प्रशांत
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सुप्रीम कोर्ट ने UYRB से अतिरिक्त पानी के लिए दिल्ली सरकार की याचिका पर फैसला करने को कहा
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार की उस याचिका का निपटारा किया। उक्त याचिका में संकटग्रस्त राष्ट्रीय राजधानी को तत्काल पानी छोड़ने के लिए हरियाणा राज्य को निर्देश देने की मांग की गई थी। ऐसा करते हुए कोर्ट ने दिल्ली सरकार को ऊपरी यमुना नदी बोर्ड (UYRB) से संपर्क करने का निर्देश देते हुए कहा कि राज्यों के बीच यमुना के पानी के बंटवारे से संबंधित मुद्दा एक जटिल और संवेदनशील मुद्दा है।
जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस प्रसन्ना बी वराले की वेकेशन बेंच ने कहा कि कोर्ट के पास पानी के बंटवारे के मुद्दे से निपटने के लिए विशेषज्ञता नहीं है।
केस टाइटल: दिल्ली सरकार बनाम हरियाणा राज्य और अन्य, डायरी नंबर 25504-2024
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'टीजर बहुत आपत्तिजनक': सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म 'हमारे बारह' की रिलीज पर रोक लगाई
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (13 जून) को बॉम्बे हाईकोर्ट में इसकी रिलीज को लेकर लंबित मामले के गुण-दोष के आधार पर निपटारे तक फिल्म 'हमारे बारह' की स्क्रीनिंग पर रोक लगा दी। 14 जून को रिलीज होने वाली इस फिल्म पर कथित तौर पर इस्लामी आस्था और भारत में विवाहित मुस्लिम महिलाओं के प्रति अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप है।
जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की वेकेशन बेंच ने बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा फिल्म की रिलीज की अनुमति दिए जाने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर यह आदेश पारित किया।
केस टाइटल: अजहर बाशा तंबोली बनाम रवि एस. गुप्ता और अन्य, एसएलपी (सी) नंबर 13061-13062/2024
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BREAKING| NEET UG 2024 - 1563 अभ्यर्थियों को दिए गए ग्रेस मार्क्स रद्द किए जाएंगे, उन्हें दोबारा परीक्षा देने का विकल्प दिया जाएगा: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बताया
NEET-UG 2024 विवाद के संबंध में केंद्र ने गुरुवार (13 जून) को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि 1563 छात्रों को दिए गए ग्रेस मार्क्स रद्द करने का निर्णय लिया गया। इन 1563 अभ्यर्थियों को उनके वास्तविक अंकों (ग्रेस मार्क्स के बिना) के बारे में सूचित किया जाएगा और उन्हें दोबारा परीक्षा देने का विकल्प दिया जाएगा।
केंद्र सरकार की ओर से पेश वकील ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया। यदि वे स्टूडेंट दोबारा परीक्षा नहीं देना चाहते हैं,तो 5 मई को आयोजित परीक्षा के आधार पर उनके अंकों को ध्यान में रखा जाएगा।
केस टाइटल: अब्दुल्ला मोहम्मद फैज और अन्य बनाम राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) और अन्य, डब्ल्यू.पी.(सी) संख्या 369/2024
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जनहित दांव पर होने पर रेस जुडिकाटा का सिद्धांत सख्ती से लागू नहीं हो सकता: सुप्रीम कोर्ट
दिल्ली सरकार और उसकी संस्थाओं के पक्ष में भूमि अधिग्रहण के कई मामलों में फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कहा कि जनहित दांव पर होने पर रेस जुडिकाटा का सिद्धांत सख्ती से लागू नहीं हो सकता।
जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने कहा कि ऐसे मामलों में "अदालतों को अधिक लचीला रुख अपनाना चाहिए, यह मानते हुए कि कुछ मामले व्यक्तिगत विवादों से परे होते हैं और जनहित से जुड़े दूरगामी निहितार्थ रखते हैं।"
केस टाइटल: दिल्ली सरकार और अन्य बनाम मेसर्स बीएसके रियलटर्स एलएलपी और अन्य (और संबंधित मामले)
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यदि आप 'टैंकर माफिया' के खिलाफ कार्रवाई नहीं करते हैं तो मामला दिल्ली पुलिस को सौंप दिया जाएगा: जल संकट पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा
सुप्रीम कोर्ट ने टैंकर माफिया जैसे कई कारकों के कारण दिल्ली में पानी की बर्बादी के बारे में गंभीर चिंता जताई। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा कि क्या इसके खिलाफ कोई कार्रवाई की गई है।
जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार का प्रतिनिधित्व करते हुए वकील के रूप में कहा, "यदि हिमाचल से पानी आ रहा है तो दिल्ली में पानी कहां जा रहा है। यहां बहुत सारे टैंकर माफिया काम कर रहे हैं। क्या आपने इसके खिलाफ कोई कार्रवाई की है... हर कोई कह रहा है कि दिल्ली में टैंकर माफिया काम कर रहे हैं और पानी शायद टैंकर माफिया द्वारा पी लिया जाता है और आप कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।"
केस टाइटल: दिल्ली सरकार बनाम हरियाणा राज्य और अन्य, डायरी नंबर 25504-2024
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यौन अपराध मामले में आरोपी का मेडिकल जांच से इनकार करना जांच में सहयोग करने की अनिच्छा दर्शाता है: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (10 जून) को अपनी 9 वर्षीय बेटी के यौन उत्पीड़न के आरोपी व्यक्ति को मेडिकल जांच से गुजरने का निर्देश दिया। कोर्ट ने उक्त निर्देश यह देखते हुए दिया कि उसका इनकार जांच में असहयोग के बराबर होगा।
कोर्ट पीड़ित लड़की की मां द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें कर्नाटक हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई। इसमें आरोपी को मेडिकल जांच के लिए उपस्थित होने के लिए कहने वाले पुलिस नोटिस पर रोक लगाई गई थी।
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Section 217 CrPC | न्यायालय आरोपों में बदलाव करता है तो पक्षकारों को गवाहों को वापस बुलाने/री-एक्जामाइन करने का अवसर दिया जाना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आरोपों में बदलाव की स्थिति में पक्षकारों को ऐसे बदले गए आरोपों के संदर्भ में गवाहों को वापस बुलाने या री-एक्जामाइन करने का अवसर प्रदान किया जाना चाहिए। साथ ही आरोपों में बदलाव के कारणों को निर्णय में दर्ज किया जाना चाहिए।
जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की खंडपीठ ने कहा, न्यायालय निर्णय सुनाए जाने से पहले किसी भी आरोप में बदलाव या वृद्धि कर सकता है, लेकिन जब आरोपों में बदलाव किया जाता है तो अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष दोनों को सीआरपीसी की धारा 217 के तहत ऐसे बदले गए आरोपों के संदर्भ में गवाहों को वापस बुलाने या री-एक्जामाइन करने का अवसर दिया जाना चाहिए। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि यदि न्यायालय द्वारा आरोपों में बदलाव किया जाता है, तो इसके कारणों को निर्णय में दर्ज किया जाना चाहिए।"
केस टाइटल: मधुसूदन और अन्य बनाम मध्य प्रदेश राज्य
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'30 साल से अधिक समय तक काम करने के बाद भी रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले लाभों से इनकार करना अनुचित': सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने 07 मई के अपने आदेश के माध्यम से 1981 में अल्पकालिक मौसमी नियुक्ति के आधार पर जिला गोरखपुर के लिए चयनित सहायक वसील बाकी नवीस (AWBN)/अपीलकर्ताओं को रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले लाभ प्रदान किए।
जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की खंडपीठ ने पाया कि अपीलकर्ताओं ने 30 से 40 साल तक काम किया। इसलिए उन्होंने कहा कि उन्हें रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले लाभों या टर्मिनल बकाया से वंचित करना अनुचित और अनुचित होगा।
केस टाइटल: आनंद प्रकाश मणि त्रिपाठी बनाम उत्तर प्रदेश राज्य, डायरी नंबर- 7179/2017
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10 अगस्त तक दिल्ली न्यायपालिका के लिए बने प्लॉट से अपना पार्टी ऑफिस शिफ्ट करे AAP: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (10 जून) को आम आदमी पार्टी (AAP) को अपना राष्ट्रीय मुख्यालय नई दिल्ली के राउज एवेन्यू स्थित परिसर से शिफ्ट करने के लिए 10 अगस्त, 2024 तक का समय दिया, जिसे दिल्ली न्यायपालिका के विस्तार के लिए निर्धारित किया गया। कोर्ट ने 4 मार्च को AAP को परिसर खाली करने के लिए 15 जून तक की समयसीमा दी थी।
जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की वेकेशन बेंच ने AAP द्वारा दायर आवेदन स्वीकार कर लिया, जिसमें 10 अगस्त तक समय बढ़ाने की मांग की गई।
केस टाइटल: मलिक मजहर सुल्तान बनाम यूपी लोक सेवा आयोग सिविल अपील नंबर 1867/2006