परिस्थितियों का दबाव और बुरा व्यवहार एक साथ नहीं चलेंगे: केरल हाईकोर्ट की अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने वाले पुलिसकर्मी के खिलाफ अवमानना ​​कार्रवाई की चेतावनी दी

Update: 2024-02-16 11:11 GMT

केरल हाइकोर्ट ने चेतावनी दी कि वह पलक्कड़ जिले के अलाथुर पुलिस स्टेशन में वकील के खिलाफ कथित तौर पर प्रतिबंधित अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने वाले पुलिसकर्मी के खिलाफ आरोप तय करेगा और अवमानना ​​​​कार्यवाही शुरू करेगा। कोर्ट ने इस मामले में थाने के SI और SHO को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

जस्टिस देवन रामचंद्रन ने SI (प्रथम प्रतिवादी) द्वारा दायर जवाबी हलफनामे पर विचार करते हुए कहा,

“कहने की जरूरत नहीं कि हलफनामे में रुख विरोधाभासी है, क्योंकि जब वह कहते हैं कि उन्होंने कोई अवमानना ​​नहीं की तो किसी को आश्चर्य होता है कि उन्होंने बिना शर्त माफी क्यों मांगी। वकील ने अपने मुवक्किल से अतिरिक्त हलफनामा दायर करने की अनुमति मांगी। मैं केवल निष्पक्षता के माध्यम से उपरोक्त अनुरोध स्वीकार करने का प्रस्ताव करता हूं। हालांकि आम तौर पर यह अदालत पहले से दायर जवाब के आधार पर अदालत की अवमानना ​​अधिनियम के तहत आगे की कार्रवाई कर सकती है।''

कोर्ट ने मौखिक रूप से पूछा,

"अदालत ने पहले प्रतिवादी-पुलिस अधिकारी द्वारा दायर जवाब पर कड़ी आलोचना की। इसमें कहा गया कि उत्तर अस्पष्ट और विरोधाभासी है। इसमें पाया गया कि जवाब में इस बात का जिक्र नहीं है कि उन्होंने अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया है या नहीं।"

इसमें कहा गया कि यह स्वीकार किए बिना कि क्या उन्होंने अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया, माफी मांगी, जो विरोधाभासी लगती है।

कोर्ट ने आगे कहा,

"आपने कहां कहा कि मैंने ऐसा नहीं कहा, या मैंने ऐसा कहा, यह किस तरह का जवाब है। क्या अवमानना ​​मामले में जवाब दाखिल करने का यही तरीका है।”

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