Bilkis Bano Case | आत्मसमर्पण के कुछ दिनों बाद गुजरात हाईकोर्ट ने भतीजे की शादी में शामिल होने के लिए एक दोषी को 10 दिन की पैरोल दी

Update: 2024-02-24 04:59 GMT

गुजरात हाईकोर्ट ने कुख्यात बिलकिस बानो सामूहिक बलात्कार मामले के एक दोषी को 10 दिन की पैरोल दे दी, जिससे उसे 5 मार्च को होने वाली अपने भतीजे की शादी में शामिल होने की अनुमति मिल गई।

बिलकिस बानो सामूहिक बलात्कार मामले में 11 दोषियों द्वारा 21 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार गोधरा उप-जेल में आत्मसमर्पण करने के कुछ सप्ताह बाद चंदना ने हाईकोर्ट का रुख किया। इससे पहले, 5 फरवरी को मामले के एक अन्य दोषी को उसके ससुर की मौत के बाद 5 दिन की पैरोल दी गई थी।

जस्टिस दिव्येश ए जोशी की पीठ ने सामान्य नियमों और शर्तों पर जेल प्राधिकरण की संतुष्टि के लिए 5,000/- रुपये का जमानत बांड प्रस्तुत करने की शर्त पर उन्हें पैरोल दी।

चंदना को पैरोल छुट्टी की अवधि समाप्त होने पर या उससे पहले जेल प्राधिकरण के समक्ष आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया गया।

अगस्त, 2022 में गुजरात सरकार ने कारावास के दौरान उनके 'अच्छे आचरण' का हवाला देते हुए चंदना सहित 11 दोषियों को समय से पहले रिहाई दे दी। जिन 11 लोगों ने आत्मसमर्पण किया था, वे हैं-राधेश्याम शाह, जसवन्त नाई, गोविंद नाई, केसर वोहनिया, बाका वोहनिया, राजू सोनी, प्रदीपभाई मोडिया, शैलेश भट्ट, बिपिन जोशी, मितेश भट्ट और प्रदीप मोढिया।

हालांकि, 8 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को पलट दिया और राज्य की "सहभागी" होने और अपने विवेक का दुरुपयोग करने के लिए आलोचना की।

सुप्रीम कोर्ट ने 2022 में रिहा हुए दोषियों को दो सप्ताह के भीतर जेल लौटने का निर्देश दिया।

इसके बाद उन्होंने 21 जनवरी को गोधरा जेल अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।

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