गुजरात हाईकोर्ट ने चेक बाउंसिंग मामले में फिल्म डायरेक्टर राजकुमार संतोषी को अंतरिम जमानत दी
गुजरात हाईकोर्ट ने सोमवार (2 दिसंबर) को प्रसिद्ध फिल्म डायरेक्टर, पटकथा लेखक और निर्माता राजकुमार संतोषी को अंतरिम जमानत दी, जिन पर निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट (NI Act) की धारा 138 के तहत चेक बाउंसिंग मामले में मामला दर्ज किया गया।
जजों की दलीलें सुनने के बाद जस्टिस एमआर मेंगडे ने अपने आदेश में कहा,
"नोटिस जारी कर 13 फरवरी को वापसी योग्य है। आवेदक (संतोषी) की ओर से पेश वकील ने प्रस्तुत किया कि आवेदक ने सजा के आदेश के खिलाफ सेशन कोर्ट के समक्ष पहले ही 6 लाख रुपये जमा कर दिए। आवेदक इस न्यायालय की रजिस्ट्री के समक्ष शेष 16.5 लाख रुपये जमा करने के लिए तैयार और इच्छुक है। उक्त प्रभाव का डिमांड ड्राफ्ट तैयार है। इस संबंध में आवेदक को अंतरिम जमानत दी जाएगी। आवेदक को 15 लाख रुपये जमा करने होंगे। 16.5 लाख रुपए रजिस्ट्री के समक्ष आज से एक सप्ताह की अवधि के भीतर जमा करने होंगे। संतोषी की ओर से पेश हुए एडवोकेट भद्रिश राजू ने कहा कि शिकायतकर्ता ने संतोषी को एक मामले में 17.5 लाख रुपए और दूसरे मामले में 5 लाख रुपए, कुल मिलाकर 22.5 लाख रुपए अग्रिम देने का दावा किया।
राजू ने कहा,
"नोटिस, शिकायत... इसमें कोई विवरण नहीं कि राशि किस तारीख को दी गई। यह सिर्फ एक साधारण नोटिस है, जिसमें कहा गया कि 'मैंने उसे 17.5 (लाख) और 5 लाख रुपए दिए हैं' और 22.5 लाख रुपए तथाकथित कानूनी बकाया, जिसका वह दावा करता है। इसलिए चेक जमा किए गए, वे बिना भुगतान के वापस आ गए।"
उन्होंने कहा कि मुख्य जांच में भी शिकायतकर्ता ने एक पैरा में "सरल" रूप से कहा कि उसने बिना किसी विवरण के पैसे दिए।
राजू ने आगे कहा कि अब पहली बार क्रॉस एक्जामिनेशन में शिकायतकर्ता ने कहा,
"वास्तव में यह उसकी पत्नी ही है, जिसने 2010 में आरोपी को 20 लाख रुपए दिए। 20 लाख रुपए के बदले में वह यह भी स्वीकार करता है कि, न केवल उसे 20 लाख रुपए वापस किए गए, बल्कि 20 लाख रुपए के अलावा उसे 17.5 लाख रुपए और दिए गए। इसलिए हमने उसे 37.5 लाख रुपए दिए।"
राजू ने कहा कि क्रॉस एक्जामिनेशन में शिकायतकर्ता का कहना कि 20 लाख रुपए के बदले में उसे "मुआवजे के साथ 60 लाख रुपए मिलने थे"। राजू ने कहा कि यह गुजरात मनी लेंडर्स एक्ट के बिल्कुल खिलाफ है, क्योंकि इस मामले में एक व्यक्ति 20 लाख रुपए दे रहा है, जबकि उसे वास्तव में 37.5 लाख रुपए मिले हैं, जबकि कोई समझौता नहीं हुआ। फिर उसका पूरा रुख बदल जाता है।
राजू ने कहा,
"शिकायत और नोटिस में उन्होंने इसका खुलासा नहीं किया, मुख्य रूप से उन्होंने इसका खुलासा नहीं किया। गुजरात मनी लेंडर्स एक्ट के तहत इस तरह की प्रकृति में 138 (NI) कार्यवाही के माध्यम से भी धन की वसूली पर रोक है। इसके अलावा, सेशन कोर्ट के समक्ष मेरी सजा निलंबित है।"
इसके अलावा, राजू ने कहा कि दो मामले सूचीबद्ध थे- एक 17.5 लाख रुपये का और दूसरा 5 लाख रुपये का, जिसके परिणामस्वरूप कुल 22.5 लाख रुपये होते हैं। संतोषी ने सेशन कोर्ट के समक्ष सजा के निलंबन के समय दोनों मामलों के लिए 6 लाख रुपये जमा किए।
उन्होंने कहा,
इसलिए 22.5 लाख की शेष राशि 16.5 लाख रुपये होती है।
राजू ने अंत में कहा कि उनके पास आज 16.5 लाख रुपये का डिमांड ड्राफ्ट तैयार है। उन्होंने कहा कि उनकी दलीलों के बिना किसी पूर्वाग्रह के यह संतोषी के खिलाफ बिल्कुल भी बनाए रखने योग्य मामला नहीं है। उन्होंने आगे हाईकोर्ट की रजिस्ट्री के साथ डिमांड ड्राफ्ट जमा करने का अनुरोध किया।
मामले की अगली सुनवाई 13 फरवरी, 2025 को होगी।
केस टाइटल: राजकुमार संतोषी बनाम गुजरात राज्य एवं अन्य।