चिनाब घाटी की सड़कों को दुर्घटना मुक्त बनाने के लिए एक्सपर्ट कमेटी गठित करें: जेकेएल हाईकोर्ट

Update: 2022-12-21 09:26 GMT
चिनाब घाटी की सड़कों को दुर्घटना मुक्त बनाने के लिए एक्सपर्ट कमेटी गठित करें: जेकेएल हाईकोर्ट

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने मंगलवार को यूटी सरकार को चिनाब घाटी क्षेत्र में बटोटे-डोडा-किश्तवाड़ रोड पर बार-बार होने वाली सड़क दुर्घटनाओं के कारणों का पता लगाने और सड़क दुर्घटना को कम करने के उपाय सुझाने के लिए एक्सपर्ट कमेटी गठित करने का निर्देश दिया।

एक्टिंग चीफ जस्टिस ताशी रबस्तान और जस्टिस राजेश सेखरी की खंडपीठ ने आगे सरकार को घुमावदार सड़कों पर, जहां भी पुलिया पाई जाती है, रोलिंग बैरियर/स्टील के खंभे लगाने का निर्देश दिया। इसके साथ ही सुनवाई की अगली तारीख तक या उससे पहले कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) दाखिल करने को कहा।

यह निर्देश सामाजिक कार्यकर्ता आसिफ इकबाल बट द्वारा दायर पत्र याचिका पर आया, जिसमें अदालत से चिनाब घाटी के पहाड़ी इलाकों में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं पर स्वत: संज्ञान लेने का अनुरोध किया गया था।

याचिकाकर्ता की पत्र याचिका के माध्यम से एक्टिंग चीफ जस्टिस के संज्ञान में यह बात लाई गई कि लगातार दुर्घटनाओं ने दशकों से सैकड़ों लोगों की जान ले ली और मुश्किल से सप्ताह बीतता है, जब किसी दुर्घटना की दुखद खबर नहीं आती है, जिससे स्थानीय लोगों में दहशत फैलती है। लेकिन सरकारी एजेंसियां हादसों को रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाने में विफल रही हैं।

पत्र याचिका में याचिकाकर्ता ने प्रस्तुत किया कि डोडा, किश्तवाड़ और रामबन जिलों में सड़क सर्किट जीर्ण-शीर्ण स्थिति में हैं और इस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।

याचिका में कहा गया,

"चूंकि ऊपरी पहुंच में सड़कें संकरी हैं और कई अंधे मोड़ हैं, दुर्घटनाओं की गंभीरता को कम करने के लिए रोलिंग बैरियर लगाए जाने की आवश्यक है।"

याचिका में आगे कहा गया,

"मजबूत सड़क बुनियादी ढांचा बनाना, सिफारिशों को लागू करना" सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करना समय की मांग है।"

कोर्ट ने इस मामले को मुगल रोड पर सड़क दुर्घटनाओं के मुद्दे से संबंधित पहले से लंबित जनहित याचिका के साथ जोड़ दिया।

मामले की गंभीरता को स्वीकार करते हुए बेंच ने कहा,

"पत्र याचिका में सरकारी एजेंसियों द्वारा इस तरह के दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटनाओं को रोकने के लिए दीर्घकालिक और अल्पकालिक दोनों तरह के पर्याप्त उपाय नहीं करने के बारे में चिंता जताई गई है। याचिका में उजागर किया गया मुद्दा सार्वजनिक हित में गंभीर प्रकृति का है।"

तदनुसार, पहले से ही पीआईएल में डिवीजन बेंच की सहायता कर रहे एडवोकेट शेख शकील अहमद को एमिकस क्यूरी के रूप में नियुक्त किया गया।

इसके साथ ही, बेंच ने बाद में मामले को 1 फरवरी, 2023 को फिर से सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

केस टाइटल: इंताखब अहमद काजी बनाम राज्य व अन्य

कोरम : एक्टिंग चीफ जस्टिस ताशी रबस्तान और जस्टिस राजेश सेखरी

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