कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीआरपीसी की धारा 41बी का पालन न करने का हवाला देते हुए एनडीपीएस एक्ट के तहत अभियुक्त को जमानत दी

Update: 2023-03-13 06:58 GMT

Calcutta High Court

कलकत्ता हाईकोर्ट ने हाल ही में एनडीपीएस मामले में दो अभियुक्तों को इस आधार पर जमानत दे दी कि सीआरपीसी की धारा 41बी का पालन नहीं किया गया। साथत ही जब्त किए गए दस्तावेजों में भी विसंगतियां हैं।

जस्टिस सब्यसाची भट्टाचार्य और जस्टिस राय चट्टोपाध्याय की खंडपीठ ने आरोपी व्यक्तियों की जमानत अर्जी स्वीकार करते हुए कहा,

"दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41 बी के प्रावधानों का अनुपालन किया जाना चाहिए और एनडीपीएस अधिनियम की धारा 37 के तहत उचित अनुमान लगाने के लिए जब्ती सूची में निहित कोई विसंगति नहीं हो सकती। हमारी राय है कि याचिकाकर्ता जमानत का हकदार हैं।

याचिकाकर्ताओं के वकील ने तर्क दिया कि जब्ती के दस्तावेजों में कई महत्वपूर्ण विसंगतियां हैं, जैसे:-

1. सीआरपीसी की धारा 41बी का अक्षरशः अनुपालन नहीं किया गया, क्योंकि इलाके के किसी भी जिम्मेदार व्यक्ति को गवाह के रूप में नहीं लिया गया।

2. जब्ती सूची पर किसी स्वतंत्र गवाह के हस्ताक्षर नहीं लिये गये और जब्ती सूची पर हस्ताक्षर करने वाला ही छापा मारने वाले दल का सदस्य था।

जमानत अर्जी का विरोध करते हुए राज्य के वकील ने प्रस्तुत किया कि छापा मारने वाला दल पोर्टेबल प्रिंटर और जांच किट के साथ गया और केवल जब्ती सूची के कंप्यूटर प्रिंटआउट होने के तथ्य को संदिग्ध नहीं माना जा सकता है।

अदालत ने कहा कि यह अच्छी तरह से स्थापित कानूनी स्थिति है कि सीआरपीसी की धारा 41बी के प्रावधानों का अनुपालन किया जाना है।

तदनुसार, अदालत ने याचिकाकर्ताओं को शर्तों के साथ जमानत दी।

हालांकि, अदालत ने निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता मुकदमे की पूरी अवधि के दौरान ट्रायल कोर्ट के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र को नहीं छोड़ेंगे।

केस टाइटल: मो. मिरमोइज़ुद्दीन रहमान और अन्य बनाम राज्य

कोरम: जस्टिस सब्यसाची भट्टाचार्य और जस्टिस राय चट्टोपाध्याय

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