अंकिता भंडारी मर्डर केस | उत्तराखंड हाईकोर्ट ने मुख्य आरोपी पुलकित आर्य की जमानत याचिका खारिज की

Update: 2023-12-21 11:55 GMT

अंकित भंडारी हत्याकांड के मुख्य संदिग्ध पुलकित आर्य की जमानत याचिका उत्तराखंड हाईकोर्ट ने खारिज की। अदालत ने इस घटना को पूर्व नियोजित अपराध बताया और इस बात पर जोर दिया कि निचली अदालत में गवाही के दौरान अपराध स्थल पर सभी आरोपियों की निर्णायक रूप से पहचान की गई है।

जस्टिस रवींद्र मैठाणी की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए बुधवार को आदेश पारित किया। इस आदेश में कहा गया कि रिकॉर्ड पर मौजूद ठोस सबूत, अपराध में आरोपी की संलिप्तता की ओर इशारा करते हैं।

जमानत मामले की सुनवाई के दौरान, मृत पीड़िता के परिवार के सदस्यों की ओर से दलील दी गई कि आरोपी आर्य के स्वामित्व वाले रिसॉर्ट में अपराध से संबंधित सबूतों को नष्ट करने के लिए उसके द्वारा तोड़फोड़ की गई। यह भी आरोप लगाया गया कि रिसॉर्ट के सीसीटीवी फुटेज बंद कर दिए गए और डीवीआर से भी छेड़छाड़ की गई।

उल्लेखनीय है कि 19 वर्षीय अंकिता भंडारी की पिछले साल रिसॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, पूर्व भाजपा नेता के बेटे और उसके दो सहयोगियों ने कथित तौर पर हत्या कर दी थी, क्योंकि उसने एक वीआईपी गेस्ट को "अतिरिक्त सेवाएं" देने से इनकार कर दिया था और इसका विरोध किया था।

दरअसल, अंकिता 18-19 सितंबर से लापता थी, जिसके बाद उसकी तलाश शुरू हुई। इसके बाद 23 सितंबर को तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया और जब पुलिस ने पूछताछ की तो उन्होंने कथित तौर पर हत्या की बात कबूल कर ली। उनकी निशानदेही पर 24 सितंबर को उसका शव उत्तराखंड के ऋषिकेश में चीला नहर से बरामद किया गया।

आर्य और दो अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया और वे फिलहाल जेल में हैं। हत्या का खुलासा होते ही आरोपी पुलकित आर्य के पिता विनोद आर्य को बीजेपी से निष्कासित कर दिया गया।

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