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न्यायालय शुल्क निर्धारण की जांच और मूल्यांकन प्रक्रिया : धारा 17, 18 राजस्थान कोर्ट फीस अधिनियम, 1961
न्यायालय शुल्क निर्धारण की जांच और मूल्यांकन प्रक्रिया : धारा 17, 18 राजस्थान कोर्ट फीस अधिनियम, 1961

राजस्थान कोर्ट फीस और वाद मूल्यांकन अधिनियम, 1961 के अंतर्गत न्यायालयों में प्रस्तुत वादों, अपीलों और अन्य कार्यवाहियों में न्यायालय शुल्क (Court-Fee) की सही गणना और संग्रहण एक अत्यंत महत्वपूर्ण प्रक्रिया है।इस प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और सटीक बनाने के लिए अधिनियम में धारा 17 और 18 को शामिल किया गया है। इन धाराओं का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी न्यायिक कार्यवाही में न तो कम शुल्क लिया जाए और न ही अधिक मूल्य का गलत मूल्यांकन किया जाए। अब हम इन दोनों धाराओं को सरल हिंदी में...

अपील, याचिकाओं और अन्य कार्यवाहियों पर शुल्क - धारा 15 और 16 राजस्थान कोर्ट फीस मूल्यांकन अधिनियम, 1961
अपील, याचिकाओं और अन्य कार्यवाहियों पर शुल्क - धारा 15 और 16 राजस्थान कोर्ट फीस मूल्यांकन अधिनियम, 1961

राजस्थान कोर्ट फीस और वाद मूल्यांकन अधिनियम, 1961 न्यायिक कार्यवाहियों में शुल्क की गणना और संग्रहण (Collection) को सुव्यवस्थित करने के लिए एक विस्तृत कानूनी ढांचा प्रदान करता है। इस अधिनियम में पहले ही वादपत्र (Plaint) पर शुल्क निर्धारण की प्रक्रिया को विस्तार से समझाने के लिए धारा 10 से लेकर धारा 13 तक के प्रावधान दिए गए हैं।इन धाराओं में यह स्पष्ट किया गया है कि किस प्रकार वादी को वाद की विषय-वस्तु (Subject Matter) का मूल्यांकन प्रस्तुत करना होगा, न्यायालय द्वारा इस मूल्यांकन की समीक्षा कैसे...