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पुलिस अधिकारी द्वारा आर्म्स लाइसेंस प्रस्तुत करने की और व्यक्तियों को गिरफ्तार करने की शक्ति : सेक्शन 19 और 20 आर्म्स अधिनियम, 1959 अध्याय IV
पुलिस अधिकारी द्वारा आर्म्स लाइसेंस प्रस्तुत करने की और व्यक्तियों को गिरफ्तार करने की शक्ति : सेक्शन 19 और 20 आर्म्स अधिनियम, 1959 अध्याय IV

आर्म्स अधिनियम, 1959 (Arms Act, 1959), भारत में आर्म्स और गोला-बारूद के स्वामित्व, उपयोग और विनियमन (Regulation) के लिए महत्वपूर्ण कानून है। इसका चौथा अध्याय, "शक्तियाँ और प्रक्रिया," अधिकारियों को कानून के अनुपालन (Compliance) सुनिश्चित करने के लिए विशेष अधिकार देता है।इसमें सेक्शन 19 और 20 महत्वपूर्ण हैं, जो लाइसेंस की मांग करने, आर्म्स और गोला-बारूद को जब्त करने और संदिग्ध परिस्थितियों में व्यक्तियों को गिरफ्तार करने की प्रक्रियाओं को निर्धारित करते हैं। इस लेख में इन प्रावधानों (Provisions)...

क्या बार एसोसिएशन के चुनाव में केवल नियमित वकीलों को ही मतदान का अधिकार है?
क्या बार एसोसिएशन के चुनाव में केवल नियमित वकीलों को ही मतदान का अधिकार है?

सुप्रीम कोर्ट ने बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के चुनाव को लेकर एक महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि बार एसोसिएशन के पदाधिकारी केवल उन वकीलों द्वारा चुने जाने चाहिए जो संबंधित हाईकोर्ट या अदालत में नियमित रूप से प्रैक्टिस करते हैं।बाहरी व्यक्तियों को, जो नियमित रूप से उस अदालत में प्रैक्टिस नहीं करते हैं, चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। यह टिप्पणी जस्टिस एम.आर. शाह और जस्टिस ए.एस. बोपन्ना की पीठ ने की। अवध बार एसोसिएशन चुनाव विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी ...

प्रतिवादी को मुकदमे में साक्ष्य आरंभ करने के लिए कब कहा जा सकता है? सुप्रीम कोर्ट ने आदेश XVIII नियम 1 CPC की व्याख्या की
प्रतिवादी को मुकदमे में साक्ष्य आरंभ करने के लिए कब कहा जा सकता है? सुप्रीम कोर्ट ने आदेश XVIII नियम 1 CPC की व्याख्या की

हाल ही में दिए गए एक निर्णय में सुप्रीम कोर्ट ने उन परिस्थितियों की व्याख्या की, जिनके अंतर्गत प्रतिवादी को सिविल प्रक्रिया संहिता (CPC) के आदेश XVIII नियम 1 के अनुसार मुकदमे की सुनवाई आरंभ करने का अधिकार प्राप्त होता है।CPC के अनुसार, वादी को आरंभ करने का अधिकार है। हालांकि, यदि प्रतिवादी वादी द्वारा आरोपित तथ्यों को स्वीकार करता है और तर्क देता है कि वादी कुछ अतिरिक्त तथ्य या कानून के किसी बिंदु के कारण राहत का हकदार नहीं है, तो प्रतिवादी को आरंभ करने का अधिकार प्राप्त होता है।जस्टिस जे.बी....

वारंट-प्रकरणों में साक्ष्य दर्ज और इलेक्ट्रॉनिक माध्यम का उपयोग करने के नियम : धारा 310 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023
वारंट-प्रकरणों में साक्ष्य दर्ज और इलेक्ट्रॉनिक माध्यम का उपयोग करने के नियम : धारा 310 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 के प्रावधानों में साक्ष्य दर्ज करने की प्रक्रिया को विस्तार से समझाया गया है। जहां धारा 307 से 309 सामान्य प्रावधानों और समन-प्रकरणों (Summons-Cases) में साक्ष्य दर्ज करने की प्रक्रिया को कवर करती हैं, वहीं धारा 310 विशेष रूप से वारंट-प्रकरणों में साक्ष्य दर्ज करने के नियमों पर केंद्रित है। वारंट-प्रकरण गंभीर अपराधों (Serious Offences) से जुड़े होते हैं, इसलिए इन मामलों में साक्ष्य दर्ज करने की प्रक्रिया अधिक सावधानी और पारदर्शिता (Transparency) की मांग करती...