मुख्य सुर्खियां
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने ऑब्जर्वेशन होम में 'अप्राकृतिक परिस्थितियों' में मरने वाले किशोर की मां को 1 लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने हाल ही में एक किशोर अपराधी की मां को 1 लाख रुपए मुआवज़ा देने का आदेश दिया है, जिसकी एक ऑब्जर्वेशन होम में हिरासत में रहने के दौरान मृत्यु हो गई थी।दोषी अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करते हुए चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रजनी दुबे की डिवीजन बेंच ने अजब सिंह और अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य एवं अन्य मामले में शीर्ष अदालत द्वारा की गई निम्नलिखित टिप्पणी का हवाला दिया।कोर्ट ने कहा,“जब ऐसी मौतें होती हैं, तो केवल आम जनता ही जिम्मेदार नहीं होती, बल्कि हिरासत में रखे गए लोग भी...
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एडिशनल सेशन जज के खिलाफ अवमानना कार्यवाही फिर से शुरू की, जज ने स्थगन आदेश के बावजूद हत्या के आरोपी को बरी कर दिया था
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कपूरथला के तत्कालीन एडिशनल सेशन जज के खिलाफ अवमानना कार्यवाही फिर से शुरू कर दी है, जिन्होंने उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश के बावजूद 2016 के हत्या मामले में आरोपी को बरी कर दिया था।उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना करने पर न्यायाधीश के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की गई और 2019 में रजिस्ट्रार विजिलेंस को तथ्यान्वेषी जांच करने और एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया।इस बीच, बरी करने के आदेश के खिलाफ एक अपील दायर की गई और याचिकाकर्ता को अपील में सभी दलीलें लेने की...
गुजरात हाईकोर्ट ने राज्य से उन मामलों की पहचान करने को कहा, जहां बलात्कार की सजा कमजोर साक्ष्य पर आधारित है
Rape case in Gujaratगुजरात हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को उन मामलों विशेष रूप से बलात्कार के मामलों की पहचान करने के लिए समिति गठित करने का निर्देश दिया, जहां सबूतों के अनुचित मूल्यांकन या संदिग्ध सबूतों के कारण दोषियों को गलत सजा सुनाई गई है, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें लंबे समय तक जेल में रहना पड़ा है। कोर्ट का यह कदम ऐसे मामलों अपीलों पर प्राथमिकता से सुनवाई करने के लिए है।जस्टिस एएस सुपेहिया और जस्टिस एमआर मेंगडे की खंडपीठ ने आदेश दिया,"वर्तमान जैसे मामले जो हाईकोर्ट के समक्ष लंबित हैं, उनकी पहचान...
अकेले सह-अभियुक्तों के साथ वित्तीय लेनदेन एनडीपीएस अधिनियम की धारा 37 के तहत प्रतिबंध लगाने के लिए पर्याप्त नहीं: केरल हाईकोर्ट
Kerala High Court on Section 37 NDPS Act केरल हाईकोर्ट ने गुरुवार को कहा कि केवल वित्तीय लेनदेन पर निर्भरता और सह-अभियुक्त की स्वीकारोक्ति को नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट (NDPS Act) की धारा 37 पर प्रतिबंध लगाने के लिए पर्याप्त आधार नहीं माना जाना चाहिए।जस्टिस ज़ियाद रहमान ए.ए. ने इस स्तर पर कोई निर्णायक निष्कर्ष निकालने से बचते हुए माना कि पर्याप्त सबूतों की अनुपस्थिति मामले में याचिकाकर्ताओं की भागीदारी के बारे में उचित संदेह पैदा करती है।उन्होंने कहा,"मामले के रिकॉर्ड के...
'न्याय करने की प्रक्रिया के लिए खामोशी सुनने की जरूरत होती है, न्याय तब मिलता है जब इक्विटी संतुलित होती है': दिल्ली हाईकोर्ट से अपनी विदाई पर बोले जस्टिस नजमी वज़ीरी
Delhi high court justice Najmi Waziri farewellदिल्ली हाईकोर्ट से विदाई लेते हुए शुक्रवार को जस्टिस नजमी वज़ीरी ने कहा कि न्याय करने की प्रक्रिया के लिए "खामोशी सुनने" की आवश्यकता होती है और न्याय तब मिलता है जब इक्विटी संतुलित होती है।उन्होंने कहा,“अक्सर राहत अदालत में तय होती है। फिर भी ऐसे अवसर आते हैं जब न्यायाधीश को संतुलन की तलाश के लिए चिंतन करने की आवश्यकता होती है। निर्णय लेने की प्रक्रिया में मौन रहकर भी सुनने की आवश्यकता होती है। हालांकि किसी ने फ़ाइल को अच्छी तरह से पढ़ा होगा, मामले...
कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीबीआई, ईडी को शिक्षक भर्ती घोटाले में लाभार्थियों की सूची रिकॉर्ड पर रखने का निर्देश दिया
West Bengal Teachers Recruitment Scam caseकलकत्ता हाईकोर्ट ने शुक्रवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) को पश्चिम बंगाल में 2016 से चली आ रही शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया की जांच करके "शिक्षक भर्ती घोटाले" की और जांच करने का निर्देश दिया। साथ ही व्यक्तिगत रूप से उन लोगों की पहचान करने का भी निर्देश दिया, जिन्हें मानक भर्ती प्रक्रियाओं के बाहर काम पर रखा गया।जस्टिस अमृता सिन्हा की एकल-न्यायाधीश पीठ ने सार्वजनिक हित के लिए जांच के दौरान हुई वित्तीय वसूली की सीमा को रिकॉर्ड पर...
समान नागरिक संहिता: भारत के विधि आयोग ने जनता को सुझाव देने के लिए समय बढ़ाया
भारत के विधि आयोग ने "जनता की भारी प्रतिक्रिया को देखते हुए" समान नागरिक संहिता के विषय पर जनता के लिए सुझाव देने का समय दो सप्ताह और बढ़ाने का निर्णय लिया है।सुझाव प्रस्तुत करने के लिए विधि आयोग द्वारा निर्धारित प्रारंभिक समय सीमा शुक्रवार को समाप्त हो गई। 14 जून को आयोग ने बड़े पैमाने पर जनता और धार्मिक संगठनों से नए विचार आमंत्रित करके यूसीसी पर बहस फिर से शुरू करने का फैसला किया।जो रुचि रखते हैं और इच्छुक हैं, वे नोटिस की तारीख से 30 दिनों की अवधि के भीतर "यहां क्लिक करके" या भारत के विधि...
मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु के मंत्री सेंथिल बालाजी को हिरासत में लेने के ईडी के अधिकार को बरकरार रखा; कहा- 'अगर ईडी गिरफ्तार कर सकती है, तो हिरासत भी मांग सकती है'
Madras High Court Decision on ED's Right To Take TN Minister Senthil Balaji Into Custody|मद्रास हाईकोर्ट ने आरोपियों की पुलिस हिरासत मांगने की प्रवर्तन निदेशालय की शक्ति के संबंध में विरोधाभासी विचारों का निपटारा करते हुए, फैसला सुनाया कि केंद्रीय एजेंसी कथित नकदी के बदले नौकरी घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तमिलनाडु के मंत्री सेंथिल बालाजी की हिरासत मांगने की हकदार है।जस्टिस सीवी कार्तिकेयन, जिनके पास जस्टिस निशा बानू और जस्टिस भरत चक्रवर्ती की खंडपीठ में विभाजन के बाद मामला भेजा गया था,...
पुलिस अधिकारियों द्वारा घोषित संपत्तियों की जांच करें, विसंगति के मामले में अवैध रूप से जमा की गई संपत्ति जब्त करें: मद्रास हाईकोर्ट ने राज्य से कहा
मद्रास हाईकोर्ट ने सरकार के सचिव (गृह विभाग) और पुलिस महानिदेशक को तमिलनाडु अधीनस्थ पुलिस अधिकारी आचरण नियम, 1964 के नियम 9 के अनुसार पुलिस अधिकारियों द्वारा दी गई अनिवार्य घोषणाओं को सत्यापित करने और किसी भी विसंगति के मामले में उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।आचरण नियमों के नियम 9 के अनुसार प्रत्येक पुलिस अधिकारी को पहली नियुक्ति के तीन महीने के भीतर और उसके बाद 5 साल के अंतराल के बाद अपनी संपत्ति और देनदारियों का रिटर्न जमा करना होता है। यह किसी पुलिस अधिकारी को निर्धारित प्राधिकारी...
दिल्ली हाईकोर्ट के 'ग्रीन जज' जस्टिस नजमी वज़ीरी आज सेवानिवृत्त हो रहे हैं, वकीलों ने कहा- एक-एक पेड़ आपको उम्रदराज करे
Delhi High Court's 'Green Judge' Justice Najmi Waziri Retires Today| दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस नजमी वज़ीरी आज सेवानिवृत्त हो गए। उन्हें पर्यावरण में योगदान, विशेष रूप से राष्ट्रीय राजधानी में पेड़ लगाने के निर्देश देने वाले आदेशों के लिए जाना जाता है।आज कई वकील उनके कोर्ट रूप में उपस्थित हुए पीठ में उनके बहुमूल्य और महत्वपूर्ण प्रयासों, खासकर पर्यावरण के प्रति उनके मूल्यवान और महत्वपूर्ण प्रयासों के लिए उनकी सराहना की और उन्हें धन्यवाद दिया। जस्टिस वज़ीरी ने जवाब में कहा, "मैं आज एक अमीर...
बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंगः कांग्रेस छात्र नेता के परीक्षा देने पर लगी रोक को रद्द करने के आदेश के खिलाफ दिल्ली यूनिवर्सिटी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की
Debarment of NUSI Leader Over The Screening Of BBC Documentary On PM Modi In Delhi University| दिल्ली यूनिवर्सिटी ने हाल ही में बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग में पीएचडी स्कॉलर और एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव लोकेश चुघ की कथित संलिप्तता के संबंध में उन्हें एक वर्ष के लिए परीक्षा देने से रोकने के अपने फैसले को रद्द करने के एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ दिल्ली हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस नजमी वजीरी की खंडपीठ ने यूनिवर्सिटी की अपील पर नोटिस जारी किया और...
उड़ीसा हाईकोर्ट ने बलात्कार के दोषी को निर्धारित न्यूनतम सजा से कम सजा सुनाने पर न्यायिक अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा
Sentencing Rape Convict To Less Than Minimum Sentence Prescribed By Lower Court| उड़ीसा हाईकोर्ट ने जिला न्यायाधीश स्तर के एक वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी को यह स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का आदेश दिया है कि उन्होंने बलात्कार के लिए आईपीसी की धारा 376(1) के तहत दोषी ठहराए गए एक व्यक्ति को सात साल के कठोर कारावास की सजा क्यों सुनाई, जबकि उस प्रावधान के तहत निर्धारित न्यूनतम सजा दस वर्ष है।ट्रायल कोर्ट के न्यायाधीश द्वारा पारित सजा के आदेश को अस्वीकार करते हुए, जस्टिस संगम कुमार साहू की एकल न्यायाधीश...
हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम| बेटियों को बेटों के बराबर अधिकार मिले, भले ही पिता की मृत्यु 2005 संशोधन से पहले हो गई हो: उड़ीसा हाईकोर्ट
Hindu Succession Act- उड़ीसा हाईकोर्ट ने पैतृक संपत्ति में बेटियों के हक पर बड़ा फैसला दिया है। कोर्ट ने बेटियों को उनके समान हमवारिस अधिकारों के मद्देनजर पैतृक संपत्ति प्राप्त करने का अधिकार दोहराया है, जैसा कि हिंदू उत्तराधिकार (संशोधन) अधिनियम, 2005 द्वारा उन्हें उनके पिता की मृत्यु की तारीख की परवाह किए बिना प्रदान किया गया था।विनीता शर्मा बनाम राकेश शर्मा और अन्य में अपने ऐतिहासिक फैसले में सुप्रीम कोर्ट के निष्कर्ष के बाद जस्टिस विद्युत रंजन सारंगी और जस्टिस मुराहारी श्री रमन की...
यदि एक सक्षम व्यक्ति अपनी पत्नी का भरण-पोषण करने के लिए बाध्य है, तो आश्रित मां का क्यों नहीं: कर्नाटक हाईकोर्ट
Karnataka High Court on Maintenance and Welfare Of Parents And Citizens Act| कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक वृद्ध महिला के बेटों की ओर से उपायुक्त के एक आदेश, जिसमें बेटों को माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम के तहत अपनी मां को 10,000 रुपये की भरण-पोषण राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया गया था, के खिलाफ दायर याचिका को खारिज़ कर दिया।जस्टिस कृष्ण एस दीक्षित की सिंगल जज बेंच ने गोपाल और अन्य द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया, जिन्होंने उस आदेश पर सवाल उठाया था, जिसमें...
अपराधों के लिए कड़ी सजा के मद्देनजर पॉक्सो एक्ट के तहत गवाहों से क्रॉस-एग्जामिनेशन का आरोपी का अधिकार अधिक ऊंचे स्तर पर: दिल्ली हाईकोर्ट
Accused’s Right To Cross-Examine Witness Under POCSO Act| दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि अपराधों की गंभीर प्रकृति और कानून के तहत निर्धारित कठोर सजा को देखते हुए पॉक्सो एक्ट के तहत किसी गवाह से क्रॉस-एक्जामिनेशन करने का आरोपी का अधिकार "ऊंचे स्तर पर" है।पॉक्सो मामले में एक आरोपी को अभियोजन पक्ष के गवाह से क्रॉस-एक्जामिनेशन करने का अवसर देते हुए जस्टिस तुषार राव गेडेला ने कहा, “अपराध बहुत गंभीर प्रकृति के हैं और इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि पॉक्सो एक्ट के तहत अपराधों में बहुत कठोर सजा का...
कई देशों ने सहमति से यौन संबंध बनाने की उम्र कम की, हमें भी विचार करना चाहिए: बॉम्बे हाईकोर्ट
Age Of Consent For Sex- बॉम्बे हाईकोर्ट ने सहमति से यौन संबंध बनाने की उम्र को लेकर अहम बात कही है। हाईकोर्ट ने कहा कि कई देशों ने किशोरों के लिए सहमति से यौन संबंध बनाने की उम्र कम कर दी है और अब समय आ गया है कि हमारा देश और संसद भी दुनिया भर में हो रही घटनाओं पर ध्यान दे और इस पर विचार करे।कोर्ट ने यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम यानी पॉक्सो से जुड़े आपराधिक मामलों की बढ़ती संख्या पर चिंता जताई। जहां पीड़ितों के किशोर होने और सहमति से संबंध बनाने की जानकारी देने के बावजूद...
निजी स्कूल फीस को विनियमित करने में शिक्षा विभाग की कथित निष्क्रियता को लेकर हैदराबाद स्कूल पेरेंट्स एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की
Regulating Private School Feesतेलंगाना हाईकोर्ट के समक्ष हैदराबाद स्कूल पेरेंट्स एसोसिएशन (एचएसपीए) ने निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों द्वारा लगाए गए ट्यूशन फीस के विनियमन के आदेशों का कथित तौर पर जानबूझकर पालन न करने के लिए राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए अवमानना याचिका दायर की।जस्टिस अभिनंद कुमार शाविली और जस्टिस नामवरपु राजेश्वर राव की खंडपीठ ने मामले को स्वीकार कर लिया और सचिव करुणा वकाती को नोटिस जारी किया।एचएसपीए ने तर्क दिया कि 2017 में निजी...
'जज पर हर मामले में ट्रायल पर होते हैं, उन्हें ईमानदारी सुनिश्चित करनी चाहिए': चीफ जस्टिस उज्ज्वल भुइयां ने तेलंगाना हाईकोर्ट से विदाई ली
तेलंगाना हाईकोर्ट ने चीफ जस्टिस उज्ज्वल भुइयां के लिए विदाई समारोह आयोजित किया, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में पदोन्नत किया गया है।अपने विदाई भाषण में, मुख्य न्यायाधीश भुइयां ने न्यायपालिका में जनता के विश्वास के महत्व पर जोर दिया और टिप्पणी की कि न्याय सिर्फ किया ही नहीं जाना चाहिए, बल्कि होते हुए दिखना भी चाहिए। इसी प्रकार, एक न्यायाधीश को न केवल निष्पक्ष होना चाहिए, बल्कि निष्पक्ष दिखना भी चाहिए।उन्होंने कहा,"न्याय विश्वास में निहित है। और इसलिए प्रत्येक मामले में, न्यायाधीश ही सुनवाई...
'शादी के झूठे वादे का मामला नहीं': गुजरात हाईकोर्ट ने व्यक्ति के खिलाफ दूसरे बलात्कार का मामला रद्द किया
False Promise Of Marriage caseगुजरात हाईकोर्ट ने हाल ही में व्यक्ति के खिलाफ बलात्कार का मामला यह कहते हुए रद्द कर दिया कि यह मामला सहमति से यौन संबंध का है।अदालत ने कहा कि शिकायतकर्ता को रिश्ते के फायदे और नुकसान के बारे में अच्छी तरह से पता था और शुरुआती चरण में शादी का कोई झूठा वादा नहीं किया गया।जस्टिसा गीता गोपी ने कहा,“रिश्ते की शुरुआत में शिकायतकर्ता को वादे के आधार पर शारीरिक संबंध के लिए सहमति देने के लिए शादी का कोई वादा नहीं किया गया होगा। ऐसा नहीं है, बल्कि आरोपी द्वारा शादी का झूठा...
भारत में भ्रष्टाचार सभी स्तरों पर व्याप्त, यहां तक कि आईएएस, आईपीएस और न्यायिक सेवा को भी नहीं बख्शा जा रहा: मद्रास हाईकोर्ट
Corruption In India caseमद्रास हाईकोर्ट ने समाज के सभी स्तरों पर प्रचलित भ्रष्ट प्रथाओं के खिलाफ आलोचनात्मक टिप्पणी करते हुए कहा कि वर्तमान भारत में,“भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी हो गई हैं और यह अनियंत्रित और निर्बाध रूप से सरपट दौड़ रहा है। यह सर्वविदित है कि हमारा महान राष्ट्र किस प्रकार भ्रष्टाचार में और अधिक डूबता जा रहा है। इसमें कोई संदेह नहीं कि वर्तमान भारत में भ्रष्टाचार सभी स्तरों और सभी सेवाओं में व्याप्त है, यहां तक कि भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और न्यायिक सेवा को भी नहीं...