सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप : जानिए सुप्रीम कोर्ट में कैसा रहा पिछला सप्ताह

LiveLaw News Network

6 March 2021 4:36 AM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप : जानिए सुप्रीम कोर्ट में कैसा रहा पिछला सप्ताह

    01 मार्च 2021 से 05 मार्च 2021 तक सुप्रीम कोर्ट के कुछ ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र

    'चेक डिसऑनर मामलों की पेंडेंसी विचित्र स्थिति' : सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से एनआई अधिनियम की धारा 138 के तहत दर्ज मामलों के लिए अतिरिक्त न्यायालय बनाने का आग्रह किया

    सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार से निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट (एनआई) अधिनियम की धारा 138 के तहत चेक डिसऑनर मामलों की पेंडेंसी की "समस्या" से निपटने के लिए अतिरिक्त अदालतों की स्थापना पर विचार करने का आग्रह किया। भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे (सीजेआई) की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता को बताया कि अतिरिक्त अदालतों के निर्माण के लिए संविधान के अनुच्छेद 247 के तहत मिला अधिकार "एक कर्तव्य" है।

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    'ट्रायल पूरा होने की कोई संभावना नहीं'; सुप्रीम कोर्ट ने 9 साल से जेल में बंद अंडरट्रायल कैदी को जमानत दी

    सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को यह देखते हुए कि निकट भविष्य ट्रायल पूरा होने की कोई संभावना नहीं है, हत्या के एक मामले में 9 साल से जेल में बंद एक अंडरट्रायल कैदी को जमानत दे दी। जस्टिस आरएफ नरीमन और जस्टिस बीआर गवई की खंडपीठ 3 दिसंबर, 2019 को इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा पारित एक आदेश को चुनौती देने वाली एक एसएलपी पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें तत्काल याचिकाकर्ता की तीसरी जमानत याचिका इस अवलोकन के साथ खारिज कर दी गई थी कि आवेदक को जमानत पर रिहा करने का कोई नया आधार नहीं था।

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    अगर कॉरपोरेट देनदार के खिलाफ समापन कार्यवाही लंबित है तो भी दिवालियापन कार्यवाही सुनवाई योग्य : सुप्रीम कोर्ट

    सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड की धारा 7 या धारा 9 के तहत एक याचिका एक स्वतंत्र कार्यवाही है जो एक ही कंपनी के खिलाफ दायर होने वाली कार्यवाही का समापन करने पर भी अप्रभावित रहती है। जस्टिस आरएफ नरीमन और जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने कहा कि एक सुरक्षित लेनदार समापन के बाहर खड़ा होता है और कार्यवाही के समापन के दौरान अपनी सुरक्षा को असंबंध रूप से प्राप्त कर सकता है। इस अपील में अपीलकर्ता का तर्क था कि एक समापन याचिका की मंज़ूरी, आईबीसी की धारा 7 के तहत कोई याचिका दायर नहीं की जा सकती। इसके अनुसार, कंपनी अधिनियम, 1956 की धारा 446 (जो कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 279 के समतुल्य है) का प्रभाव यह है कि एक समापन याचिका की मंज़ूरी के बाद कोई मुकदमा या अन्य कानूनी कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती।

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    'क्या तुम उससे शादी करोगे?' सुप्रीम कोर्ट ने बलात्कार के आरोपी से पूछा; गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया

    सुप्रीम कोर्ट ने (सोमवार) एक 23 वर्षीय लड़के, जिस पर एक नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार करने का आरोप लगा है, जब वह लगभग 16 वर्ष की थी, से पूछा कि क्या वह (अभियुक्त) उससे (पीड़ित) से शादी करेगा। भारत के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने बॉम्बे हाई कोर्ट (औरंगाबाद बेंच) के उस आदेश के खिलाफ, जिसमें महाराष्ट्र के एक सरकारी कर्मचारी की अग्रिम जमानत रद्द कर दी गई थी, अभियुक्त की विशेष अनुमति याचिका (Special Leave Petition) पर सुनवाई की (केस: मोहित) सुभाष चव्हाण बनाम महाराष्ट्र राज्य)।

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    एनआई एक्ट की धारा 138 की कार्यवाही "आपराधिक भेड़ियों के कपड़ों" में " सिविल भेड़", प्रकृति में "अर्ध-आपराधिक" : सुप्रीम कोर्ट

    सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट, 1881 की धारा 138 के तहत चेक डिसऑनर के लिए आपराधिक कार्यवाही प्रकृति में "अर्ध-आपराधिक" है। न्यायालय ने एक दिलचस्प टिप्पणी भी की कि धारा 138 की कार्यवाही को "आपराधिक भेड़ियों के कपड़ों" में " सिविल भेड़" कहा जा सकता है। जस्टिस आरएफ नरीमन, जस्टिस नवीन सिन्हा और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ ने यह टिप्पणी उस फैसले के दौरान दी कि इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (आईबीसी ) की धारा 14 के तहत मोहलत की घोषणा कॉरपोरेट देनदार के खिलाफ निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 138 के तहत चेक डिसऑनर के लिए आपराधिक कार्यवाही को प्रतिबंधित करती है।

    केस : पी मोहनराज और अन्य बनाम मैसर्स शाह ब्रदर्स इस्पात लिमिटेड और जुड़े मामले

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    "हम अभी आगे के घटनाक्रम से चिंतित नहीं हैं, हम ये देखेंगे कि क्या डिवीजन बेंच में कोई अपील टिक सकती है" : सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल कोयला घोटाला मामले में कहा

    सीबीआई के अनुरोध पर, सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई 10 मार्च के लिए स्थगित कर दी, जिसके तहत हाईकोर्ट ने राज्य की सहमति ना होने के बावजूद पश्चिम बंगाल में रेलवे के माध्यम से कोयले के अवैध खनन और परिवहन से संबंधित एक मामले की सीबीआई जांच करने की अनुमति दी। जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की पीठ के समक्ष पेश होकर, एसजी तुषार मेहता ने अपनी प्रतिक्रिया दर्ज करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा था।

    मामला ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड, रिट याचिकाकर्ता (अनूप माजी) सहित कुछ अन्य निजी व्यक्तियों और रेलवे के अधिकारियों के साथ मिलकर रेलवे के माध्यम से कोयले के अवैध खनन और परिवहन से संबंधित है।

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    सुप्रीम कोर्ट ने शादी का झांसा देकर रेप करने के आरोपी को गिरफ्तारी से 8 हफ्ते की सुरक्षा प्रदान की

    भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने एक मामले में शादी का झूठा वादा करके बलात्कार के आरोप में एक प्राथमिकी को रद्द करने के संबंध में पूछा, "जब दो लोग पति और पत्नी के रूप में रह रहे होते हैं, हालाँकि पति क्रूर है, तो क्या उनके बीच बने यौन-संबंध को बलात्कार कहा जा सकता है?" याचिकाकर्ता ने यह कहते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया कि उसके और महिला के बीच सहमति के आधार पर यौन संबंध बने थे। उसने दावा किया कि उनके संबंधों में कड़ावहट आने के बाद महिला की ओर से यह प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

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    किसी विधान में मौजूद दंड के तहत प्रतिबंधित होने पर एक अनुबंध शून्य होगा, भले ही स्पष्ट घोषणा ना हो कि ऐसा अनुबंध शून्य है : सुप्रीम कोर्ट

    सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसी विधान में मौजूद दंड के तहत प्रतिबंधित होने पर एक अनुबंध शून्य होगा, भले ही स्पष्ट घोषणा ना हो कि ऐसा अनुबंध शून्य है।जस्टिस एएम खानविल्कर, जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस अजय रस्तोगी की पीठ ने कहा कि विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम, 1973 की धारा 31 में भारत में स्थित संपत्ति के किसी व्यक्ति द्वारा, बिक्री या गिरवी के द्वारा ट्रांसफर या निपटान के लिए जो भारत का नागरिक नहीं है, "पूर्व" सामान्य या भारतीय रिज़र्व बैंक की विशेष अनुमति प्राप्त करने की पूर्व निर्धारित शर्त अनिवार्य है।

    केस: आशा जॉन दिवियानाथन बनाम विक्रम मल्होत्रा [ सीए नंबर 9546/ 2010 ]

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    सुप्रीम कोर्ट ने IPS अफसरों के ट्रांसफर/ प्रतिनियुक्ति पर केंद्र सरकार के राज्यों पर अधिकार के खिलाफ दाखिल याचिका खारिज की

    सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को भारतीय पुलिस सेवा (कैडर) नियम, 1954 के नियम 6 (1) की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें आईपीएस कैडर के अधिकारियों के स्थानांतरण और प्रतिनियुक्ति के मामले में केंद्र सरकार को राज्यों के ऊपर शक्तियां प्रदान की गई हैं।

    न्यायमूर्ति नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, "खारिज।"

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    सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में अंतरिम जमानत पर छूटे 2674 कैदियों को COVID-19 की बेहतर स्थिति को देखते हुए 15 दिनों के भीतर आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया

    सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को COVID-19 की बेहतर स्थिति को देखते हुए दिल्ली के ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट द्वारा अंतरिम जमानत पर रिहा किए गए 2674 कैदियों को 1 मार्च से 15 मार्च तक दिनों के भीतर आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया। आदेश में कहा गया है, "COVID-19 महामारी में सुधार की स्थिति के मद्देनजर हम ट्रायल कोर्ट द्वारा अंतरिम जमानत पाए 2318 कैदियों और हाईकोर्ट द्वारा अंतरिम जमानत पाए 356 कैदियों को आत्मसमर्पण करने का निर्देश देते हैं।"

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    सीबीआई में अंतरिम निदेशक के खिलाफ कॉमन कॉज की याचिका, सुप्रीम कोर्ट से नियमित निदेशक की नियुक्ति की मांग

    कॉमन कॉज़ सोसाइटी ने सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम, 1946 की धारा 4 ए के अनुसार, सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) के एक नियमित निदेशक की नियुक्ति की मांग की है। जनहित याचिका में इसी साल दो फरवरी को ऋषि कुमार शुक्ला का कार्यकाल समाप्त होने के बाद, अंतरिम / कार्यवाहक सीबीआई निदेशक के रूप में प्रवीण सिन्हा की नियुक्ति का विरोध भी किया गया है। याचिका में कहा गया है कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 के तहत कानून के शासन को बनाए रखने और नागरिकों के अधिकारों को लागू करने के लिए वैधानिक कानून के अनुसार पूर्णकालिक निदेशक की नियुक्ति आवश्यक है।

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    आईबीसी की धारा 14 के तहत मोहलत की घोषणा कॉरपोरेट देनदार के खिलाफ एनआई एक्ट की धारा 138 के तहत चेक डिसऑनर के लिए आपराधिक कार्यवाही को शामिल करती है : सुप्रीम कोर्ट

    सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (आईबीसी ) की धारा 14 के तहत मोहलत की घोषणा कॉरपोरेट देनदार के खिलाफ निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 138 के तहत चेक डिसऑनर के लिए आपराधिक कार्यवाही को शामिल करती है। न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन ने फैसले के ऑपरेटिव हिस्से को पढ़ते हुए कहा,

    "हमने माना है कि आईबीसी की धारा 14 के तहत मोहलत द्वारा एनआई अधिनियम धारा 138/141 की कार्यवाही को कवर किया जाता है।"

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    डिफ़ॉल्ट जमानत के लिए दावे पर विचार करने के लिए रिमांड के दिन को शामिल किया जाए या नहीं ? सुप्रीम कोर्ट ने मुद्दे को एक बड़ी पीठ के पास भेजा

    डिफ़ॉल्ट जमानत के लिए दावे पर विचार करने के लिए रिमांड के दिन को शामिल किया जाए या बाहर रखा जाए ? सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे को एक बड़ी पीठ के पास भेज दिया। अदालत बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर अपील पर विचार कर रही थी जिसमें कहा गया था कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 167 (2) (ए) (ii) के तहत 90 दिन या 60 दिन की अवधि की गणना के लिए रिमांड के दिन को शामिल किया जाएगा।

    बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस प्रकार डीएचएफएल के प्रवर्तकों कपिल वधावन और धीरज वधावन को प्रवर्तन निदेशालय में उनके खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जमानत देते हुए कहा था क्योंकि एजेंसी रिमांड की तारीख से 60 दिनों में चार्जशीट दाखिल करने में विफल रही थी।

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    "ओटीटी कंटेंट की स्क्रीनिंग होनी चाहिए, कुछ तो अश्लीलता भी दिखाते हैं " : सुप्रीम कोर्ट ने ' तांडव' मामले में टिप्पणी की

    हमारा विचार है कि ओटीटी कंटेंट की कुछ स्क्रीनिंग होनी चाहिए," सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को वेब श्रृंखला "तांडव" के संबंध में दर्ज आपराधिक मामलों अग्रिम जमानत से इनकार करने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली अमेज़न प्राइम की कमर्शियल हेड अपर्णा पुरोहित की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा। "वास्तव में, कुछ मंच अश्लीलता भी दिखाते हैं, " पीठ ने टिप्पणी की। न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ इस मामले की अध्यक्षता कर रही है और पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को नए सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021 को प्रसारित करने का निर्देश दिया, जिसे पिछले सप्ताह अधिसूचित किया गया था।

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    "क्या केरल सरकार यूपी से सिद्दीकी कप्पन के स्‍थानांतरण की मांग कर सकती है, एक राज्य दूसरे राज्य के खिलाफ अनुच्छेद 32 का आह्वान नहीं कर सकता हैः मुख्तार अंसारी मामले में दुष्यंत दवे ने कहा

    एक राज्य दूसरे राज्य के खिलाफ अनुच्छेद 32 का आह्वान नहीं कर सकता है।" पंजाब राज्य और जेल अधीक्षक की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से दायर याचिका एक याचिका की सुनवाई में यह दलील दी है। याचिका में पंजाब के रोपड़ जेल से बसपा विधायक मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश की गाजीपुर जेल में स्थानांतरित करने की मांग की गई है। मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने भी दलीलें पेश कीं, जो अंसारी की ओर से पेश हुए। दवे, पंजाब और जेल अधीक्षक की ओर से पेश हुए, जबकि सॉलिसिटर-जनरल तुषार मेहता, उत्तर प्रदेश राज्य की ओर से पेश हुए। मामला गुरुवार को भी जारी रहेगा।

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    "यह टिप्पणी चीजों को पितृसत्तात्मक तरीके से देखने का नज़रिया है": जस्टिस दीपक गुप्ता ने सीजेआई के बलात्कार के आरोपी से पीड़िता से शादी करने के बारे में पूछने पर कहा

    भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे द्वारा बलात्कार के एक आरोपी से यह पूछने पर कि क्या वह पीड़िता से शादी करेगा, जस्टिस दीपक गुप्ता ने कहा। जस्टिस दीपक गुप्ता ने कहा, "दुर्भाग्य से जिस तरह से चीजों को देखा गया, उस हिसाब से यह एक बहुत पितृसत्तात्मक तरीके की गई टिप्पणी है। इतना ही नहीं, यह लैंगिग असंवेदनशीलता भी है।" जस्टिस दीपक गुप्ता ने यह बात सीजेआई एसए बोबडे की उस टिप्पणी के संदर्भ में कही है, जिसमें सीजेआई ने एक मामले की सुनवाई के दौरान एक नाबालिग लड़की के बलात्कार के आरोपी 23 वर्षीय व्यक्ति से पूछा था कि क्या वह उससे शादी करेगा। लड़की की उम्र 16 साल के आस-पास है।

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    हमें बार को यह संदेश देना चाहिए कि अकारण मामलों की सुनवाई स्थगित नहीं होगी : सुप्रीम कोर्ट

    सुप्रीम कोर्ट के जज न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने बुधवार को कहा, "हमें बार को यह संदेश देना चाहिए कि हम बगैर किसी कारण मामलों की सुनवाई स्थगित नहीं करेंगे।" न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने बेंच में शामिल न्यायमूर्ति एम आर शाह की मौजूदगी में यह टिप्पणी उस वक्त की जब सिविल मामले की एक 'आफ्टर नोटिस' विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) सुनवाई के लिए खंडपीठ के पास आयी और याचिकाकर्ता कंपनी के एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड (एओआर) ने सुनवाई स्थगित करने का उनसे अनुरोध किया। इस मामले में 2017 में ही नोटिस जारी किया जा चुका था।

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    केंद्र का कर्तव्य है कि संसद द्वारा बनाए गए कानून के बेहतर प्रशासन के लिए अतिरिक्त न्यायालयों का निर्माण करे: सुप्रीम कोर्ट ने प्रथम दृष्टया राय व्यक्त की

    सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को प्रथम दृष्टया विचार व्यक्त किया कि केंद्र सरकार का कर्तव्य है कि संसद द्वारा बनाए गए कानूनों के बेहतर प्रशासन के लिए अतिरिक्त अदालतें बनाए। भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्ट‌िस एस रवींद्र भट की पीठ ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 247 के तहत शक्ति, अतिरिक्त अदालतों को स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से "कर्तव्य के साथ युग्मित" है।

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