सुप्रीम कोर्ट ने Electoral Bond योजना रद्द करने वाले फैसले की पुनर्विचार की मांग वाली याचिका खारिज की

Update: 2024-10-05 11:35 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड (Electoral Bond) योजना को असंवैधानिक करार देते हुए संविधान पीठ के फैसले की पुनर्विचार की मांग करने वाली याचिका खारिज की।

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस जेबी परिदवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने एडवोकेट मैथ्यूज नेदुम्परा और अन्य द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका खारिज की।

न्यायालय ने कहा,

"पुनर्विचार याचिकाओं का अवलोकन करने के बाद रिकॉर्ड में कोई त्रुटि नहीं दिखाई देती। सुप्रीम कोर्ट नियम 2013 के आदेश XLVII नियम 1 के तहत पुनर्विचार का कोई मामला नहीं है। इसलिए पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज किया जाता है।"

15 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स बनाम यूनियन ऑफ इंडिया मामले में वित्त अधिनियम, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, कंपनी अधिनियम और आयकर अधिनियम में किए गए 2018 संशोधनों को खारिज कर दिया था, जिसने गुमनाम चुनावी बॉन्ड योजना का मार्ग प्रशस्त किया था।

न्यायालय ने कहा कि मतदाता को राजनीतिक दलों के वित्तपोषण के स्रोत के बारे में जानने का मौलिक अधिकार है। इस योजना ने उस अधिकार का उल्लंघन किया।

इसके बाद न्यायालय ने भारतीय स्टेट बैंक (जिस बैंक ने Electoral Bond जारी किए थे) को बांड के खरीदारों और प्राप्तकर्ताओं का विवरण प्रकट करने का निर्देश दिया।

केस टाइटल: मैथ्यूज जे नेदुम्परा और अन्य बनाम एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स एंड अदर्स पुनर्विचार याचिका (सिविल) संख्या 2024 [डायरी संख्या 18045/2024]

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