NEET-UG 2024 | क्या OMR Sheet के खिलाफ शिकायत दर्ज करने की कोई समय-सीमा है? सुप्रीम कोर्ट ने NTA से पूछा
NEET-UG 2024 के संबंध में जाइलम लर्निंग प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर याचिका में सुप्रीम कोर्ट ने OMR Sheet के संबंध में शिकायत दर्ज करने की समय-सीमा पर NTA से जवाब मांगा है। याचिका में अन्य बातों के अलावा, परीक्षा में बैठने वाले स्टूडेंट को OMR Sheet दिए जाने को लेकर चिंता जताई गई।
कार्यवाही की शुरुआत में ही जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस एस.वी.एन. भट्टी की वेकेसन बेंच ने कहा कि वर्तमान रिट याचिका एक कोचिंग सेंटर के कहने पर दायर की गई।
जस्टिस मिश्रा ने पूछा,
"यह कोचिंग सेंटर के कहने पर 32 याचिकाएं है। आपके किस मौलिक अधिकार का उल्लंघन हुआ है?"
इस टिप्पणी को आगे बढ़ाते हुए जस्टिस भट्टी ने कहा,
"यह एक कारण है कि हम कोचिंग सेंटर, बैगपाइपर्स द्वारा निभाई जाने वाली इस भूमिका को देखते हैं। उनकी शायद ही कोई भूमिका है। उनका दायित्व और कर्तव्य... अगर उन्होंने अपनी सेवा का निर्वहन किया है तो मामला यहीं खत्म हो जाता है। उन्होंने यह सुनिश्चित करने का बीड़ा नहीं उठाया है कि केंद्र को जो कुछ भी करना चाहिए, वह वे करेंगे।
सीनियर एडवोकेट आर बसंत ने जवाब दिया कि याचिकाकर्ताओं में वे स्टूडेंट भी शामिल हैं, जिन्हें OMR Sheet दी जानी थी। याचिका में अपनी अंतरिम राहत की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि यह OMR Sheet प्राप्त करने के लिए है, क्योंकि कुछ स्टूडेंट को अभी तक यह नहीं दी गई।
NTA के वकील ने इसका विरोध करते हुए कहा कि OMR Sheet अपलोड की गई और उम्मीदवारों को दे दी गई। इसके बाद न्यायालय ने पूछा कि क्या OMR Sheet के बारे में शिकायत दर्ज करने के लिए कोई समय सीमा है।
कहा गया,
"आमतौर पर ऐसे मामलों में अगर OMR Sheet अपलोड की जाती हैं और अगर कोई शिकायत है तो समय-सीमा होती है।"
NTA के वकील ने कहा कि वे इसकी जांच करेंगे। हालांकि, बसंत ने तुरंत प्रस्तुत किया कि आपत्ति दर्ज करने के लिए कोई निर्धारित प्रक्रिया मौजूद नहीं है। अंत में न्यायालय ने नोटिस जारी किया और इसे लंबित समान याचिकाओं के साथ संलग्न कर दिया। जांच के घेरे में NTA द्वारा इस साल 5 मई को आयोजित की गई परीक्षा NEET-UG परीक्षा 2024 है। इस मेडिकल एडमिशन परीक्षा को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गईं।
याचिकाकर्ताओं ने कथित पेपर लीक, समय की हानि के बदले ग्रेस मार्क्स देने और NEET-UG परीक्षा के आयोजन के दौरान हुई अन्य अनियमितताओं/विसंगतियों में न्यायिक हस्तक्षेप की मांग की।
इससे पहले, कोर्ट ने काउंसलिंग/सीट आवंटन प्रक्रिया स्थगित करने से इनकार किया था, जो 6 जुलाई से शुरू होने वाली है। इसके अलावा, कोर्ट ने मौखिक रूप से यह भी कहा कि एडमिशन याचिकाओं के अंतिम परिणाम के अधीन होंगे और यदि परीक्षाएं रद्द कर दी जाती हैं तो काउंसलिंग भी परिणामस्वरूप अमान्य हो जाएगी।
न्यायालय ने परीक्षा के संचालन में हुई कथित विसंगति पर भी चिंता व्यक्त की थी, जहां उसने मौखिक रूप से टिप्पणी की कि NEET-UG 2024 परीक्षा आयोजित करने में '0.001% लापरवाही' की भी पूरी गंभीरता से जांच की जानी चाहिए, क्योंकि इस प्रतिष्ठित परीक्षा के लिए उम्मीदवार ने बहुत मेहनत की है।
इसी से संबंधित घटनाक्रम में केंद्र सरकार ने 22 जून को NEET (UG) परीक्षा 2024 में कथित अनियमितताओं के मामले की जांच के लिए CBI को सौंप दिया।
आधिकारिक प्रेस रिलीज में शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि 5 मई को आयोजित NEET UG परीक्षा के संबंध में "कथित अनियमितताओं/धोखाधड़ी/प्रतिरूपण के कुछ मामले सामने आए हैं"।
इसके अलावा, 23 जून को 1563 स्टूडेंट के लिए दोबारा परीक्षा आयोजित की गई, जिन्हें ग्रेस मार्क्स दिए गए। हालांकि, रिपोर्टों के अनुसार, केवल 813 (लगभग 52%) ने ही परीक्षा दी, जबकि अन्य अनुपस्थित रहे।
केस टाइटल: जाइलम लर्निंग बनाम एनटीए, डब्ल्यू.पी.(सी) नंबर 389/2024