सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप : सुप्रीम कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र

Update: 2024-06-23 06:30 GMT

सुप्रीम कोर्ट में पिछले सप्ताह (17 जून, 2024 से 21 जून, 2024 तक) तक क्या कुछ हुआ, जानने के लिए देखते हैं सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप। पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र।

विलय का सिद्धांत सार्वभौमिक रूप से लागू नहीं होता, अनुच्छेद 142 की शक्तियां अपवाद: सुप्रीम कोर्ट

दिल्ली सरकार और उसकी संस्थाओं के पक्ष में भूमि अधिग्रहण के कई मामलों में फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कहा कि विलय का सिद्धांत सार्वभौमिक रूप से लागू नहीं होता। कोर्ट ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत प्राप्त शक्तियों को इसके अपवाद के रूप में माना जाएगा। साथ ही साथ स्टेयर डेसिसिस के नियम के भी अपवाद माने जाएंगे।

केस टाइटल: दिल्ली सरकार और अन्य बनाम मेसर्स बीएसके रियलटर्स एलएलपी और अन्य (और संबंधित मामले)

आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म 'हमारे बारह' के CBFC सर्टिफिकेट को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से किया इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म 'हमारे बारह' के बारे में नई याचिका वापस ले ली गई। उक्त याचिका में कथित तौर पर भारत में इस्लामी आस्था और विवाहित मुस्लिम महिलाओं के प्रति अपमानजनक बात कही गई। हालांकि याचिकाकर्ता को बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली नई याचिका दायर करने की छूट दी गई, जिसने हाल ही में निर्माताओं द्वारा कुछ दृश्यों को हटाने पर सहमति जताए जाने के बाद फिल्म को रिलीज करने की अनुमति दी थी।

जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस एसवीएन भट्टी की वोकेशनल बेंच बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा फिल्म को रिलीज करने की अनुमति देने के आदेश से पहले, केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) और अन्य के खिलाफ सैयद अहमद बाशा द्वारा दायर रिट याचिका पर विचार कर रही थी।

केस टाइटल: सैयद अहमद बाशा बनाम भारत संघ और अन्य, डब्ल्यू.पी.(सी) नंबर 386/2024

आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

सुप्रीम कोर्ट ने भीमा कोरेगांव मामले में आरोपी महेश राउत को 2 सप्ताह की अंतरिम जमानत दी

सुप्रीम कोर्ट ने भीमा कोरेगांव मामले के आरोपी महेश राउत को अपनी दादी के अंतिम संस्कार से संबंधित समारोहों में शामिल होने के लिए दो सप्ताह की अंतरिम जमानत दी।

जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस एसवीएन भट्टी की वेकेशन बेंच ने उन्हें 26 जून से 10 जुलाई तक अंतरिम जमानत दी। अंतरिम जमानत ट्रायल कोर्ट द्वारा निर्धारित नियमों और शर्तों के अधीन होगी। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि आरोपी को 10 जुलाई को बिना किसी चूक के सरेंडर करना होगा।

केस टाइटल: राष्ट्रीय जांच एजेंसी बनाम महेश सीताराम राउत, सीआरएल.ए. नंबर 3048/2023

आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

सुप्रीम कोर्ट ने NEET-UG 2024 में काउंसलिंग पर रोक लगाने से किया इनकार

NEET-UG 2024 विवाद के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (20 जून) को दोहराया कि वह काउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक नहीं लगा रहा है। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस एसवीएन भट्टी की वेकेशन बेंच ने कहा, "हम काउंसलिंग पर रोक नहीं लगा रहे हैं।"

मेडिकल एडमिशन के लिए NEET-UG परीक्षा के संचालन और मूल्यांकन में पेपर लीक और विसंगतियों का आरोप लगाने वाली रिट याचिकाओं के बैच पर नोटिस जारी करते हुए कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि यह समझा जा चुका है कि एडमिशन प्रक्रिया याचिकाओं के अंतिम परिणाम के अधीन होगी।

केस टाइटल: तन्मय शर्मा और अन्य बनाम राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी डब्ल्यू.पी. (सी) नंबर 383/2024 और अन्य समान मामले

आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

NEET-UG 2024 में 0.001% लापरवाही पर भी सख्त कार्रवाई की जरूरत: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और NTA से कहा

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) से कहा कि वे सुनिश्चित करें कि NEET-UG 2024 परीक्षा आयोजित करने में '0.001% लापरवाही' की भी गंभीरता से जांच की जाए, क्योंकि देश भर में होने वाली इस परीक्षा की तैयारी में उम्मीदवारों ने बहुत मेहनत की है।

जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस एसवी भट्टी की वेकेशन बेंच रिट याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें पिछले मामलों में उठाए गए इसी तरह के सवालों जैसे पेपर लीक, कदाचार और कुछ उम्मीदवारों को दिए गए विवादास्पद ग्रेस मार्क्स को उठाया गया।

केस टाइटल: नितिन विजय बनाम राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी डब्ल्यू.पी.(सी) नंबर 000373/2024

आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

क्या धारा 397 सीआरपीसी के तहत संशोधन डिफ़ॉल्ट जमानत आदेश के खिलाफ़ बनाए रखने योग्य है? सुप्रीम कोर्ट करेगा विचार

सुप्रीम कोर्ट कानून के महत्वपूर्ण प्रश्न पर विचार करने के लिए तैयार है कि क्या धारा 167(2) सीआरपीसी के तहत अभियुक्त को डिफ़ॉल्ट जमानत देने वाले आदेश के खिलाफ़ दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 397 के तहत संशोधन बनाए रखने योग्य होगा।

जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की वेकेशन बेंच ने इस प्रश्न को तैयार किया क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर कभी विचार नहीं किया।

केस टाइटल: अमरजीत सिंह ढिल्लों बनाम राज्य राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, एसएलपी (सीआरएल) नंबर 007983 - / 2024

आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

Tags:    

Similar News