ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड बनाने में कितना समय लगेगा? पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से जवाब मांगा

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Update: 2025-03-26 12:04 GMT
ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड बनाने में कितना समय लगेगा? पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से जवाब मांगा

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा है कि राज्य में ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड गठित करने में कितना समय लगेगा।

जस्टिस कुलदीप तिवारी ने मामले की अगली सुनवाई 03 अप्रैल के लिए निर्धारित करते हुए कहा, "यह स्पष्ट किया जाता है कि अगली सुनवाई की तारीख पर किसी भी पक्ष की ओर से स्थगन की कोई मांग स्वीकार नहीं की जाएगी।"

यह याचिका ममता बाबा द्वारा दायर की गई थी, जो खुद को ट्रांसजेंडर व्यक्ति के रूप में पहचानती हैं। याचिका में ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 का उल्लेख किया गया, जो ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के कल्याण, अधिकारों की रक्षा और उन्हें बढ़ावा देने के लिए लागू किया गया था। इसके साथ ही ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) नियम, 2020 भी प्रभावी किया गया।

नियम 10(1) के अनुसार, उचित सरकार द्वारा ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकारों और हितों की रक्षा करने और सरकारी योजनाओं व कल्याणकारी उपायों तक उनकी पहुंच सुनिश्चित करने के लिए वेलफेयर बोर्ड का गठन किया जाना आवश्यक है।

याचिका में यह भी कहा गया कि भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने 10 नवंबर 2023 को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र भेजकर ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड के गठन का निर्देश दिया था, ताकि ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) नियम, 2020 के नियम 10(1) के अनुपालन को सुनिश्चित किया जा सके।

बाबा ने बताया कि उन्होंने ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) नियम, 2020 के नियम 10(1) के तहत पंजाब में ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड के गठन के लिए एक प्रतिनिधित्व भेजा था।

इसके जवाब में उन्हें सूचित किया गया कि पंजाब में ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड स्थापित करने का मामला विचाराधीन है।

हाल ही में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से प्रत्येक जिले में जिला मजिस्ट्रेट के अधीन और राज्य स्तर पर ट्रांसजेंडर प्रोटेक्शन सेल स्थापित करने की प्रगति पर भी जानकारी देने को कहा था।

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