सेना अधिकारी पर कथित हमला करने वाले पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी में देरी के लिए पंजाब सरकार को हाईकोर्ट ने फटकार लगाई

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सेना अधिकारी पर कथित हमला करने में शामिल पंजाब पुलिस कर्मियों को अभी तक गिरफ्तार न करने के लिए आज पंजाब सरकार की खिंचाई की।
जस्टिस संदीप मौदगिल ने राज्य द्वारा प्रस्तुत हलफनामे का हवाला देते हुए कहा कि स्पष्ट आरोपों और पुलिसकर्मियों की पहचान के बावजूद उन्हें अब तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया और पुलिस ने अब तक क्या किया है?
जब राज्य ने जवाब देने के लिए समय मांगा तो कोर्ट ने कहा कि कोर्ट अधिक समय देकर देरी का संकेत नहीं दे सकता।
इसमें आगे कहा गया,
"DDR दर्ज करने और अब गिरफ्तारी में देरी हो रही है। आप केवल समय खरीद रहे हैं।"
वर्तमान में नई दिल्ली स्थित सेना मुख्यालय में तैनात कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाथ ने आरोप लगाया कि 13 मार्च की रात को पंजाब पुलिस के चार इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारियों और उनके सशस्त्र अधीनस्थों ने बिना किसी उकसावे के उन पर और उनके बेटे पर हमला किया।
याचिका में कहा गया,
"अपराध की गंभीरता के बावजूद स्थानीय पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। सीनियर अधिकारियों को की गई शिकायत को नजरअंदाज कर दिया गया और याचिकाकर्ता के बयान के आधार पर FIR दर्ज करने के बजाय किसी अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ 'झगड़े' के तहत फर्जी FIR दर्ज कर दी गई। याचिकाकर्ता के परिवार को सीनियर पुलिस अधिकारियों और पंजाब के माननीय राज्यपाल से संपर्क करना पड़ा, तब जाकर उचित FIR दर्ज की गई - 8 दिन बाद।"
बता दें कि सेना के अधिकारी ने पंजाब पुलिस द्वारा हितों के टकराव, देरी और निष्पक्ष जांच का हवाला देते हुए जांच को केंद्रीय एजेंसी को सौंपने की मांग की है।
दायर हलफनामे में राज्य ने अदालत को सूचित किया कि सभी आरोपी पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया। उनके खिलाफ बड़ी सजा के लिए विभागीय कार्यवाही शुरू की गई। यह भी प्रस्तुत किया गया कि निष्पक्ष और त्वरित तरीके से जांच करने के लिए उच्च स्तरीय विशेष जांच दल का गठन किया गया।
न्यायालय ने हलफनामे पर असंतोष व्यक्त करते हुए आरोपी पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार न करने के लिए स्पष्टीकरण मांगा और पूछा कि किसान आंदोलन के बहाने देरी की अवधि के दौरान कर्नल बाथ हमला मामले में कितनी FIR दर्ज की गईं।
न्यायालय ने कहा,
“क्या चार आरोपी पुलिस अधिकारियों को निलंबित करना और चार निरीक्षकों को पटियाला जिला पुलिस की सीमा और अधिकार क्षेत्र से बाहर स्थानांतरित करना पर्याप्त होगा?”
FIR दर्ज करने में देरी पर न्यायालय ने कहा,
“इससे जांच एजेंसी पर कोई भरोसा नहीं दिखता। भविष्य में आप क्या करेंगे, यह अज्ञात है। आप जरूरी काम कर सकते हैं या नहीं भी कर सकते हैं।”
मामले को आगे के विचार के लिए गुरुवार के लिए सूचीबद्ध किया गया।
केस टाइटल: कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाथ बनाम पंजाब राज्य और अन्य