एक साल की सेवा पूरी कर चुके सरकारी कर्मचारियों को केवल तकनीकी आधार पर वार्षिक वेतन वृद्धि से इनकार नहीं किया जा सकता: पटना हाईकोर्ट
पटना हाईकोर्ट के जस्टिस सत्यव्रत वर्मा की पीठ ने कहा कि 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले सरकारी कर्मचारी 1 जुलाई को देय वार्षिक वेतन वृद्धि पाने के हकदार हैं, बशर्ते कि उन्होंने अपनी पिछली वेतन वृद्धि के बाद से एक पूरा वर्ष सेवा पूरी कर ली हो। कोर्ट ने फैसला सुनाया कि केवल तकनीकी आधार पर लाभ से इनकार नहीं किया जा सकता है, जैसे कि आधिकारिक वेतन वृद्धि तिथि से ठीक एक दिन पहले सेवानिवृत्ति होना।
फैसले में अदालत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 11-4-2023 के अपने फैसले में फैसला सुनाया था कि 30 जून या 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होने वाले सरकारी कर्मचारी अपनी पेंशन में एक अतिरिक्त वेतन वृद्धि के हकदार हैं। इसने आगे स्पष्ट किया कि जिन लोगों ने 1 मई 2023 से पहले अपना मामला दायर किया है, वे दाखिल करने की तारीख से तीन साल पहले इस लाभ को प्राप्त करने के पात्र हैं।
न्यायालय ने आगे कहा कि चूंकि याचिकाकर्ताओं ने 17 मई 2019 को अपना मामला दायर किया था, इसलिए वे 17 मई 2016 से वेतन वृद्धि लाभ के हकदार हैं। न्यायालय ने सेवानिवृत्ति तिथियों के संबंध में राज्य की आपत्ति को खारिज कर दिया और कहा कि सर्वोच्च न्यायालय का स्पष्टीकरण ऐसे किसी भी प्रतिबंध को दरकिनार करता है।
न्यायालय ने आदेश दिया कि 30 जून 2009 और 30 जून 2016 के बीच सेवानिवृत्त हुए याचिकाकर्ता 1 जुलाई 2016 से वेतन वृद्धि के हकदार हैं। जबकि, 30 जून 2016 के बाद सेवानिवृत्त हुए याचिकाकर्ताओं को उनके सेवानिवृत्ति वर्ष की 1 जुलाई से लाभ मिलेगा। इसके अलावा वित्त विभाग द्वारा जारी दिनांक 22-7-2024 के संकल्प, जिसके तहत 30 जून/31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होने वाले सरकारी कर्मचारी को काल्पनिक लाभ दिया गया था, को न्यायालय ने रद्द कर दिया। न्यायालय ने राज्य को चार महीने के भीतर वेतन वृद्धि को अंतिम आहरित वेतन में जोड़ने और पेंशन लाभ को संशोधित करने का निर्देश दिया। उपर्युक्त टिप्पणियों के साथ, रिट याचिका को अनुमति दी गई।