मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 2017 के शुल्क विनियमन नियमों का उल्लंघन करते हुए कथित रूप से अत्यधिक फीस वसूले जाने के आदेश वाले प्राइवेट स्कूलों को अंतरिम राहत प्रदान की

Update: 2024-08-16 08:49 GMT

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट, जबलपुर ने हाल ही में एक निर्णय में शैक्षणिक वर्ष 2017-18 से प्राइवेट स्कूलों द्वारा एकत्रित स्कूल फीस की वापसी के आदेश पर अंतरिम रोक लगाई।

यह मामला सेंट एलॉयसियस सीनियर सेकेंडरी स्कूल की अपील से संबंधित है, जिसमें जिला अधिकारियों के उन आदेशों को चुनौती दी गई। इसमें उन्हें मध्य प्रदेश प्राइवेट स्कूलों (फीस तथा संबंध विषयों का विनियमन) अधिनियम, 2017 (अधिनियम) के तहत अनुमेय सीमा से अधिक वसूले गए फीस को वापस करने का निर्देश दिया गया।

जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ ने अधिनियम की धारा 11 के तहत अपील दायर करने के बोझ के बारे में याचिकाकर्ताओं की चिंताओं को मान्यता दी, विशेष रूप से अपीलीय तंत्र के भीतर अंतरिम राहत प्रावधानों की कमी को देखते हुए।

न्यायालय ने कहा,

"जिन मामलों में याचिकाकर्ताओं ने 10% से अधिक फीस ली है, उन्हें संबंधित आदेशों दिनांक 05.07.2024 और 09.07.2024 के अनुसार फीस वापस की जानी चाहिए या समायोजित की जानी चाहिए तथा चार सप्ताह की अवधि के भीतर रिफंड चेक जारी किए जाने चाहिए।"

हालांकि, इसने दिनांक 05.07.2024 और 09.07.2024 के आदेशों के संचालन पर अंतरिम रोक लगा दी, जिससे स्कूलों को तत्काल वित्तीय तनाव के बिना अपना संचालन जारी रखने की अनुमति मिल गई।

केस टाइटल: सेंट एलॉयसियस सीनियर सेकेंडरी स्कूल पोलीपाथर जबलपुर और अन्य बनाम मध्य प्रदेश राज्य और अन्य

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