[Lawyers' Strike] मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सिवनी बार एसोसिएशन के दस पदाधिकारियों पर एक महीने के लिए किसी भी अदालत में उपस्थित होने पर रोक लगाई
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सिवनी बार एसोसिएशन से जुड़े दस वकीलों को उनके द्वारा हाल ही में बुलाई गई वकीलों की हड़ताल के संबंध में राज्य बार काउंसिल की ओर से पेश वकील की दलील के आधार पर एक महीने के लिए किसी भी अदालत में उपस्थित होने से रोक दिया।
जबलपुर की पीठ ने बार काउंसिल के वकील सत्यम अग्रवाल की दलील स्वीकार करने के बाद यह टिप्पणी की,
“प्रस्तुतीकरण के मद्देनजर, उपरोक्त वकीलों को एक महीने की अवधि के लिए किसी भी अदालत में उपस्थित होने की अनुमति नहीं दी जाएगी।”
चीफ जस्टिस रवि मलिमथ और जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने प्रवीण पांडे बनाम मध्य प्रदेश राज्य और अन्य मामले (2018) में हाईकोर्ट की खंडपीठ द्वारा जारी निर्देशों को ध्यान में रखते हुए कहा कि सिवनी जिला बार एसोसिएशन के दस वकील अगले तीन वर्षों तक बार काउंसिल या बार एसोसिएशन का चुनाव लड़ने के पात्र नहीं होंगे।
जिन दस वकीलों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई, उनमें सिवनी जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रवि कुमार गोल्हानी और सचिव रितेश आहूजा सहित वर्तमान पदाधिकारी शामिल हैं। अन्य पदाधिकारी, जिन्हें अदालतों में उपस्थित होने से रोका, वे इस प्रकार हैं: शिशुपाल यादव, मनोज हरनिखेड़े, नवल किशोर सोनी, ऋषभ जैन, सत्येन्द्र ठाकुर, असरफ खान, विपुल बघेल और प्रवीण सिंह चौहान।
वर्तमान आदेश प्रवीण पांडे के आदेश के पैराग्राफ 23 (बी) (II) और (III) के अनुपालन में पारित किया गया। प्रवीण पांडे द्वारा जारी शासनादेश में उल्लेख किया गया कि यदि किसी हाईकोर्ट बार एसोसिएशन या डिस्ट्रिक्ट कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा काम से विरत रहने का आह्वान किया जाता है तो राज्य बार काउंसिल हस्तक्षेप करेगी और तुरंत ऐसी हड़ताल को अवैध घोषित करेगी, जब तक कि मुख्य न्यायाधीश और/या जिला न्यायाधीश से परामर्श के बाद ऐसी हड़ताल का आह्वान नहीं किया गया हो।
20 मार्च को बार काउंसिल के वकील ने भी अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया कि इन पदाधिकारियों के खिलाफ एडवोकेट एक्ट, 1961 की धारा 35 के अनुसार कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा, जिससे उन्हें बनाने के कथित कदाचार को समझाने का अवसर मिलेगा। अदालती कामकाज से विरत रहने का आह्वान दोषी पाए जाने पर सजा में नामांकन निलंबित करना भी शामिल होगा।
बार एसोसिएशन, सिवनी ने पहले दिनांक 15.03.2024 को सूचना के माध्यम से घोषणा की कि वे 18, 19 और 20 मार्च 2024 को तीन दिनों के लिए हड़ताल पर रहेंगे। बाद में अदालत ने राज्य बार काउंसिल को उचित रूप से कार्य करने और अनुपालन करने का निर्देश दिया। प्रवीण पांडे में दोषी पदाधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक निर्देश जारी किए गए।
वकीलों को वकालत दाखिल करने और अन्य उत्तरदाताओं को भी जवाब देने की अनुमति देने के लिए मामले को 08.04.2024 के लिए सूचीबद्ध किया गया।
केस टाइटल: संदर्भ में (सुओ मोटो) बनाम अध्यक्ष एवं अन्य।