शस्त्र लाइसेंस जारी करने वाले प्राधिकारी को कई FIR के बावजूद लाइसेंस खारिज करने से पहले पुलिस रिपोर्ट प्राप्त करनी चाहिए और जांच करनी चाहिए: जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट

Update: 2025-04-22 11:03 GMT
शस्त्र लाइसेंस जारी करने वाले प्राधिकारी को कई FIR के बावजूद लाइसेंस खारिज करने से पहले पुलिस रिपोर्ट प्राप्त करनी चाहिए और जांच करनी चाहिए: जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट

जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट ने कहा है कि यदि आवेदक के खिलाफ अपने शस्त्र लाइसेंस के नवीनीकरण की मांग करने वाले के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज हैं, तो भी लाइसेंसिंग प्राधिकरण शस्त्र लाइसेंस के नवीनीकरण से इनकार करने से पहले संबंधित पुलिस स्टेशन से पुलिस सत्यापन रिपोर्ट मांगने के लिए बाध्य है।

लाइसेंसिंग प्राधिकरण ने इस आधार पर लाइसेंस का नवीनीकरण करने से इनकार कर दिया था कि याचिकाकर्ता ने पुलिस से उचित चरित्र प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं किया है, इसके अलावा शस्त्र अधिनियम के तहत किए गए अपराधों सहित कई एफआईआर दर्ज हैं।

जस्टिस संजय धर ने कहा कि एक बार जब कोई व्यक्ति शस्त्र लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए आवेदन करता है, तो आवेदक का यह कर्तव्य नहीं है कि वह पुलिस सत्यापन रिपोर्ट प्राप्त करे, लेकिन लाइसेंसिंग प्राधिकरण को इसे मांगना चाहिए और नवीनीकरण देने से इनकार करने का निर्णय लेने से पहले आवश्यक जांच करनी चाहिए। न्यायालय ने कहा कि लाइसेंसिंग प्राधिकरण को लाइसेंस देने के समय अपनाई गई प्रक्रिया का पालन करना होगा, जिसमें आवश्यक जांच करना शामिल है और उसके बाद यदि वह नवीनीकरण देने से इनकार करता है, तो उसे शस्त्र लाइसेंस के नवीनीकरण से इनकार करने के लिए लिखित रूप में कारण दर्ज करने होंगे।

न्यायालय ने कहा कि लाइसेंसिंग प्राधिकरण द्वारा किसी भी प्रक्रियागत सुरक्षा उपाय का अनुपालन नहीं किया गया है तथा उपर्युक्त प्रक्रियागत प्रक्रिया का पालन किए बिना ही आवेदन को लंबित रखा गया है। न्यायालय ने अतिरिक्त उपायुक्त को निर्देश दिया कि वे शस्त्र अधिनियम के अध्याय-III तथा क्षेत्र को नियंत्रित करने वाले नियमों के तहत निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए, यथाशीघ्र, अधिमानतः आदेश की प्रमाणित प्रति प्रतिवादियों को उपलब्ध कराए जाने की तिथि से दो महीने की अवधि के भीतर, शस्त्र लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए याचिकाकर्ता के आवेदन पर निर्णय लें।

Tags:    

Similar News