बहुत पहले मर चुके माता-पिता से सुरक्षा की मांग करने वाले जोड़े ने अदालत के साथ धोखाधड़ी की: पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट ने भगोड़े जोड़े द्वारा महिला के माता-पिता के खिलाफ सुरक्षा की मांग करते हुए की गई धोखाधड़ी खारिज की, जिनकी काफी समय पहले मृत्यु हो चुकी है।
पंचकुला पुलिस द्वारा प्रस्तुत स्टेटस रिपोर्ट को देखते हुए जस्टिस संदीप मौदगिल ने कहा,
"उपरोक्त साइटेशन के अवलोकन से पता चलता है कि याचिकाकर्ताओं ने जानबूझकर अदालत के साथ धोखाधड़ी की। इस तथ्य पर कोई संदेह नहीं है कि बेटी के बारे में यह नहीं माना जा सकता कि बेटी को उसके माता-पिता की मृत्यु के बारे जानकारी ही न हो। 02-08-2002 को हुई थी, यानी वह तारीख जब याचिकाकर्ता नंबर 1 के पिता की मृत्यु हो गई थी और 29-04-2010 यानी वह तारीख, जब याचिकाकर्ता नंबर 1 की मां की मृत्यु हो गई, जिसके आधार पर नगर निगम खतौली (उत्तर प्रदेश) द्वारा जारी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया।”
याचिकाकर्ता उत्तर प्रदेश के निवासी हैं और उन्होंने महिला के माता-पिता और रिश्तेदारों से खतरे का आरोप लगाया। यह प्रस्तुत किया गया कि विवाह समारोह हरियाणा के पंचकुला के मंदिर में संपन्न हुआ था।
पिछली कार्यवाही में न्यायालय ने आश्चर्य जताया कि पुरोहित ने याचिकाकर्ताओं के उचित निवास का पता लगाए बिना विवाह कैसे संपन्न कराया, जो मंदिर के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में नहीं आता।
जस्टिस मौदगिल ने कहा कि अन्य याचिका में विवाह हरियाणा के पंचकुला में उसी मंदिर से संपन्न हुआ, जहां जोड़ा एक अलग राज्य से था।
अदालत ने पुलिस को निर्देश दिया कि वह पंचकुला में ऐसी दुकानें चलाने की वैधता के बारे में हलफनामे के माध्यम से अदालत को अवगत कराए।
कोर्ट ने कहा,
“जैसा कि से स्पष्ट है, जिससे पता चलता है कि दोनों याचिकाओं में विवाह समारोह में उपयोग की जा रही मालाएं जैसी हैं और प्रकृति में कृत्रिम हैं, जो अनुच्छेद 21 और अनुच्छेद 226 के ऐसे प्रावधानों के दुरुपयोग के बारे में गंभीर संदेह पैदा करती हैं। भारत का संविधान, जिसमें हिंदू विवाह अधिनियम 1955 (Hindu Marriage Act) की धारा 5 और 7 में निहित आवश्यक बातों का पालन किए बिना कथित तौर पर जल्दबाजी में शादी करने के बाद जोड़े सुरक्षा की मांग करते हुए अदालत में भाग रहे हैं। यहां तक कि पंडित भी अनुष्ठान कर रहे हैं। उसे अपने ऊपर थोपे गए धार्मिक दायित्व की कोई चिंता नहीं है और वह नैतिकता और सामाजिक मूल्यों का पालन किए बिना केवल अपनी आजीविका कमाने के बारे में चिंतित है और बड़े पैमाने पर हमारे समाज के सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचा रहें हैं।”
हालांकि असिस्टेंट कमीश्नर ऑफ पुलिस पंचकुला द्वारा प्रस्तुत स्टेटस रिपोर्ट में कहा गया कि जिस महिला के खिलाफ सुरक्षा की मांग की गई, उसके माता-पिता का पहले ही निधन हो चुका है। मृत्यु प्रमाण पत्र के अनुसार मां की मृत्यु 2002 में और पिता की मृत्यु 2010 में हुई।
अदालत ने रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर लेते हुए मामले को 14 फरवरी के लिए सूचीबद्ध किया।
केस टाइटल- एक्स बनाम हरियाणा राज्य और अन्य।