दिल्ली न्यायिक सेवा में कामकाजी ताकत साल के अंत तक स्वीकृत ताकत के बराबर हो जाएगी: दिल्ली हाइकोर्ट

Update: 2024-01-31 08:22 GMT

दिल्ली हाइकोर्ट ने कहा कि दिल्ली न्यायिक सेवा में कामकाजी ताकत (Working Strenth) इस साल के अंत तक स्वीकृत ताकत के लगभग बराबर होगी।

एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की खंडपीठ ने 2014 में वकील आर के कपूर द्वारा दायर जनहित याचिका का निपटारा किया, जिसमें निचली न्यायपालिका में मौजूद सभी रिक्तियों का भरने करने की मांग की गई थी।

अदालत ने कहा,

"यह उल्लेख करना उचित है कि यह रिट याचिका शुरू में दिल्ली न्यायिक सेवा में रिक्तियों को भरने के लिए वर्ष 2014 में दायर की गई, क्योंकि वे 18 फरवरी, 2014 को अस्तित्व में थीं। प्रार्थना 'A' में उक्त राहत उचित विचार के लिए जीवित नहीं है। इस संबंध में कदम उठाए गए और इस साल के अंत तक कामकाजी ताकत स्वीकृत ताकत के लगभग बराबर हो जाएगी।”

याचिका में राज्य सरकार और भारत संघ से बुनियादी ढांचे के निर्माण और वित्तीय सहायता की भी मांग की गई।

इस पर पीठ ने कहा कि इस मुद्दे पर वर्ष 2014 से 2022 के बीच कई कदम उठाए गए और राष्ट्रीय राजधानी में न्यायिक बुनियादी ढांचे के विकास का पहलू मलिक मजहर सुल्तान बनाम यूपी लोक सेवा आयोग मामले में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष विचाराधीन है।

अदालत ने आगे कहा,

“जिन परिस्थितियों में वर्तमान याचिका वर्ष 2014 में दायर की गई, उनका अस्तित्व समाप्त हो गया। तदनुसार, वर्तमान रिट याचिका में बुनियादी ढांचे के विकास के संबंध में किसी और निर्देश की मांग नहीं की गई।”

इसके अतिरिक्त दिल्ली नगर निगम (MCD) को कानून के अनुसार तीस हजारी कोर्ट परिसर के पास पार्किंग स्थल के उद्देश्य से तिकोना पार्क को परिवर्तित करने के लिए 12 सप्ताह के भीतर उचित कदम उठाने का निर्देश दिया।

L&DO और DDA को MCD से उचित अनुरोध प्राप्त होने पर शीघ्रता से कार्य करने का निर्देश दिया जाता है।”

इसमें कहा गया कि L&DO ने 04 एकड़ भूमि की पहचान की है, जिसे तिकोना पार्क के भूमि उपयोग में परिवर्तन के बदले में हरित क्षेत्र के रूप में बनाए रखने के लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) को हस्तांतरित किया जा सकता है।

अदालत ने कहा,

“MCD, DDA और L&DO को उपरोक्त निर्देशों के साथ वर्तमान याचिका और लंबित आवेदनों का निपटारा किया जाता है।”

याचिकाकर्ता के वकील-आर.के. कपूर, दीक्षा गुलाटी और श्वेता कपूर ।

प्रतिवादियों के लिए वकील- पद्मा प्रिया, श्करण भूतड़ा के साथ आर-1 के वकील- अनुराग अहलूवालिया सीजीएससी।

यूओआई के वकील- अभिज्ञान सिद्धांत के साथ, ऋषिकेश कुमार, जीएनसीटीडी के एएससी, शीनू प्रिया, अतीक गिल और श्सुधीर, के साथ, शहाना फराह।

डीडीए की वकील- सना हार्टा के साथ सोनिया ए. मेनन, वनिता चौहान,वकील के साथ, ऋचा धवन।

एमसीडी के लिए सरकारी वकील- अनुज चतुवेर्दी, एस.के. सिंह।

केस टाइटल- वकील आर के कपूर बनाम दिल्ली हाइकोर्ट एवं अन्य।

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