दिल्ली हाइकोर्ट ने स्कूल "कश्मीर हार्वर्ड" डोमेन को हार्वर्ड कॉलेज में ट्रांसफर करने का मध्यस्थ अवार्ड बरकरार रखा, 50 हजार जुर्माना लगाया
दिल्ली हाइकोर्ट ने श्रीनगर स्थित कश्मीर हार्वर्ड एजुकेशनल इंस्टीट्यूट द्वारा रजिस्टर्ड डोमेन को संयुक्त राज्य अमेरिका में हार्वर्ड कॉलेज के अध्यक्ष और अध्येताओं को ट्रांसफर करने का निर्देश देने वाला मध्यस्थ अवार्ड बरकरार रखा।
जस्टिस प्रतीक जालान 50,000 रुपये के जुर्माने के साथ बर्खास्त “डोमेन नाम विवाद समाधान नीति (IDNDRP) के तहत 04 मार्च, 2023 को पारित मध्यस्थ अवार्ड के खिलाफ कश्मीर स्थित शैक्षणिक संस्थान द्वारा दायर याचिका खारिज की।
डोमेन नाम “kashmirharvard.edu.in” कश्मीर हार्वर्ड एजुकेशनल इंस्टीट्यूट द्वारा रजिस्ट्रेशन किया गया। डोमेन नाम के ट्रांसफर या रद्द करने की मांग करते हुए हार्वर्ड कॉलेज के अध्यक्ष और अध्येताओं द्वारा NIXI को शिकायत प्रस्तुत की गई।
शिकायत में दावा किया गया कि हार्वर्ड ने हार्वर्ड ट्रेडमार्क कार्यक्रम स्थापित किया, जिसके तहत वह "हार्वर्ड मार्क्स" के रूप में वर्णित अपने ट्रेडमार्क को लागू और लाइसेंस देता है। यह उल्लेख किया गया कि हार्वर्ड वेबसाइट "www.harvard.edu" और सोशल मीडिया अकाउंट संचालित करता है, जिसमें "हार्वर्ड" नाम शामिल है।
जस्टिस जालान ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि यह मानने का कोई आधार नहीं है कि विवादित मध्यस्थ निर्णय मध्यस्थता और सुलह अधिनियम (Arbitration and Conciliation Act) की धारा 34(2) के विपरीत है।
अदालत ने कहा,
“याचिकाकर्ता द्वारा दिए गए तर्क अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक मध्यस्थता में किसी अवार्ड के साथ हस्तक्षेप के सीमित दायरे या न्यायालय की प्रक्रिया के प्रति बहुत कम सम्मान दर्शाते हैं। ऐसी दलीलें दी गईं, जो रिकॉर्ड के विपरीत हैं। अदालत को गुमराह करने के लिए एक के बाद एक प्रयास किए गए। इसलिए मैं इसे याचिकाकर्ता के खिलाफ जुर्माना लगाने का उपयुक्त मामला मानता हूं।”
इसमें कहा गया,
"याचिका लंबित आवेदनों के साथ आज से 4 सप्ताह के भीतर प्रतिवादी को देय 50,000 रुपए के जुर्माने के साथ खारिज की जाती है।"
अदालत ने पाया कि कश्मीर स्थित संस्थान प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के उल्लंघन का मामला बनाने में विफल रहा और उसने देरी की माफी के लिए आवेदन में स्पीड पोस्ट द्वारा अवार्ड की प्राप्ति को स्पष्ट रूप से स्वीकार किया था।
इसमें आगे कहा गया कि डोमेन रजिस्ट्रेशन जानकारी में उल्लिखित ईमेल पते पर संस्थान को कम्युनिकेशन सर्विस और अवार्ड भी दिए गए।
अदालत ने कहा,
"उपरोक्त कारणों से मुझे यह मानने का कोई आधार नहीं मिला कि विवादित फैसला अधिनियम की धारा 34(2) के विपरीत है।"
याचिकाकर्ता के वकील- केशव ठाकुर, महेश प्रसाद, मलक माथुर, पृथ्वी ठाकुर और रितिक कुमार,
प्रतिवादी के वकील- आर.के. अग्रवाल, आयुषी बंसल और विनय पदम
केस टाइटल- कश्मीर हार्वर्ड एजुकेशनल इंस्टीट्यूट बनाम हार्वर्ड कॉलेज के अध्यक्ष और अध्येता
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