दिल्ली हाइकोर्ट ने 'डिजिटल गिरफ्तारी' घोटालों, साइबर अपराधों के प्रसार के खिलाफ जनहित याचिका पर केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा

Update: 2024-01-30 12:39 GMT

दिल्ली हाइकोर्ट ने "डिजिटल गिरफ्तारी" घोटालों सहित साइबर अपराधों के प्रसार के खिलाफ जनहित याचिका (PIL) पर नोटिस जारी किया, जहां धोखेबाज निर्दोष नागरिकों से पैसे ऐंठने के लिए फर्जी न्यायिक आदेश और गिरफ्तारी वारंट बनाते हैं।

एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की खंडपीठ ने केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से जवाब मांगा और मामले को 19 मार्च को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

वकील अक्षया और उर्वशी भाटिया द्वारा दायर याचिका में बढ़ते साइबर अपराधों और अदालती आदेशों के साथ-साथ फर्जी एफआईआर और गिरफ्तारी वारंट के मुद्दे पर प्रकाश डाला गया। यह धोखेबाजों द्वारा सरकारी अधिकारियों के प्रतिरूपण के मुद्दे को भी संबोधित करता है।

याचिकाकर्ताओं का कहना कि दिल्ली पुलिस की साइबर अपराध इकाई के पास शिकायतों की रिपोर्ट करने की मौजूदा व्यवस्था साइबर घोटालों के उभरते और नए रूपों से निपटने के लिए अपर्याप्त है।

उन्होंने कहा,

“याचिका इस अदालत के ध्यान में साइबर अपराध के तेजी से बढ़ते और बदलते खतरे के मुद्दे को लाने के लिए दायर की गई, जिसने अब और भी खतरनाक मोड़ ले लिया और नए प्रकार के स्कैलडगरी, यानी 'डिजिटल गिरफ्तारी' घोटाले में उभरा है।”

इसमें कहा गया कि केंद्रीय और राज्य साइबर सेल की वेबसाइटें निष्क्रिय हैं और नवीनतम साइबर अपराधों पर लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए कुछ भी पोस्ट नहीं करती हैं।

याचिका में आगे कहा गया कि अधिकारियों को इस मुद्दे पर जागरूकता अभियान चलाना चाहिए और साइबर अपराध की शिकायतों की रिपोर्ट करने की प्रक्रिया को सरल बनाया जाना चाहिए।

इस महीने की शुरुआत में मामले की सुनवाई करते हुए पीठ ने टिप्पणी की कि नई चुनौतियों से निपटने के लिए पुलिस व्यवस्था में सुधार करना होगा। ऐसे मामलों के लिए अधिकारियों द्वारा सरल शिकायत दर्ज करने की प्रणाली अपनाई जानी चाहिए।

अदालत ने कहा कि आजकल बहुत-सी मशहूर हस्तियां शिकायत कर रही हैं कि उन्होंने कभी विज्ञापन नहीं किया, लेकिन इसे लेकर शिकायतें आ रही हैं।

अदालत ने दिल्ली पुलिस से कहा,

“यह साइबर अपराधों की वास्तविक समस्या है। आपको विशेष समर्पित यूनिट्स बनानी होंगी। नई चुनौतियों से निपटने के लिए पुलिस व्यवस्था में सुधार करना होगा। पुलिसकर्मी को नए कंप्यूटरों से अच्छी तरह परिचित होना चाहिए।”

केस टाइटल- अक्षया और अन्य बनाम भारत संघ और अन्य।

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