परिवार के सदस्य की बीमारी के आधार पर दिल्ली हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी को अंतरिम जमानत दी
दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम, 2002 (PMLA) के तहत आरोपी को उसकी गंभीर रूप से बीमार मां की देखभाल करने और उनके इलाज की आवश्यक व्यवस्थाएँ करने के लिए अंतरिम जमानत दी।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने यह दलील दी कि PMLA की धारा 45 के तहत आरोपी के पारिवारिक सदस्य की बीमारी को अंतरिम जमानत का आधार नहीं माना जा सकता, लेकिन जस्टिस तेजस कारिया ने मानवीय आधार पर राहत दी।
न्यायालय ने 15 दिनों के लिए सख्त शर्तों के साथ जमानत प्रदान की।
अदालत ने आदेश दिया,
"आवेदक राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCT) दिल्ली से बाहर नहीं जाएगा। आवेदक सभी मोबाइल नंबर जांच अधिकारी को देगा और उन्हें हर समय चालू रखेगा। आवेदक प्रतिदिन दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा थाने में रिपोर्ट करेगा।"
आवेदक न्यायिक हिरासत में है और उसने पहले सेशन कोर्ट से 30 दिन की अंतरिम जमानत मांगी थी। सेशन कोर्ट ने इसके स्थान पर केवल छह घंटे की कस्टडी परोल दी थी, जो सिर्फ मां को अस्पताल/डायग्नोस्टिक सेंटर ले जाने के सीमित उद्देश्य के लिए थी।
आवेदक ने कस्टडी परोल का लाभ नहीं उठाया और हाईकोर्ट का रुख किया, यह कहते हुए कि वह अपनी मां की देखभाल के लिए उपलब्ध एकमात्र पुरुष सदस्य है।
आवेदक का कहना है कि उसकी मां जिनकी उम्र लगभग 55 वर्ष है एक दुर्घटना में घायल हो गईं, जिससे उनकी रीढ़ की हड्डी (Lumbar Spine) में फ्रैक्चर हो गया और वर्टिब्रा का आंशिक पतन हो गया। उनका यह भी कहना है कि उसकी अनुपस्थिति के कारण इलाज में कोई ठोस प्रगति नहीं हो सकी और उनकी मां की तबीयत लगातार बिगड़ रही है।
ED के वकील ने यह स्वीकार किया कि आवेदक की माँ एक नौकरानी के साथ अकेली रह रही हैं लेकिन यह भी कहा कि उन्होंने केवल एक बार ओपीडी मरीज के रूप में अस्पताल का दौरा किया और उसके बाद कभी किसी फॉलोअप या इलाज के लिए नहीं गईं।
इससे स्पष्ट होता है कि उनकी हालत स्थिर है और कोई ऐसी आपात चिकित्सा स्थिति नहीं है, जिसके लिए आवेदक की शारीरिक उपस्थिति जरूरी हो।
कोर्ट ने आदेश दिया,
"इन तथ्यों और परिस्थितियों तथा मानवीय आधार पर, आवेदक को उसकी रिहाई की तारीख से पंद्रह (15) दिनों की अंतरिम जमानत दी जाती है बशर्ते वह 1,00,000/- का व्यक्तिगत बांड और इतनी ही राशि के दो ज़मानती प्रस्तुत करे।
टाइटल: लवी नरूला बनाम प्रवर्तन निदेशालय (ED)