JOLLY LLB 3 की स्ट्रीमिंग मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने जियोस्टार के हक में दिया फैसला
दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में डायनेमिक+ निषेधाज्ञा पारित की, जिसमें विभिन्न धोखेबाज वेबसाइटों को आगामी बॉलीवुड फिल्म "JOLLY LLB 3" की अवैध स्ट्रीमिंग, होस्टिंग या स्क्रीनिंग पर रोक लगाई गई।
यह फिल्म 19 सितंबर को रिलीज़ होने वाली है।
जस्टिस तेजस करिया ने कहा कि धोखेबाज वेबसाइटों तक पहुंच को रोकने में किसी भी तरह की देरी से जियोस्टार को वित्तीय नुकसान हो सकता है। फिल्म में उनके कॉपीराइट का अपूरणीय उल्लंघन हो सकता है।
बता दें, जियोस्टार इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने फिल्म के विकास और लाइन प्रोडक्शन का काम कांगड़ा टॉकीज़ को सौंपा था। कांगड़ा टॉकीज़ ने पुष्टि की है कि जियोस्टार फिल्म के सभी बौद्धिक संपदा अधिकारों और शोषण अधिकारों, जिसमें स्क्रिप्ट भी शामिल है, उसका एकमात्र और अनन्य स्वामी है।
अदालत ने धोखेबाज वेबसाइटों के खिलाफ कॉपीराइट उल्लंघन के मुकदमे में जियोस्टार के पक्ष में एकतरफा अंतरिम निषेधाज्ञा पारित की।
अदालत ने कहा:
“यह स्पष्ट है कि इंटरनेट के युग में विचाराधीन फिल्म के अनधिकृत प्रसार की संभावना पर विचार करने के लिए फिल्म के अनधिकृत प्रसार को रोकने के लिए प्रभावी और त्वरित उपायों की आवश्यकता होगी।”
जस्टिस करिया ने इन अवैध वेबसाइटों के डीएनआर को निलंबित और अवरुद्ध करने तथा वेबसाइटों को अवरुद्ध और निष्क्रिय करने का भी आदेश दिया।
अदालत ने कहा,
“फिल्म की रिलीज़ से पहले या उसके दौरान, यदि कोई और वेबसाइट पाई जाती है, जो अनधिकृत रूप से ऐसी सामग्री स्ट्रीम और संचार कर रही है जिस पर वादी का कॉपीराइट है तो वादी को ऐसी वेबसाइटों का विवरण प्रतिवादी नंबर 25 से 45 को बिना किसी अनावश्यक देरी के वास्तविक समय के आधार पर अवरुद्ध, अक्षम और निष्क्रिय करने के लिए सूचित करने की स्वतंत्रता दी जाती है।”
अदालत ने आगे कहा:
“वर्तमान मामले में ऐसी राहत की आवश्यकता है, क्योंकि वेबसाइटों को अवरुद्ध करने में किसी भी प्रकार की देरी से, वास्तव में वादी को काफी आर्थिक नुकसान होगा और वादी के कॉपीराइट का अपूरणीय उल्लंघन होगा।”
अदालत ने आगे निर्देश दिया कि यदि कोई वेबसाइट, जो मुख्य रूप से उल्लंघनकारी वेबसाइट नहीं है, आदेश के अनुसरण में अवरुद्ध की जाती है तो वह यह वचन देकर अदालत से संपर्क कर सकती है कि उसका उस सामग्री का कोई अवैध प्रसार करने का इरादा नहीं है, जिस पर जियोस्टार का कॉपीराइट है।
अदालत ने आगे कहा कि यदि तथ्य और परिस्थितियां उचित हों तो न्यायालय निषेधाज्ञा को संशोधित करने पर विचार करेगा।
इस मामले की सुनवाई अब 20 जनवरी, 2026 को होगी।
Title: JIOSTAR INDIA PRIVATE LIMITED v. VEGAMOVIES.YACHTS & ORS