अशनीर ग्रोवर और उनकी पत्नी ने BharatPe के साथ समझौते के बाद EOW FIR को रद्द करने की मांग करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया
BharatPe के पूर्व प्रबंध निदेशक अशनीर ग्रोवर, उनकी पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर और कई अन्य लोगों ने दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख कर फिनटेक कंपनी के साथ अपने विवादों के निपटारे के बाद पिछले साल दर्ज दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा की प्राथमिकी (EOW) को रद्द करने की मांग की है।
जस्टिस चंद्रधारी सिंह ने 03 अक्टूबर को मामले की सुनवाई की और दिल्ली पुलिस के लिए पेश हुए एपीपी को दो दिनों के भीतर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।
याचिका में भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 406, 408, 409, 420, 467, 468, 471 और 120 B के तहत दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की गई है।
BharatPe द्वारा दायर एक शिकायत के आधार पर FIR दर्ज की गई थी। यह आरोप लगाया गया था कि धन का दुरुपयोग किया गया था और फिनटेक कंपनी को लगभग 80 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।
इस मामले में माधुरी जैन ग्रोवर, अशनीर ग्रोवर, दीपक जगदीशराम गुप्ता, श्वेतांक जैन और सुरेश जैन आरोपी हैं।
ग्रोवर और अन्य की ओर से पेश वकील ने कहा कि 30 सितंबर को हुए समझौते के तहत पक्षों के बीच मामला सुलझा लिया गया था।
उन्होंने समझौता समझौते की शर्तों के अनुपालन के संबंध में हलफनामा दायर करने के लिए कुछ समय मांगा।
अदालत ने आदेश दिया, "इसे दो दिनों के भीतर दायर किया जाए।
इसने BharatPe के निदेशक को फिनटेक कंपनी की ओर से जारी एक प्राधिकरण पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया।
मामले की अगली सुनवाई 8 अक्टूबर को होगी।