मोटर वाहनों में हाई-पावर ऑडियो सिस्टम, डीजे एलईडी लाइट्स, मल्टी-टोन हॉर्न के उपयोग की कानूनी रूप से अनुमति नहीं: केरल हाईकोर्ट
केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में माना कि मोटर गाड़ियों में बूस्टर, पावर एम्पलीफायर, स्पीकर और सब-वूफर लगे हाई पॉवर ऑडियो सिस्टम के उपयोग की कानूनी रूप से अनुमति नहीं है।
जस्टिस अनिल के नरेंद्रन और जस्टिस पीजी अजितकुमार की खंडपीठ ने कहा कि कई हजार वाट पीएमपीओ (पीक म्यूजिक पावर आउटपुट) की रेटिंग वाले ऐसे ऑडियो सिस्टमों से पैदा आवाज न केवल चालक और यात्रियों की सुनने की क्षमता को खराब करेगी बल्कि अन्य ड्राइवरों और सड़क पर चलने वालों का ध्यान भटकाने का कारण भी बनेगी।
कोर्ट ने कहा, "मोटर व्हीकल (ड्राइविंग) रेगुलेशन, 2017 के रेगुलेशन 5 के सब-रेगुलेशन (5) और (10) के प्रावधानों और नॉइज पॉल्यूशन (रेगुलेशन एंड कंट्रोल) रूल्स, 2000 के प्रावधान के तहत एक मोटर वाहन में तेज आवाज पैदा करने वाले मल्टीपल बूस्टर/ पावर एम्पलीफायर, स्पीकर और सब-वूफर के साथ हाई-पावर ऑडियो सिस्टम के उपयोग की कानूनी रूप से अनुमति नहीं है।"
इसके अलावा, यह जोड़ा गया कि डीजे मिक्सर, डीजे डांसिंग लाइट, लेजर लाइट आदि के साथ ऐसे हाई-पावर ऑडियो सिस्टम के लिए एसी और डीसी बिजली की आपूर्ति को मिलाना सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करता है, और यात्रियों के लिए संभावित आग का खतरा पैदा करता है। कोर्ट ने ये निर्देश सड़क हादसों की बढ़ती संख्या के संबंध में स्वत: संज्ञान लेते हुए निर्णय देते हुए जारी किए थे।
कोर्ट ने पाया कि कई बूस्टर, पावर एम्पलीफायर, स्पीकर और सब-वूफर के साथ हाई-पावर ऑडियो सिस्टम से लैस वाहन तेज आवाज पैदा करता है और डीजे रोटेटिंग एलईडी लाइट्स, ब्लिंकिंग मल्टी-कलर एलईडी लाइट्स और लेजर लाइट्स का उपयोग भी मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधान का अनुपालन नहीं करता है।
कोर्ट ने कहा कि अत्यधिक कठोर, तीखी, तेज या खतरनाक आवाज देने वाले मल्टी-टोन हॉर्न से लैस वाहन सड़क सुरक्षा, ध्वनि नियंत्रण और वायु प्रदूषण के संबंध में निर्धारित मानकों का उल्लंघन करते हैं।
कोर्ट ने परिवहन आयुक्त को प्रत्येक जिले में प्रवर्तन अधिकारी के व्हाट्सएप नंबर को प्रिंट और विजुअल मीडिया में, और मोटर वाहन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट में प्रकाशित करने का निर्देश दिया, ताकि सड़क पर चलने वाले संबंधित प्रवर्तन अधिकारी के ध्यान में सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करने वाले मोटर वाहनों को ला सकें।
प्रवर्तन अधिकारियों को 'यूट्यूब' जैसे ऑनलाइन वीडियो प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध वीडियो सामग्री से सुरक्षा मानकों के ऐसे उल्लंघन के संबंध में साक्ष्य एकत्र करने के लिए भी कहा गया था।
रजिस्ट्री को इस आदेश को परिवहन आयुक्त और राज्य पुलिस प्रमुख को ईमेल करने का आदेश दिया गया, जो इसे सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए मोटर वाहन विभाग/संबंधित जिलों के जिला पुलिस प्रमुख में संबंधित प्रवर्तन अधिकारियों को भेजेंगे।
केस टाइटल: स्वतः संज्ञान बनाम केरल राज्य और अन्य।
साइटेशन: 2022 लाइव लॉ (केर) 265