राजनीतिक चालबाजी से मंदिरों की पवित्रता कम न हो: केरल हाईकोर्ट ने मंदिर परिसर में भगवा झंडे लगाने की याचिका खारिज की

Update: 2023-09-14 10:50 GMT

Kerala High Court

केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि मंदिरों की पवित्रता और शांति बनाए रखने के लिए, वह मंदिर परिसरों पर भगवा झंडे और झालरें लगाने की अनुमति नहीं दे सकता। जस्टिस राजा विजयराघवन वी ने मुथुपिलक्कडु श्री पार्थसारथी मंदिर के दो भक्तों द्वारा उन्हें बिना किसी बाधा के झंडे लगाने की अनुमति देने की याचिका को खारिज करते हुए कहा,

"मंदिर आध्यात्मिक सांत्वना और शांति के प्रतीक के रूप में खड़े हैं, उनकी पवित्रता और श्रद्धा सर्वोपरि है। ऐसे पवित्र आध्यात्मिक आधारों को राजनीतिक चालबाजी या एकाधिकार के प्रयासों से कम नहीं किया जाना चाहिए"।

याचिकाकर्ताओं ने क‌‌थ‌ित रूप से मंदिर और उसके भक्तों के कल्याण के लिए 'पार्थसारथी भक्तजनसमिति' नामक एक संगठन बनाया था। उन्होंने दावा किया कि विशेष अवसरों और मंदिर के कार्यों के दरमियान मंदिर परिसर में भगवा झंडे लगाने के उनके प्रयासों में उत्तरदाताओं ने बाधा डाली।

इस प्रकार उन्होंने अपने जीवन के लिए प्रभावी और उचित पुलिस सुरक्षा की मांग की ताकि वे मंदिर के अनुष्ठानों का शांतिपूर्वक संचालन कर सकें और मंदिर परिसर को बिना किसी बाधा के अपने झंडों से सजा सकें।

सरकारी वकील अप्पू पीएस तर्क दिया कि मंदिर को राजनीतिक वर्चस्व के लिए युद्ध के मैदान के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति मंदिर से जुड़ी शांति और पवित्रता नष्ट कर देगी। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ताओं के कार्यों के कारण पहले भी मंदिर में कई झड़पें हो चुकी हैं और वास्तव में दूसरे याचिकाकर्ता का आपराधिक इतिहास था और वह चार आपराधिक मामलों में शामिल था।

वकील ने आगे कहा कि मंदिर की प्रशासनिक समिति ने एक प्रस्ताव पारित कर कनिक्कावांची के 100 मीटर के दायरे में किसी भी राजनीतिक दल या संगठन के झंडे और बैनर लगाने पर रोक लगा दी है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट की एक अन्य पीठ ने भी पहले मुथुपिलक्कडु श्री पार्थसारथी क्षेत्रम सभा और अन्य बनाम राज्य पुलिस प्रमुख और अन्य के मामले में 13 मार्च, 2020 के अपने फैसले के तहत पुलिस को मंदिर परिसर से सभी झंडे, बोर्ड, बैनर आदि हटाने का निर्देश दिया था।

सभी पक्षों की दलीलों पर विचार करने पर न्यायालय का मत था कि याचिकाकर्ताओं ने मंदिर में अनुष्ठान करने के लिए कोई वैध अधिकार प्रदर्शित नहीं किया है, जैसा कि प्रार्थना की गई थी, और न्यायालय द्वारा और साथ ही प्रशासनिक समिति द्वारा जारी किए गए पहले के आदेशों के आलोक में उन्हें मंदिर में या उसके आसपास झंडे या झालरें लगाने की अनुमति नहीं दी जा सकती।

याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा, "याचिकाकर्ताओं के कार्य और इरादे स्पष्ट रूप से मंदिर में बनाए रखे जाने वाले शांत और पवित्र वातावरण के विपरीत हैं।"

साइटेशन: 2023 लाइवलॉ (केर) 477

केस टाइटल: आर श्रीनाथ और अन्य बनाम केरल राज्य और अन्य।

केस नंबर: WP(C) NO. 2023/28906

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