पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पाक से संबंधों रखने वाले सह-आरोपियों को सैन्य ठिकानों के बारे में जानकारी भेजने के आरोपी सैन्यकर्मी को जमानत देने से इनकार किया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सेना के जवान हरप्रीत सिंह को नियमित जमानत देने से इनकार कर दिया, जिस पर सह-आरोपियों को गुप्त जानकारी और दस्तावेज उपलब्ध कराने का आरोप है, जिसे 2021 में कथित तौर पर 70 ग्राम हेरोइन के साथ पकड़ा गया था।
जस्टिस मंजरी नेहरू कौल की पीठ ने कहा,
“प्रथम दृष्टया याचिकाकर्ता के खिलाफ बहुत गंभीर और विशिष्ट आरोप हैं कि उसने सह-आरोपियों को विभिन्न सैन्य प्रतिष्ठानों से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी और तस्वीरें दीं, जिन्होंने इसे पाकिस्तान को सप्लाई किया और इसके लिए सभी को पैसे मिले।”
2021 में सिंह पर रणजीत सिंह उर्फ रणवीर सिंह उर्फ राणा और गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी के साथ ड्रग तस्करों के माध्यम से पाकिस्तान को वर्गीकृत जानकारी की सप्लाई करने के लिए देशद्रोह और अन्य अपराधों के लिए मामला दर्ज किया गया।
एफआईआर एनडीपीएस एक्ट की धारा 21 (बी)/29, शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923 की धारा 3, 5 और 9 और आईपीसी की धारा 120-बी और 124-ए के तहत पुलिस स्टेशन मेहतपुर, जिला जालंधर ग्रामीण में दर्ज की गई।
याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि सह-अभियुक्त द्वारा कथित तौर पर दिए गए प्रकटीकरण बयान के आधार पर सिंह को मामले में झूठा फंसाया गया। उन्होंने आगे कहा कि याचिकाकर्ता से कोई जब्ती नहीं की गई।
दूसरी ओर, राज्य के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता के खिलाफ सह-आरोपी रणजीत सिंह उर्फ रणवीर के साथ विभिन्न सैन्य प्रतिष्ठानों/स्टेशनों के बारे में गुप्त दस्तावेज और जानकारी साझा करके राष्ट्र की सुरक्षा के साथ समझौता करने के गंभीर आरोप हैं। सिंह उर्फ राणा ने इन दस्तावेज को सीमा पार पाकिस्तान भेज दिया।
उन्होंने आगे कहा कि जब सह-आरोपी रणजीत सिंह उर्फ रणवीर सिंह उर्फ राणा को पुलिस ने 70 ग्राम हेरोइन के साथ पकड़ा तो उसकी व्यक्तिगत तलाशी के दौरान एक मोबाइल फोन बरामद हुआ। उन्होंने बताया कि फोन में उपरोक्त सभी महत्वपूर्ण और गुप्त जानकारी थी, जिसमें नियंत्रण रेखा के पार तैनात विभिन्न इकाइयों के गश्त कार्यक्रमों की तस्वीरें, साथ ही सेना की चौकियों और हेलीपैड का विवरण भी शामिल था।
दलीलों पर विचार करते हुए अदालत ने जमानत याचिका खारिज कर दी।
केस टाइटल: हरप्रीत सिंह @ हैप्पी बनाम पंजाब राज्य
अपीयरेंस: नागर सिंह, मुनीष कुमार, याचिकाकर्ता के वकील, अमित राणा, सीनियर डीएजी, पंजाब।
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