पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने गर्भवती पत्नी की देखभाल के एनडीपीएस एक्ट के तहत आरोपी को अंतरिम जमानत दी
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने गुरुवार को एनडीपीएस अधिनियम के तहत गिरफ्तार आरोपी को उसकी गर्भवती पत्नी की डिलीवरी की तारीख देखते हुए अंतरिम जमानत दे दी।
जस्टिस अरविंद सिंह सांगवान की खंडपीठ ने उसे रिहा होने की पूर्व शर्त के रूप में जमानत बांड के साथ सिक्योरिटी अमाउंट के रूप में 10 लाख रुपये जमा करने का आदेश दिया।
न्यायालय राजन सोंधी (एनडीपीएस अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज) की याचिका पर विचार कर रहा था, जिसे इस तथ्य के कारण 30 दिनों के लिए अंतरिम जमानत दी गई कि उसकी पत्नी दिसंबर, 2022 के पहले सप्ताह में बच्चे को जन्म देने की उम्मीद कर रही है।
यह भी प्रस्तुत किया गया कि उसकी मां कई स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों से पीड़ित है और गर्भवती पत्नी की देखभाल करने में असमर्थ है। उसकी तीन साल की नाबालिग बेटी भी है। इस अवस्था में जब उसकी पत्नी प्रसव की उम्मीद कर रही है, तब उसके लिए नाबालिग बेटी की देखभाल करना मुश्किल हो गया है।
दूसरी ओर, प्रतिवादी-यूओआई के लिए सीनियर सरकारी वकील ने प्रस्तुत किया कि यद्यपि उसकी पत्नी की गर्भावस्था के साथ-साथ उसकी मां की बीमारियां सत्यापित हैं। हालांकि, चूंकि उसके पिता जीवित हैं, वह याचिकाकर्ता की पत्नी की देखभाल कर सकते हैं।
सीनियर सरकारी वकील द्वारा जताई गई एक और आशंका यह कि चूंकि मुरलीधर इंडस्ट्रीज के दो साझेदार (याचिकाकर्ता के मामले में शामिल) अभी भी फरार हैं, इसलिए यदि याचिकाकर्ता को अंतरिम जमानत दी जाती है तो वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकता है या जांच को रोकने के लिए गवाह को प्रभावित कर सकता है।
हालांकि, यह देखते हुए कि प्रार्थना अंतरिम जमानत देने तक सीमित है, अदालत ने उसे अपनी पत्नी की डिलीवरी के लिए सिक्योरिटी अमाउंट के रूप में 10 लाख रुपये की राशि जमा करने की पूर्व शर्त पर अंतरिम जमानत देना उचित समझा। इसके साथ ही उसे अपनी तीन साल की नाबालिग बेटी की देखभाल भी करनी है।
तदनुसार, इस याचिका की अनुमति दी गई और याचिकाकर्ता को 02.01.2023 तक अंतरिम जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया गया था। शर्त लगाई गई कि वह 02.01.2023 को या उससे पहले वापस आत्मसमर्पण कर देगा और यदि वह ऐसा करने में विफल रहता है तो सिक्योरिटी अमाउंट 10 लाख रुपये राज्य द्वारा जब्त कर लिया जाएगा।
साथ ही उसे निर्देश दिया गया कि अंतरिम जमानत की अवधि के दौरान वह जिला यमुनानगर के अधिकार क्षेत्र को नहीं छोड़ेगा और हर दिन शाम 05.00 बजे से पहले एसएचओ या प्रभारी, थाना शहर जगाधरी के समक्ष अपनी उपस्थिति दर्ज कराएगा।
केस टाइटल- राजन सोंधी बनाम भारत संघ और अन्य [CRM-M-56874-2022 (O&M)]
ऑर्डर डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें