उड़ीसा हाईकोर्ट ने 20 जुलाई तक ग्रामीण क्षेत्रों में आरटी-पीसीआर टेस्ट सुविधाओं की उपलब्धता पर राज्य से जवाब मांगा

Update: 2021-07-12 12:50 GMT

Orissa High Court

उड़ीसा हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में आरटी-पीसीआर (रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पोलीमरेज़ चेन रिएक्शन) टेस्ट सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एक जनहित याचिका (पीआईएल) में राज्य सरकार से जवाब मांगा।

उपरोक्त मुद्दे का संज्ञान लेते हुए मुख्य न्यायाधीश एस मुरलीधर और न्यायमूर्ति सावित्री राठो की पीठ ने राज्य को सुनवाई की अगली तारीख से पहले किए गए उपायों को संबोधित करते हुए एक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।

भारत में महामारी की शुरुआत के बाद से COVID-19 संक्रमण का पता लगाने के लिए संबंधित अधिकारियों द्वारा आरटी-पीसीआर टेस्ट पर भरोसा किया गया है।

याचिकाकर्ता ने याचिका में तर्क दिया कि राज्य के ग्रामीण और ब्लॉक स्तरों में टेस्ट के लिए मौजूदा सुविधाएं गंभीर रूप से अपर्याप्त हैं। इसके अलावा, सार्वजनिक परिवहन के निलंबन से परिणाम प्राप्त करने में काफी देरी हो रही है, क्योंकि एकत्र किए गए नमूनों को टेस्ट के लिए जिला मुख्यालय तक पहुंचने में लंबा समय लगता है।

याचिकाकर्ता द्वारा यह भी बताया गया कि गंभीर रोगियों के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में आइसोलेशन सेंटर और एम्बुलेंस सेवाएं उपलब्ध नहीं हैं।

अतिरिक्त मुख्य सचिव, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग, ओडिशा सरकार को सुनवाई की अगली तारीख से पहले याचिका में उठाई गई चिंताओं को संबोधित करते हुए एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया गया है।

मामले को आगे की सुनवाई के लिए 20 जुलाई को सूचीबद्ध किया गया है।

केस शीर्षक: संजीव जोशी बनाम ओडिशा राज्य 

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