शराब नीति मामले में सीबीआई को लेन-देन का सबूत नहीं मिला, आरोप 'संभावना के दायरे' में: आप नेता मनीष सिसोदिया ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा

Update: 2023-04-20 12:05 GMT

आम आदमी पार्टी नेता मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि कथित शराब नीति घोटाला मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो को उनके पास से धन के लेन-देन का कोई सबूत नहीं मिला है। उनके खिलाफ आरोप केवल "संभावना के दायरे में हैं।"

मनीष सिसोदिया की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट दयान कृष्णन और सीनियर एडवोकेट मोहित ठाकुर ने जस्टिस द‌िनेश कुमार शर्मा की कोर्ट में यह प्रस्तुतियां दीं। उल्लेखनीय है कि स‌िसोदिया पर 2021-22 के लिए जारी आबकारी नीति के कार्यान्वयन में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है, जिसमें उन्हें हिरासत में लिया गया है। मामले में उन्होंने जमानत की मांग की है।

सिसोदिया फिलहाल सीबीआई और ईडी की ओर से दर्ज मामलों में न्यायिक हिरासत में हैं। 31 मार्च को को विशेष जज ने उन्हें सीबीआई की ओर से दर्ज मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया था। ट्रायल कोर्ट 26 अप्रैल को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी जमानत याचिका पर फैसला सुनाएगी।

माथुर ने दलील दी कि जांच एजेंसी का पूरा तर्क यह है कि सिसोदिया अपनी स्थिति के कारण गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सीबीआई को आज तक कुछ भी ठोस नहीं मिला है।

उन्होंने कहा,

“तारीखों पर ध्यान दिया जा सकता है। अगस्त 2022 में एफआईआर दर्ज की गई थी। वे मुझे साजिश का मुख्य सूत्रधार बनाते हैं। विजय नायर को पिछले साल सितंबर में गिरफ्तार किया गया था, बाद में चार्जशीट दायर होने से पहले ही उन्हें नवंबर में जमानत पर रिहा कर दिया गया था, ... मेरे किसी को प्रभावित करने में सक्षम होने आदि के ये सभी आरोप तब बिल्कुल नहीं ‌थे। पैसे को लेकर मुझ पर लगे सारे आरोप, यह सब संभावना के दायरे में है। कुछ ठोस नहीं है। कागज पर कुछ नहीं है। कोई मनी ट्रेल नहीं है।"

कृष्णन ने प्रस्तुत किया कि पुलिस या सीबीआई यह कहते हुए गिरफ्तार नहीं कर सकती है कि "मैंने आपसे सवाल पूछा था, चाहते हैं कि आप खुद को दोषी ठहराएं और आपने ऐसा करने से इनकार कर दिया। यह संवैधानिक गारंटी के खिलाफ है।"

कृष्णन ने कहा कि यह आरोप पर कि प्रॉफिट मार्जिन में 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी दक्षिण समूह के फायदे के लिए की गई थी, इस मामले में "मूलभूत भ्रम" था।

एक अन्य आधार जिस पर कृष्णन ने जमानत मांगी थी, वह सिसोदिया की पत्नी की स्वास्थ्य स्थिति है, जो मल्टीपल स्केलेरोसिस से पीड़ित है। मामले की सुनवाई अब अगले सप्ताह बुधवार को निर्धारित की गई है। एएसजी एसवी राजू सीबीआई की ओर से प्रस्तुतियां शुरू करेंगे।

सीबीआई मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार करते हुए ट्रायल कोर्ट ने कहा था कि सिसोदिया को प्रथम दृष्टया आपराधिक साजिश का सूत्रधार माना जा सकता है। यह भी देखा गया कि लगभग 90-100 करोड़ रुपये की अग्रिम रिश्वत का भुगतान उनके और दिल्ली सरकार में उनके अन्य सहयोगियों के लिए किया गया था।

अदालत ने यह भी कहा था कि वह सिसोदिया को जमानत पर रिहा करने के लिए इच्छुक नहीं है क्योंकि उनकी रिहाई चल रही जांच पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है और प्रगति को गंभीर रूप से बाधित कर सकती है।

केस टाइटल: मनीष सिसोदिया बनाम सीबीआई

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