एनडीपीएस एक्ट | जब आरोपी के खिलाफ कई एफआईआर हों तो धारा 37 के तहत जमानत की दोहरी शर्तों को संतुष्ट करना आवश्यक नहींः पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि जब किसी आरोपी के खिलाफ कई एफआईआर होती हैं तो एनडीपीएस एक्ट की धारा 37 के तहत तय दो शर्तें, कि आरोपी दोषी नहीं है और उसके जमानत पर रहते हुए अपराध करने की संभावना नहीं है, को संतुष्ट नहीं किया जा सकता।
जस्टिस जसजीत सिंह बेदी ने कहा,
"जब किसी आरोपी के खिलाफ किसी विशेष अविध में कई एफआईआर दर्ज की गई हों तो एनडीपीएस एक्ट की धारा 37 के तहत परिकल्पित जुड़वां शर्तों को संतुष्ट नहीं किया जा सकता है .....एनडीपीएस एक्ट की धारा 37 के तहत जमानत देने के लिए तय शर्तें, उन शर्तों के अलावा है, जिन्हें सीआरपीसी या जमानत पर लागू किसी अन्य कानून के तहत निर्धारित किया गया है।"
पीठ ने कहा, "इस प्रकार, एक आदतन अपराधी जमानत का हकदार नहीं है। ऐसे अपराधी के मामलों में हिरासत में पूछताछ निश्चित रूप से आवश्यक है, भले ही आरोपी पहले चरण में जांच में शामिल हो गया हो।"
अदालत करनाल में एनडीपीएस एक्ट की धारा 21 (सी), 22 (सी) और 25 के तहत दर्ज मामले में सीआरपीसी की धारा 438 के तहत अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
एफआईआर के मुताबिक, प्रदीप नामक व्यक्ति को अल्प्राजोलम की 12000 टैबलेट और 70 एमटीपी किट के साथ पकड़ा गया था। उसने खुलासा किया कि उसने याचिकाकर्ता रेयान अंसारी से नशीला पदार्थ खरीदा था। कोर्ट ने नोट किया कि याचिकाकर्ता एनडीपीएस एक्ट के तहत एक अन्य एफआईआर में भी आरोपी था।
डीएसपी, असंध, करनाल की ओर से दायर स्टेटस रिपोर्ट में यह प्रस्तुत किया गया कि याचिकाकर्ता आदतन अपराधी है। याचिकाकर्ता के खिलाफ जून, 2023 में धारा 21सी, 22सी, 29 एनडीपीएस एक्ट के तहत पुलिस स्टेशन असंध में एक और मामला दर्ज किया गया था, जिसमें वह फरार है।
दलीलों पर विचार करते हुए, पीठ ने विजय सिंह बनाम हरियाणा राज्य में हाईकोर्ट के फैसले का हवाला दिया, जिसमें आरोपी को अग्रिम जमानत की रियायत दी गई थी, भले ही वह एनडीपीएस एक्ट के तहत एक अन्य मामले में आरोपी था, जिसमें वह जमानत पर था।
हालांकि, पीठ ने कहा कि रणजीत सिंह बनाम पंजाब राज्य (2023) में, हाईकोर्ट ने कहा था कि,"जहां एक आरोपी के खिलाफ कई एफआईआर थीं, भले ही उसका नाम एक प्रकटीकरण बयान में दिया गया हो, वह जमानत की रियायत का हकदार नहीं था।"
नतीजतन, अदालत ने कहा कि एनडीपीएस एक्ट की धारा 37 के तहत परिकल्पित दोहरी शर्तों को, जब एक आरोपी के खिलाफ कई एफआईआर हों तो उसे संतुष्ट नहीं किया जा सकता है।
इन्हीं टिप्पणियों के साथ गिरफ्तारी पूर्व जमानत याचिका खारिज कर दी गई।
केस टाइटल: मोहम्मद रेयान अंसारी बनाम हरियाणा राज्य
साइटेशन: 2023 लाइव लॉ (पीएच) 188