मद्रास हाईकोर्ट ने COVID19 के कारण जान गंवाने वाले व्यक्तियों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग पर एनडीएमए को नोटिस जारी किया

Madras High Court
मद्रास हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी और न्यायमूर्ति सेंथिलकुमार राममूर्ति की खंडपीठ ने मंगलवार को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) को उस याचिका पर नोटिस जारी किया है,जिसमें COVID19 आपदा के कारण मरने वाले व्यक्तियों के परिवारों को अनुग्रह राशि का भुगतान करने की मांग की गई थी।
यह नोटिस इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि पिछले सप्ताह इसी बेंच ने कहा था कि कोर्ट सभी COVID19 पीड़ितों को मुआवजा देने का निर्देश देने वाला एक परमादेश जारी नहीं कर सकती है, भले ही परिवार की वित्तीय स्थिति कुछ भी हो।
पीठ ने कहा था कि,
''यह राज्य के लिए एक नीति का विषय है कि वह यह तय करें कि व्यक्तियों के एक वर्ग को मुआवजा दिया जाए या नहीं और अगर देना है तो कितना देना है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि विभिन्न वर्ग के लोग मुआवजे की मांग करेंगे और यह राज्य के विशेष अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाला मामला है।''
आज की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश बनर्जी ने फिर से दोहराया कि मुआवजा देना एक नीतिगत विषय है।
हालांकि, याचिकाकर्ता के वकील ने अपने मामले के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट के दो फैसलों का हवाला दिया।
उन्होंने बताया कि पहले फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 12 के तहत जारी किए गए राहत के न्यूनतम मानकों के दिशानिर्देशों में ''स्टैचूएरी फोर्स ऑफ लाॅ'' शामिल है।
इसके बाद, उन्होंने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए एक अन्य फैसले का हवाला दिया और बताया कि ये दिशानिर्देश COVID19 के पीड़ितों पर लागू होते हैं।
इन दलीलों को ध्यान में रखते हुए, बेंच ने एनडीएमए को नोटिस जारी कर दिया और मामले को चार सप्ताह के बाद सुनवाई के लिए पोस्ट किया है। महाधिवक्ता ने राज्य की तरफ से नोटिस स्वीकार कर लिया है।
केस का शीर्षकः आर. विजयगोपाल बनाम एनडीएमए व अन्य