चंडीगढ़ कोर्ट ने एडवोकेट सिमरनजीत सिंह ब्लासी को ज़मानत दी, जिन्हें 17 सितंबर को बार सदस्यों के साथ हुई झड़प के बाद पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट परिसर में तलवार लहराते देखा गया था।
धारा 115(2) (स्वेच्छा से चोट पहुँचाना), 126(2) (गलत तरीके से रोकना), 109(1) (हत्या का प्रयास), 351(2) (आपराधिक धमकी), 3(5) (समान इरादा) के तहत FIR दर्ज की गई और ब्लासी को उसी दिन देर शाम गिरफ्तार कर लिया गया था।
चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट सचिन यादव की अदालत ने उन्हें ज़मानत दी।
शुक्रवार को हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट बार एसोसिएशन (HCBA) सेक्रेटरी द्वारा लिखे गए पत्र पर स्वतः संज्ञान लिया, जिसमें हमले को भड़काने के आरोपी वकील की गिरफ्तारी की मांग की गई।
पत्र में आरोप लगाया गया कि एडवोकेट रवनीत कौर ने एडवोकेट सिमरनजीत सिंह ब्लासी को 17 सितंबर को बार सदस्यों पर हमला करने के लिए उकसाया था।
यह भी आरोप है कि कौर ने सोशल मीडिया पर सचिव के खिलाफ अश्लील और अपमानजनक सामग्री पोस्ट की, जिसके बाद अदालत ने स्वतः संज्ञान लेते हुए कार्रवाई शुरू की।
इसलिए अदालत ने चंडीगढ़ प्रशासन और डीजीपी से जवाब मांगा।
गौरतलब है कि ब्लासी ने भी शिकायत दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि 100 अज्ञात वकीलों की भीड़ ने उन पर हमला किया। इस मामले में डेली डायरी रिपोर्ट दर्ज की गई। हालांकि, हाईकोर्ट ने किसी भी बार सदस्य के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगाई।