केरल हाईकोर्ट ने सोने की तस्करी मामले में ईडी के खिलाफ न्यायिक आयोग के गठन के सरकारी आदेश पर रोक लगाई

Update: 2021-08-11 12:32 GMT

केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को अंतरिम राहत प्रदान की और सरकारी अधिसूचना, जिसके जर‌िए सोने की तस्करी के मामले में मुख्यमंत्री पिनारयी विजयन के कथित सं‌लिप्तता की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग पर रोक लगा दी।

जस्टिस पीबी सुरेश कुमार ने 7 मई, 2021 को राज्य की अधिसूचना के‌ खिलाफ निदेशालय की ओर से दायर रिट याचिका में अंतरिम आदेश, इस आधार पर कि केवल केंद्र सरकार इस मामले में न्यायिक आयोग का गठन कर सकती है, पारित किया।

इस प्रकार, हाईकोर्ट के पूर्व जज न्यायमूर्ति वीके मोहनन की अध्यक्षता में गठित न्यायिक आयोग को जांच आयोग अधिनियम, 1952 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए किसी भी शक्ति का प्रयोग करने या कोई कार्रवाई करने से रोक दिया गया है।

ईडी ने अपनी याचिका में प्रस्तुत किया था, राज्य सरकार की ओर से अधिकार क्षेत्र का अंतर्निहित अभाव है क्योंकि जांच आयोग अधिनियम की धारा 2 (ए) के अनुसार, संविधान की सूची I के तहत मामलों से निपटने के लिए आयोग का गठन करने के लिए "उपयुक्त सरकार" केंद्र सरकार है।

मामले की पहली सुनवाई में, राज्य ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर याचिका को सुनवाई योग्य होने पर प्रारंभिक आपत्तियां उठाई थीं।

प्राथमिक आपत्तियों में से एक यह थी कि केंद्र का एक विभाग किसी राज्य के खिलाफ रिट याचिका दायर नहीं कर सकता। एक विभाग एक कॉर्पोरेट बॉडी नहीं है, जो मुकदमा चला सकता है या जिसके खिलाफ मुकदमा चलाया जा सकता है। इसलिए ईडी एक कानूनी व्यक्ति नहीं है, जिसकी रिट याचिका पर सुनवाई की जाए।

मामले में ईडी की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए। केरल राज्य का प्रतिनिधित्व महाधिवक्ता के गोपालकृष्ण कुरुप ने किया था।

पृष्ठभूमि

केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा संयुक्त अरब अमीरात के सोने की तस्करी मामले में किए गए कथित अवैध हस्तक्षेप की जांच के लिए राज्य द्वारा न्यायिक आयोग की अध्यक्षता करने के लिए उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश वीके मोहनन को नियुक्त किए जाने के बाद याचिका दायर की गई थी। इस आशय की एक अधिसूचना 7 मई 2021 को जारी की गई थी।

न्यायिक जांच का आदेश यह जांचने के लिए दिया गया था कि क्या ईडी और सीमा शुल्क विभाग ने आरोपी स्वप्ना सुरेश को बयान देने के लिए मजबूर करके उक्त सोने की तस्करी मामले में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को झूठा फंसाने का कथित प्रयास किया था।

केस टा‌इटिल: प्रवर्तन निदेशालय बनाम केरल राज्य

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