केरल हाईकोर्ट ने 2017 अभिनेता हमले मामले में पल्सर सुनी की जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा

Update: 2023-02-27 07:24 GMT

केरल हाईकोर्ट ने सोमवार को 2017 के एक्टर असॉल्ट केस के मुख्य आरोपी 'पल्सर सुनी' के नाम से मशहूर सुनील एनएस की जमानत अर्जी पर फैसला सुरक्षित रख लिया।

जस्टिस पी.वी कुन्हीकृष्णन ने कहा कि ऐसे कई फैसले हैं, जो कहते हैं कि इस तरह के अपराधों में अपराध की गंभीरता पर भी विचार करना होगा और सिर्फ इसलिए कि अभियुक्त इतने वर्षों तक जेल में रहा है, रिहाई का आधार नहीं हो सकता है।

अदालत ने कहा,

"पीड़ित का प्रथम दृष्टया सबूत कितना क्रूर है। मैं इस पर विचार करूंगा। आदेश सुरक्षित कर लिया।"

सुनी के खिलाफ अभियोजन का मामला यह है कि अभिनेता दिलीप द्वारा आपराधिक साजिश के अनुसरण में पूर्व ने कुछ अन्य आरोपियों के साथ वर्ष 2017 में चलती कार में पीड़िता का अपहरण और यौन उत्पीड़न किया। जबकि सुनी इस मामले में मुख्य आरोपी है। मलयालम अभिनेता दिलीप सह-आरोपी हैं और कथित तौर पर साजिश है। 2017 के मामले में 10 आरोपी हैं।

10 आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120 (बी), 109, 342, 366, 354, 354बी, 357, 376डी, 201, और 212 सपठित धारा 34 और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 ए और 66 ई को लागू किया गय। सुनी करीब 6 साल से जेल में है।

सुनी ने पहले मार्च 2022 में जमानत देने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

जस्टिस कुन्हीकृष्णन ने 29 मार्च, 2022 को यह देखते हुए कि उस स्तर पर जमानत नहीं दी जा सकती, इसे खारिज कर दिया।

बेंच ने जमानत अर्जी खारिज करते हुए यह टिप्पणी की,

"दोनों पक्षों को सुनने के बाद मुझे लगता है कि यह उपयुक्त मामला नहीं है, जिसमें याचिकाकर्ता को इस स्तर पर जमानत पर रिहा किया जा सकता है। इस अदालत ने याचिकाकर्ता द्वारा दायर पहले जमानत आवेदन में इस मामले पर विस्तार से विचार किया। ट्रायल कोर्ट ने भी इस पर विचार किया। इस मामले को अनुबंध-6 के रूप में प्रस्तुत जमानत आदेश में विस्तार से प्रस्तुत किया गया। परिस्थितियों में कोई बदलाव नहीं है। लोक अभियोजक ने प्रस्तुत किया कि ट्रायल अंतिम चरण में है। इसके अलावा, यह भी प्रस्तुत किया गया कि आगे की जांच भी चल रही है।"

जमानत याचिका खारिज होने के खिलाफ जब सुनी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो सुप्रीम कोर्ट ने भी उसे जमानत देने से इनकार कर दिया। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई को उचित समय के भीतर समाप्त नहीं होने पर सुनी को फिर से जमानत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की स्वतंत्रता दी।

एडवोकेट वी.वी. प्रतीक कुरुप के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया,

"निकट भविष्य में मुकदमे के समाप्त होने की कोई संभावना नहीं है। आवेदक ने इसी तरह की राहत के लिए किसी अन्य अदालत का रुख नहीं किया और न ही इस आवेदन के लंबित रहने के दौरान इसी तरह का आवेदन दायर करेगा।"

केस टाइटल: सुनील एन.एस. बनाम केरल राज्य

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