केरल हाईकोर्ट ने कोच्चि निगम को स्ट्रीट फूड स्टालों को नहरों में अपशिष्ट पदार्थ डालने से रोकने में निष्क्रियता के लिए फटकार लगाई

Update: 2023-06-01 16:12 GMT

Kerala High Court

केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में कोच्चि निगम को होटलों, विशेष रूप से “थट्टुकदास” (सड़क के किनारे खाने के स्टॉल) के खिलाफ कठोर कार्रवाई नहीं करने के लिए फटकार लगाई थी। उन पर स्टॉर्म वाटर कैनल्‍स में कचरा डंप करने का आरोप था।

हाईकोर्ट ने पिछले साल एक आदेश में कोच्चि निगम को निर्देश दिया था कि वह बरसात के पानी की नालियों में प्लास्टिक/कूड़ा फेंकने वाले नागरिकों, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों के खिलाफ कार्रवाई करे।

जस्ट‌िस देवन रामचंद्रन की एकल पीठ ने कहा,

"मैं यह समझने में विफल हूं कि निगम ने पूर्वोक्त रुख क्यों अपनाया है, क्योंकि 11.11.2022 के आदेश में, इस न्यायालय ने नागरिकों सहित हर वर्ग को नहरों में किसी भी कचरे को डालने से रोक दिया है। अदालत ने कहा, 'थट्टुकदास' बेहतर स्थिति में नहीं है और इस देश के नागरिकों पर डाला गया हर दायित्व उन पर भी बाध्यकारी है।

कोर्ट को एमिकस क्यूरी एडवोकेट सुनील कुमार व एडवोकेट गोविन्द पद्मनाभन ने बताया कि न्यायालय के पिछले आदेश के बावजूद होटलों और 'थट्टुकदास' द्वारा कचरा डंप करना जारी है और इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है। इस संबंध में कोर्ट ने निगम को निर्देश दिया कि कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करने वाले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

एमिकस क्यूरी ने अदालत को यह भी बताया कि दो रोबोटिक एक्सकेवेटर और सकर-कम-जेटिंग मशीनें कोच्चि निगम द्वारा खरीदी गई हैं, लेकिन इसका उपयोग नहीं किया गया है। एमिकस क्यूरी ने कहा कि निगम को नालों की प्रभावी ढंग से सफाई के लिए इन मशीनों का उपयोग करना चाहिए। कोर्ट ने निगम के वकील को इस संबंध में विशेष निर्देश प्राप्त करने का निर्देश दिया।

कोर्ट ने यह भी कहा कि हालांकि मानसून पूर्व सफाई चल रही है, लेकिन इसमें कुछ पहलुओं की कमी है। कोर्ट ने कहा कि अगर निगम द्वारा सफाई के प्रयासों को प्रभावी ढंग से लागू नहीं किया जाता है तो प्रभारी अभियंता जिम्मेदार होंगे।

केस टाइटल: त्रेसा केजे बनाम केरल राज्य

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