केरल हाईकोर्ट ने 10 साल की बलात्कार पीड़िता के 30 सप्ताह के गर्भ के मेडिकल टर्मिनेशन की अनुमति दी

Update: 2022-03-10 10:49 GMT

केरल हाईकोर्ट ने गुरुवार को एक 10 वर्षीय लड़की की मदद की। इसका उसके पिता ने कथित तौर पर यौन शोषण किया था। उसे उसकी आठ महीने (30 सप्ताह) की गर्भावस्था के मेडिकल टर्मिनेशन की अनुमति दी।

जस्टिस पी. कुन्हीकृष्णन ने इतनी कम उम्र में गर्भवती हुई बच्ची की दुर्दशा को 'दुर्भाग्यपूर्ण' बताते हुए लड़की की मां द्वारा पेश की गई मेडिकल टर्मिनेशन की याचिका को स्वीकार कर लिया।

इससे पहले, जब मामला उठाया गया तो नाबालिग लड़की की जांच के लिए गठित मेडिकल बोर्ड ने कहा कि मेडिकल टर्मिनेशन के लिए एक सर्जरी करनी होगी और इस बात की 80% संभावना है कि बच्चा इस प्रक्रिया से बच जाएगा।

बोर्ड ने यह भी कहा कि नवजात की बीमारी के जोखिम और नाबालिग पीड़ित के स्वास्थ्य के संबंध में मेडिकल जटिलताओं का भी एक मौका है।

इसलिए, कोर्ट ने राज्य सरकार और अस्पताल को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि यदि शिशु जीवित पैदा होता है तो उसे सभी आवश्यक मेडिकल सहायता प्रदान की जाए।

इन निर्देशों के साथ याचिका को स्वीकार किया गया।

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता एम. कबानी दिनेश और सी. आंचल पेश हुए।

केस शीर्षक: YYY बनाम भारत संघ

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